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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने औरैया को दी करोड़ों की सौगात, बोले- विकास कार्यों को बढ़ा रही है डबल इंजन की सरकार

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CM Yogi

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औरैया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज शनिवार को उप्र के औरैया के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं। यहां उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार विकास के कार्यों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। जातिवाद और परिवारवाद को बढ़ावा देने वालों ने विकास से किनारा किया।

इससे पहले उनका हेलीकॉप्टर सुबह 11.10 पर इंडिया पाइका मैदान में लैंड हुआ। इसके बाद सीएम सीधे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, जहां सांसद राज्यसभा गीता शाक्य व सदर विधायक गुड़िया कठेरिया ने पुष्पगुच्छ और राम दरबार की मूर्ति देकर स्वागत किया। इसके बाद बच्ची को मुख्यमंत्री ने खीर खिलाकर अन्नप्राशन कराया। साथ ही उसके पैरो में पायलें भी पहनाई और उपहार भी दिया। साथ ही, विद्युत सखी को राजकीय आजीविका मिशन के तहत ढाई लाख की चेक सौंपी। वहीं, छात्राओं को लैपटॉप और टैबलेट दिए।

इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले में बनकर तैयार लगभग 238 करोड़ की 81 परियोजनाओं का लोकार्पण और 448 करोड़ की 64 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इसमें बड़ी परियोजना में औरैया-बिधूना मार्ग पर 67.73 करोड़ की लागत से बनने वाली रेल ओवरब्रिज परियोजना है।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम के संबंध में सम्मेलन किया गया है। महिलाओं की उपस्थिति देखकर समझ में आया कि हमारे पूर्वजों ने नारी को शक्ति क्यों कहा है। उन्होंने कहा कि विकास प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री जी ने इस अधिनियम को पारित कराया है।

मुख्यमंत्री के भाषण के मुख्य अंश

  • भारत दुनिया का वह देश है, जहां आधी आबादी को वोट देने का अधिकार मिला। ब्रिटेन की महिलाओं को भारत के बाद सम्मान मिला है।
  • डबल इंजन की सरकार विकास के कार्य आगे बढ़ाने का काम कर रही है। बेटियो और महिलाओं को सुरक्षा देने, शासन की विभिन्न योजनाओं से जोड़कर उनके आगे का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है।
  • बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ में पहले जो आंकड़े आते थे। वो बेहद चौंकाने वाले होते थे। भ्रूण हत्या के आंकड़े भी भयभीत करने वाले आते थे।
  • अब कहीं भी बेटियों को पेट में नहीं मारा जा सकेगा।  इसके लिए प्रधानमंत्री जी ने सख्त नियम बनाए हैं, जिससे आज अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।
  • मुख्यमंत्री सुमंगला योजना में अगले सत्र में 25 हजार देने का प्रावधान किया जा रहा है। बेटी के जन्म लेते ही उसको योजना का लाभ दिया जाएगा। पहली क्लास में जाएगी, छटवीं क्लास और नौवीं क्लास में जाएगी,  तो खाते में पैसा आएगा।
  • मुख्यमंत्री वैवाहिक योजना में 51 हजार रुपए खाते में भेजे जाएंगे। 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद नंगे पैर स्कूल जाने वाली बच्चो को दो ड्रेस, जूता-मौजे आदि के लिए रजिस्ट्रेशन होते ही 12 सौ रुपये खाते में भेजे जाते हैं।
  • जातिवाद और परिवारवाद को बढ़ावा देने वालो ने विकास से किनारा किया। आज इस सरकार में पूरे प्रदेश में विकास किया जा रहे है। मेडिकल कॉलेज दिया गया।  सात सौ करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया गया है।
  • सरकारी सेवाओं में डेढ़ लाख महिलाओ को प्रदेश में नौकरी दी गई है। बुंदेलखंड में 40 हजार महिलाएं स्वावलंबन की योजनाओं से जुड़कर करोड़ों रुपए का लाभ कमा रही हैं।

उत्तर प्रदेश

प्रयागराज में स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम, जिनके श्राप के कारण हुआ था समुद्र मंथन

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 महाकुम्भ। सनातन संस्कृति में तीर्थराज, प्रयागराज को यज्ञ और तप की भूमि के रूप में जाना जाता है। वैदिक और पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रयागराज में अनेक देवी, देवताओं और ऋषि-मुनियों ने यज्ञ और तप किये हैं। उनमें से ही एक है ऋषि अत्रि और माता अनसूईया के पुत्र महर्षि दुर्वासा। महर्षि दुर्वासा को पौरिणक कथाओं में उनके क्रोध और श्राप के लिए जाना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवता शक्तिहीन हो गये थे। तब देवताओं ने भगवान विष्णु के कहने पर असुरों के साथ मिलकर समुद्र मंथन किया था। महर्षि दुर्वासा की तपस्थली प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है। मान्यता है कि अपने क्रोध के कारण ही महर्षि दुर्वासा को प्रयागराज में शिव जी की तपस्या करनी पड़ी थी।

