Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

18000 भारतीयों की चिंता, इजरायल-हमास की लड़ाई पर भारत ने शुरू किया ‘ऑपरेशन अजय’

Published

on

Concern of 18000 Indians, India started 'Operation Ajay' in Israel-Hamas war

Loading

नई दिल्ली। इजरायल और आतंकी संगठन हमास के बीच जब से लड़ाई छिड़ी है, वहां रहने वाले भारतीयों की चिंता बढ़ गई है। इस घटनाक्रम पर पहली प्रतिक्रिया के तौर पर भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन अजय’ शुरू किया है। इसके जरिए इजरायल में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया जाएगा।

सरकार ने 24 घंटे तक ऐक्टिव रहने वाला कंट्रोल रूम भी बना दिया है। हालात पर पैनी नजर रखी जा रही है। इजरायल में इस समय करीब 18,000 भारतीय रहते हैं। गाजा में इजरायल बड़े पैमाने पर बमबारी कर रहा है। अमेरिका समेत कई देश खुलकर इजरायल का सपोर्ट कर रहे हैं। लेबनान से भी तनाव बढ़ने की आशंका जताई गई है।

मुस्लिम देश गाजा पट्टी (फिलिस्तीन) के सपोर्ट में खड़े दिख रहे हैं। इस बीच गाजा में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बंद कर दी गई है। पूरे इलाके को इजरायली सैनिकों ने घेर रखा है। अब तक 3000 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हुए हैं। इजरायल से भारतीयों को कैसे निकाला जाएगा, इस अभियान के बारे में 11 पॉइंट्स में समझिए।

इस ऑपरेशन में क्या-क्या होगा, क्या भारत को नुकसान होगा?

  1. इजरायल से स्वदेश वापस आने की इच्छा रखने वाले भारतीयों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने ‘ऑपरेशन अजय’ शुरू किया है। हमास आतंकियों और इजरायल के बीच 6 दिन से लड़ाई चल रही है।
  2. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘इजरायल से लौटने के इच्छुक हमारे नागरिकों की वापसी के लिए ‘ऑपरेशन अजय’ शुरू कर रहे हैं।’ वैसे, जयशंकर इस समय श्रीलंका की यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि विशेष चार्टर उड़ानों का प्रबंधन और दूसरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
  3. भारतीयों के पहले जत्थे को बृहस्पतिवार को एक विशेष उड़ान के जरिए इजरायल से वापस लाए जाने की उम्मीद है।
  4. इजरायल में भारतीय दूतावास ने जयशंकर की घोषणा के तुरंत बाद कहा कि उसने बृहस्पतिवार को विशेष उड़ान के लिए रजिस्टर किए गए भारतीयों के पहले जत्थे को ई-मेल भेज दिया है। आगे की उड़ानों के लिए अन्य पंजीकृत लोगों को संदेश भेजे जाएंगे।
  5. कुछ दिन पहले इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर हुई बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने वहां फंसे भारतीयों की सुरक्षा पर चिंता जताई थी।
  6. हमास के इजरायल पर रॉकेट हमले के फौरन बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंकी हमले की निंदा करते हुए हर तरह के आतंकवाद की कड़े शब्दों में आलोचना की थी।
  7. आशंका इस बात की जताई जा रही है कि तनाव बढ़ने पर पूरे क्षेत्र में अशांति फैल सकती है। इससे भारत के लिए ऊर्जा सप्लाई प्रभावित हो सकती है। दूसरी बड़ी चिंता विशाल भारतीय समुदाय है, जो वहां रहता है।
  8. वैसे, भारत इजरायल, यूएई, अमेरिका सभी से संबंध मजबूत रखना चाहता है। अगर तनाव बढ़ता है तो हाल में लॉन्च की गई भारत-मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर भी प्रभावित हो सकता है।
  9. यह लड़ाई ऐसे समय में छिड़ी है जब गल्फ देश इजरायल से संबंधों को सामान्य बनाने के इच्छुक दिख रहे थे।
  10. बहरीन में भारतीय राजदूत रहे मोहन कुमार का कहना है कि इस संघर्ष से भारत के हितों के दीर्घकालिक रूप में प्रभावित होने की संभावना नहीं है। यह I2U2 देशों (India, Israel, UAE and US) के बीच सहयोग को मजबूत कर सकता है।
  11. बुनियादी ढांचे पर आधारित IMEC (इकोनॉमिक कॉरिडोर) जरूर प्रभावित हो सकता है लेकिन समस्याएं ज्यादा कठिन नहीं होंगी। भारत आतंकवाद से पीड़ित रहा है। ऐसे में हमास के हमले की उसकी निंदा भी उस भावना के अनुरूप है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तानी हवाई हमले से बौखलाया तालिबान, 15 लोगों की मौत

Published

on

Loading

काबुल। अफगानिस्तान में पक्तिका प्रांत के बरमल जिले पर पाकिस्तान ने की हवाई हमले किए जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 24 दिसंबर की रात को पाकिस्तान के हमलों में लमान सहित सात गांवों को निशाना बनाया गया, जहां एक ही परिवार के पांच सदस्य मारे गए। स्थानीय सूत्रों का दावा है कि बमबारी के लिए पाकिस्तानी जेट जिम्मेदार थे। रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि बरमाल में मुर्ग बाज़ार गांव पूरी तरह से नष्ट हो गया है, इस हमले में कई लोग घायल भी हैं।

पाकिस्तानी हवाई हमले से बौखलाया तालिबान

खामा प्रेस ने बताया कि इस हवाई हमले की जांच की जा रही है और इसकी पुष्टि करने और हमलों की जिम्मेदारी स्पष्ट करने के लिए आगे की जांच की आवश्यकता है। तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने बरमाल, पक्तिका पर हवाई हमले के बाद जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है। मंत्रालय ने कहा कि अपनी भूमि और संप्रभुता की रक्षा करना उनका वैध अधिकार है, और हमले की निंदा करते हुए दावा किया कि लक्षित लोगों में “वज़ीरिस्तानी शरणार्थी” भी शामिल

पाकिस्तान ने साधी चुप्पी

पाकिस्तानी अधिकारियों ने आधिकारिक तौर पर हवाई हमले की पुष्टि नहीं की है, लेकिन सेना के करीबी सुरक्षा सूत्रों ने सुझाव दिया कि हमला सीमा के पास तालिबान के ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया था। यह हवाई हमला पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुआ है। खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी तालिबान या तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हाल के महीनों में पाकिस्तानी बलों पर अपने हमले बढ़ा दिए हैं, पाकिस्तान ने अफगान तालिबान पर इन आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया है।

बढ़ सकती है मृतकों की संख्या

तालिबान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्ला ख्वारज़मी ने पाकिस्तानी दावों का खंडन किया और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया कि हवाई हमले में “नागरिक लोग, ज्यादातर वज़ीरिस्तानी शरणार्थी” मारे गए थे। ख्वारज़मी ने कहा कि हमले में “कई बच्चे और अन्य नागरिक शहीद और घायल हुए”, हालांकि हताहतों की कोई आधिकारिक संख्या उपलब्ध नहीं कराई गई। सूत्रों ने बताया कि महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 15 शव बरामद किए गए हैं, और खोज प्रयास जारी रहने के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

Continue Reading

Trending