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मुख्य समाचार

देश में कोरोना टीकाकरण अभियान का एक साल पूरा, अब तक दिए जा चुके हैं इतने डोज

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नई दिल्ली। भारत ने रविवार को कोविड -19 के खिलाफ राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की पहली वर्षगांठ मनाई। इस अभियान में अब तक 156.76 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं। महामारी के खिलाफ भारत की सामूहिक लड़ाई पिछले साल 16 जनवरी को पूरे देश में टीकाकरण अभियान के साथ शुरू हुई थी।

इस अभियान को बाद में नागरिकों और अंत में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए विस्तारित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा, आज हमने वैक्सीन अभियान के एक साल को पूरा कर लिया है। मैं टीकाकरण अभियान से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को सलाम करता हूं। हमारे टीकाकरण कार्यक्रम ने कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में बहुत ताकत जोड़ दी है। इससे लोगों की जान बची है और इस प्रकार आजीविका की रक्षा हुई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर कहा, आज दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को एक साल पूरा हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सबके प्रयास से शुरू किया गया यह अभियान दुनिया का सबसे सफल टीकाकरण अभियान है। आज मैं सभी स्वास्थ्य कर्मियों, वैज्ञानिकों और देशवासियों को बधाई देता हूं।

दो मेड-इन-इंडिया टीके (कोविशील्ड और कोवैक्सीन) को 2 जनवरी, 2021 को आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण दिया गया था। भारत ने 19 फरवरी, 2021 को एक करोड़ टीकाकरण का मील का पत्थर हासिल किया। भारत में 15 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों के लिए टीकाकरण अभियान 3 जनवरी, 2022 को शुरू किया गया था।

इसकी शुरूआत के बाद से, इस आयु वर्ग के लगभग 40 प्रतिशत बच्चों को टीके की पहली खुराक मिल चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस समूह में कुल 3,38,50,912 किशोरों को टीका लगाया गया है।

इस बीच, भारत ने स्वास्थ्य सेवा और फ्रंटलाइन वर्कर और 60 से ऊपर के लोगों के लिए 10 जनवरी को बूस्टर खुराक के लिए अभियान शुरू किया। अब तक 40 लाख से ज्यादा लोगों को बूस्टर खुराक मिल चुकी है।

नेशनल

कौन हैं वी नारायणन, जो बनेंगे ISRO के नए अध्यक्ष

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वी नारायणन को इसरो का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया है। वी नारायणन 14 जनवरी से ISRO के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे और साथ ही वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव का पद भी संभालेंगे। नियुक्ति समिति के आदेश के अनुसार वी नारायणन अगले दो सालों तक या आगामी आदेश तक इन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर काम करेंगे।

कौन हैं इसरो के नए प्रमुख?

वी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। उनके पास रॉकेट और अंतरिक्षयान प्रणोदन के क्षेत्र में चार दशकों का व्यापक अनुभव है। वह वर्तमान में द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (Liquid Propulsion Systems Centre, LPSC) के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, जो इसरो के मुख्य केंद्रों में से एक है। वी नारायणन 1984 में ISRO में शामिल हुए और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया। प्रारंभिक चरण के दौरान, उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में साउंडिंग रॉकेट्स और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया।

वी नारायणन ने एब्लेटिव नोजल सिस्टम, कंपोजिट मोटर केस और कंपोजिट इग्नाइटर केस की प्रक्रिया योजना, प्रक्रिया नियंत्रण और कार्यान्वयन में योगदान दिया। फिलहाल नारायणन एलपीएससी के निदेशक हैं, जो ISRO के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियामला में है, जिसकी एक इकाई बेंगलुरु में है। नारायणन के पास 40 साल का अनुभव है। वे रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन के एक्सपर्ट हैं।

14 जनवरी को रिटायर हो रहे एस सोमनाथ

ISRO के मौजूदा चेयरमैन एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को ISRO चेयरमैन का पद संभाला था। वे तीन साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में ISRO ने इतिहास रचा। ISRO ने न सिर्फ चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराई, बल्कि धरती से 15 लाख किमी ऊपर लैगरेंज पॉइंट पर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-L1 भी भेजा।

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