महर्षि दुर्वासा के श्रापवश देवताओं को करना पड़ा था समुद्र मंथन

पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन में निकली अमृत की बूंद गिरने के कारण ही प्रयागराज में महाकुम्भ का पर्व मनाया जाता है। पुराणों में समुद्र मंथन की कई कथाएं प्रचलित हैं, उनमें से एक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवताओं को असुरों के साथ मिल कर समुद्र मंथन करना पड़ा था। कथा के अनुसार एक बार देवराज इंद्र, हाथी पर बैठ कर भ्रमण कर रहे थे, महर्षि दुर्वासा ने उनको आशीर्वाद स्वरूप फूलों की माला पहनने को दी। देवराज इंद्र ने अपनी शक्ति के मद में महर्षि दुर्वासा की ओर ध्यान नहीं दिया और उनकी दी हुई माला को अपने हाथी को पहना दिया। हाथी ने फूलों की महक से परेशान होकर माला को गले से उतार कर पैरों से कुचल दिया। यह सब देखकर महर्षि दुर्वासा ने क्रोधवश देवराज इंद्र सहित सभी देवताओं को शक्तिहीन होने का श्राप दे दिया। तब देवता निराश हो कर विष्णु जी के पास पहुंचे। भगवान विष्णु ने देवताओं को पुनः शक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन करने को कहा। अंततः महर्षि दुर्वासा के श्राप से मुक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए देवताओं ने समुद्र मंथन किया था।

महर्षि दुर्वासा द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से मिलता है अभयदान

महर्षि दुर्वासा आश्रम उत्थान ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष शरत चंद्र मिश्र जी ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार परम विष्णु भक्त इक्षवाकुवंशीय राजा अंबरीष को क्रोधवश गलत श्राप देने के कारण सुदर्शन चक्र, महर्षि दुर्वासा को मारने के लिए पीछा करने लगे। महर्षि को भगवान विष्णु ने अभयदान के लिए प्रयागराज में संगम तट से एक योजन की दूरी पर भगवान शिव की तपस्य़ा करने को कहा। महर्षि दुर्वासा ने गंगा तट पर शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शिव का तप और पूजन किया, जिससे उन्हें अभयदान मिला। पौराणिक मान्यता है कि महर्षि द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से अभयदान मिलता है।

प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम

दूर्वा अर्थात दूब घास को ही अपना आहार बनाने वाले महर्षि दुर्वासा का आश्रम प्रयागराज में झूंसी क्षेत्र के ककरा दुबावल गांव में स्थित है। यहां महर्षि दुर्वासा के आश्रम में एक प्राचीन शिव मंदिर है। मान्यता है कि मंदिर में शिव लिंग की स्थापना स्वयं दुर्वासा ऋषि ने ही की थी। मंदिर के गर्भगृह में साधना अवस्था में महर्षि दुर्वासा की प्रतिमा भी स्थापित है। साथ ही मंदिर के प्रांगण में अत्रि ऋषि, माता अनसुइया, दत्तात्रेय भगवान, चंद्रमा, हनुमान जी और मां शारदा की प्रतिमाएं भी है। महर्षि दुर्वासा को वैदिक ऋषि अत्रि और सती अनसुइया का पुत्र और भगवान शिव का अंश माना जाता है। भगवान दत्तात्रेय और चंद्रमा उनके भाई हैं। सावन मास में यहां प्रतिवर्ष मेला लगता है तथा मार्गशीर्ष माह की चतुर्दशी के दिन दुर्वासा जंयति मनाई जाती है।

महाकुम्भ में पर्यटन विभाग ने करवाया है दुर्वासा आश्रम और शिव मंदिर का जीर्णोद्धार

महाकुम्भ 2025 के दिव्य, भव्य आयोजन में सीएम योगी के निर्देश के अनुरूप प्रयागराज के मंदिर और घाटों का जीर्णोद्धार हो रहा है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग ने महर्षि दुर्वासा आश्रम का भी जीर्णोद्धार कराया है। मंदिर के प्रवेश मार्ग पर रेड सैण्ड स्टोन के तीन विशाल द्वार का निर्माण हुआ है। मंदिर की पेंटिग और लाईटिंग का कार्य भी करवाया जा रहा है। महाकुम्भ में संगम स्नान करने वाले श्रद्धालु अभयदान पाने के लिए महर्षि दुर्वासा आश्रम और शिवलिंग का पूजन करने जरूर आते हैं।

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