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प्रादेशिक

सीएम योगी ने प्रदेशवासियों से की फाइलेरिया मुक्ति अभियान से जुड़ने की अपील

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लखनऊ। फाइलेरिया के खिलाफ योगी सरकार प्रदेशव्यापी अभियान चला रही है। इसी क्रम में 10 से 28 फरवरी तक प्रदेश के 17 जिलों में फाइलेरिया मुक्ति अभियान की शुरुआत की जा रही है। इसके तहत इन 17 जिलों में 72 हजार स्वास्थ्यकर्मी 3.5 करोड़ से अधिक प्रदेशवासियों को फाइलेरिया की दवा खिलाएंगे। स्वयं सीएम योगी ने भी लोगों से इस महाअभियान से जुड़ने की अपील की है। उन्होंने आग्रह किया है कि क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाली गंभीर बीमारी फाइलेरिया के लक्षण पांच से 15 साल में दिखाई देते हैं। ऐसे में हर कोई खुद को फाइलेरिया ग्रसित मानकर दवा का सेवन करे और खुद के साथ ही आने वाली पीढ़ी को भी इससे सुरक्षित बनाए। यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है, इसलिए लक्षण आने का इंतजार न करके दवा का सेवन करना ही समाज हित में है।

ध्यान न होने पर दिव्यांग बना सकती है फाइलेरिया बीमारी

फाइलेरिया से मुक्ति के लिए 10 से 28 फरवरी तक अमेठी, आजमगढ़, बलिया, बांदा, बाराबंकी, बरेली, हमीरपुर, जौनपुर, जालौन, लखनऊ, पीलीभीत, शाहजहांपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सोनभद्र, उन्नाव और वाराणसी में एमडीए राउंड चलाया जाएगा। इनमें अमेठी, आजमगढ़, बांदा, बाराबंकी, बरेली, लखनऊ, प्रतापगढ़, प्रयागराज, उन्नाव और वाराणसी में ट्रिपल ड्रग (आइवरमेक्टिन, डीईसी और एल्बेंडाजोल) का सेवन कराया जाएगा जबकि बलिया, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर और सोनभद्र में डबल ड्रग (डीईसी और एल्बेंडाजोल) का सेवन कराया जाएगा। डॉ. रमेश सिंह ठाकुर ने बताया कि फाइलेरिया व्यक्ति के साथ परिवार को भी दुर्बल बनाती है। यह बीमारी अगर परिवार के ऐसे व्यक्ति को हो जाए, जिसकी आमदनी पर पूरा परिवार पल रहा है और आय का कोई अतिरिक्त स्रोत नहीं है तो धीरे-धीरे पूरा परिवार का दुर्बल हो जाना स्वाभाविक है। ध्यान नहीं देने पर यह बीमारी पहले और फिर चौथे चरण पहुंचकर पूर्ण रूप से दिव्यांग बना देती है। इस अवस्था में व्यक्ति को कई और बीमारियां होने लगती हैं। ऐसे में दवा का सेवन जरूर करें।

साढ़े तीन करोड़ से अधिक लोगों को खिलाई जाएगी दवा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस बीमारी को रोका तो जा सकता है, लेकिन एक बार हो जाए तो इसका कोई इलाज नहीं किया जा सकता। इसका केवल प्रबंधन किया जा सकता है, जिसके लिए सरकार तत्पर है। वहीं अभियान को सफल बनाने के लिए योगी सरकार सोशल मीडिया का भरपूर सहयोग ले रही है। फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रमेश सिंह ठाकुर ने बताया कि योगी सरकार के निर्देश पर ब्लॉक व ग्राम पंचायत स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। साथ ही विभाग की ओर से सोशल मीडिया फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इसके अलावा लोककला गायन और नुक्कड़ नाटक का भी मंचन किया जा रहा है। अभियान को सफल बनाने के लिए 36 हजार टीमों को गठन किया गया हैं, जिसमें 72 हजार स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। वहीं सात हजार पर्यवेक्षक अभियान की निगरानी करेंगे जबकि 3,60,25,891 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य तय किया गया है। अभियान के दौरान दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से बीमार को छोड़कर सभी को खिलाई जाएगी। शत-प्रतिशत लोगों को दवा का सेवन कराने के लिए स्वास्थ्य टीम घर-घर जाकर दवा उपलब्ध कराएगी। अगर घर पर कोई नहीं मिलता है तो दोबारा गृह भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी। साथ ही लोग अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जा कर खुद भी दवा का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, जिला अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में यह दवा उपलब्ध रहेगी। स्कूल जाने वाले बच्चों को उनके शैक्षणिक संस्थानों में दवा खिलाई जाएगी। वहीं मेडिकल काॅलेज और लखनऊ स्थित मीडिया संस्थानों में बूथ भी लगाए जाएंगे।

ये हैं फाइलेरिया के लक्षण और उपाय

– पांच से 15 साल में हाइड्रोसील, हाथ-पैर व स्तन में सूजन आदि

– सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) चक्र में दवा का सेवन जरूर करें

– गंदगी और मच्छर से दूर रहें और पूरी बांह का कपड़ा पहनें

– मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग दिन में भी करें

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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में ठंड ने दी दस्तक, कड़ाके की ठंड के बीच 2 लोगों की मौत

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छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ में गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है। आने वाले चार-पांच दिनों 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट दर्ज की जा सकती है। वहीं कड़ाके की ठंड के बीच 2 लोगों की मौत हो गई। पहली मौत अंबिकापुर में शुक्रवार और दूसरी मौत बिलासपुर में हुई है। वहीं मैनपाट 6 डिग्री के साथ सबसे ठंडा और दुर्ग 30.4 डिग्री के साथ सबसे गर्म रहा।

मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में अब न्यूनतम तापमान में परिवर्तन की कोई संभावना नहीं है। न्यूनतम तापमान में अब ज्यादा वृद्धि भी नहीं होगी, और न ही गिरावट आएगी। आगामी तीन दिनों में दक्षिण छत्तीसगढ़ में न्यूनतम तापमान में कोई विशेष बदलाव की संभावना नहीं है। मौसम एक्सपर्ट ने बताया कि आगामी तीन दिनों के बाद प्रदेश में न्यूनतम तापमान में वृद्धि होने की संभावना है। प्रदेश के दक्षिण भागों में दो डिग्री सेल्सियस तक न्यूनतम तापमान बढ़ सकता है। वहीं प्रदेश के शेष भागों में तापमान में कोई परिवर्तन नहीं होगी

इन दिनों सबसे ज्यादा ठंड अंबिकापुर में है। शनिवार को प्रदेश में सबसे कम न्यूनतम तापमान 08.4 डिग्री अंबिकापुर में दर्ज किया गया। वहीं सबसे अधिक तापमान 30.8 डिग्री सुकमा में रहा। अब दक्षिण छत्तीसगढ़ में अगले तीन दिन बाद न्यूनतम तापमान में एक-दो डिग्री की वृद्धि होने की संभावना है। राजधानी रायपुर में रविवार को बादल रहने की संभावना है। यहां अधिकतम तापमान 29 डिग्री और न्यूनतम तापमान 15 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है।

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