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प्रादेशिक

यूपी में मेडिकल डिवाइस पार्क को केंद्र की हरी झंडी, सीएम योगी ने जताया पीएम मोदी का आभार

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लखनऊ। देश में बनने वाले चार मेडिकल डिवाइस पार्कों में से एक पार्क उत्तर प्रदेश में होगा। केंद्र सरकार ने यूपी के विकास की असीम संभावनाओं से जुड़े इस प्रोजेक्‍ट की स्‍वीकृति दे दी है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने इसके लिए ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्‍यवाद दिया है। सीएम ने प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि निवेश की संभावनाओं को ये क़दम निश्चित रूप से और तेज़ी से आगे बढ़ाएगा।

उत्तर प्रदेश देश के दवा उत्पादन और चिकित्सकीय उपयोग में आने वाले उपकरणों का हब बनने जा रहा है । मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने की योजना पर केंद्र की मुहर लगने के साथ ही यूपी ने विकास की एक और बड़ी छलांग लगा दी है। उत्तर प्रदेश का पहला और उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण (यीडा) के एरिया में बनाया जाएगा। यीडा ने इसके लिए गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के सेक्टर-28 में 350 एकड़ जमीन पहले ही तय कर दी है। इस मेडिकल डिवाइस पार्क में इनक्यूबेशन सेंटर भी बनाया जाएगा। यह सेंटर पांच एकड़ में बनेगा। इस सेंटर से स्टार्टअप कंपनियों को फायदा मिलेगा। इनक्यूबेशन सेंटर के लिए यीडा ने आईआईटी कानपुर से अनुबंध किया है। दो चरणों में बनाए जाने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क के जरिए 5,250 करोड़ रुपए का निवेश होगा और 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।

गौरतलब है कि भारतीय दवा उद्योग का दुनिया में तीसरा नंबर है। इसके बावजूद तमाम दवाओं के कच्चे माल के लिए भारत चीन पर निर्भर है। कुछ दवाओं के कच्चे माल के संदर्भ में तो यह निर्भरता 80 से 100 फीसद तक है। कोरोना के संक्रमण की शुरूआत हुई तो स्वाभाविक रूप से कच्चे माल का संकट भी हुआ। लिहाजा नीति आयोग, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्र के संबंधित विभागों ने तय किया कि क्यों ने देश को दवाओं और चिकित्सकीय उपकरणों के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए देश में ही फार्मा और फार्मा उपकरण बनाने वाले पार्क बनाए जाएं। इस सोच के तहत ही केंद्र सरकार ने देश में चार मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने का निर्णय लिया। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ और नोएडा में ऐसे पार्क बनाने की स्वीकृति प्रदान करने केंद्र सरकार को पर लिखा था।

इस पार्क की एक ख़ास बात यह भी है कि नोएडा के मेडिकल डिवाइस पार्क में इनक्यूबेशन सेंटर बनेगा। प्राधिकरण ने कानपुर आईआईटी को इसके लिए अनुबंध किया है। ताकि नई तकनीक का आदान-प्रदान हो सके। मेडिकल डिवाइस पार्क में आने वाली स्टार्टअप कंपनियों को भी फायदा मिलेगा। इससे दो फायदे होंगे। पहला इनक्यूबेशन सेंटर और समृद्ध होगा। दूसरा स्टार्टअप कंपनियों को कानपुर आईआईटी से सहयोग मिल सकेगा। प्राधिकरण ने इसकी कार्य योजना तैयार कर ली है। इसके अलावा यीडा मेडिकल डिवाइस पार्क में कॉमन फैसिलिटी सेंटर भी विकसित करेगा। इसमें यहां आने वाली कंपनियों के लिए तमाम सुविधाएं दी जाएंगी। एक ही छत के नीचे कंपनियों को उनकी जरूरत के मुताबिक सुविधाएं मिलेंगी। कुल मिलाकर सेक्टर 28 में बनाया जाने वाले इस मडिकल डिवाइस पार्क की खूबियों के चलते हेल्थ सेक्टर में कार्यरत संसार की विख्यात कंपनियां यहां निवेश करने के लिए आगे आएंगी।

क्‍या हैं इन्क्यूबेशन सेंटर

स्टार्टअप व्यवसाय को विकसित करने में मददगार स्टार्टअप व्यवसाय को विकसित करने में मदद करने वाले संस्थानों को इन्क्यूबेशन सेंटर कहा जाता है। इन्क्यूबेशन सेंटर प्रारंभिक चरण में स्टार्टअप्स के लिए संजीवनी के सामान होते हैं। ये संस्थान आम तौर पर स्टार्टअप्स को व्यापारिक एवं तकनीकि सुविधाओं, सलाह, प्रारंभिक विकास निधि, नेटवर्क और सम्बन्ध, सहकारी रिक्त स्थान, प्रयोगशाला की सुविधा, सलाह और सलाहकार की सुविधाएं प्रदान करती हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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