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अन्तर्राष्ट्रीय

ऐस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को लगा झटका, 12 देशों ने लगाई इस्तेमाल पर रोक

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नई दिल्ली। कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए कई देश वैक्सीनेशन शुरू कर चुके हैं। इस खतरनाक वायरस को रोकने में ब्रिटेन में बनी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन भी अहम भूमिका निभा रही है।

लेकिन अब यह वैक्सीन सवालों के घेरे में आ गई है। दरअसल, कई देशों में इस वैक्सीन को दिए जाने के बाद खून के थक्के जमने की शिकायत शुरू हो गई जिसके बाद सात दिनों के अंदर 12 देशों ने इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी।

सोमवार को जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन ने भी इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी। इसके अलावा नीदरलैंड में भी इस वैक्सीन पर रोक लगा गई है। बता दें कि भारत में भी ऐस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन को सरकार की तरफ से इमरजेंसी यूज के लिए अप्रूवल मिल चुका है। देश में यह टीका पुणे की सीरम इंस्टिट्यूट बना रही है।

इससे पहले आयरलैंड, बुल्गारिया, डेनमार्क, नार्वे और आइसलैंड ने खून के थक्के बनने को लेकर चिंताएं सामने आने के बाद एहतियात के तौर पर इस टीके पर रोक लगा दी थी।

उधर, वैक्सीन बनाने वाली कंपनी का कहना है कि उन्हें इस बात के अब तक कोई ऐसे सबूत नहीं मिले हैं जिससे यह साबित हो सके की वैक्सीन की वजह से ही लोगों के शरीर में खून के थक्के जमे हैं।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तानी हवाई हमले से बौखलाया तालिबान, 15 लोगों की मौत

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काबुल। अफगानिस्तान में पक्तिका प्रांत के बरमल जिले पर पाकिस्तान ने की हवाई हमले किए जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 24 दिसंबर की रात को पाकिस्तान के हमलों में लमान सहित सात गांवों को निशाना बनाया गया, जहां एक ही परिवार के पांच सदस्य मारे गए। स्थानीय सूत्रों का दावा है कि बमबारी के लिए पाकिस्तानी जेट जिम्मेदार थे। रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि बरमाल में मुर्ग बाज़ार गांव पूरी तरह से नष्ट हो गया है, इस हमले में कई लोग घायल भी हैं।

पाकिस्तानी हवाई हमले से बौखलाया तालिबान

खामा प्रेस ने बताया कि इस हवाई हमले की जांच की जा रही है और इसकी पुष्टि करने और हमलों की जिम्मेदारी स्पष्ट करने के लिए आगे की जांच की आवश्यकता है। तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने बरमाल, पक्तिका पर हवाई हमले के बाद जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है। मंत्रालय ने कहा कि अपनी भूमि और संप्रभुता की रक्षा करना उनका वैध अधिकार है, और हमले की निंदा करते हुए दावा किया कि लक्षित लोगों में “वज़ीरिस्तानी शरणार्थी” भी शामिल

पाकिस्तान ने साधी चुप्पी

पाकिस्तानी अधिकारियों ने आधिकारिक तौर पर हवाई हमले की पुष्टि नहीं की है, लेकिन सेना के करीबी सुरक्षा सूत्रों ने सुझाव दिया कि हमला सीमा के पास तालिबान के ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया था। यह हवाई हमला पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुआ है। खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी तालिबान या तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हाल के महीनों में पाकिस्तानी बलों पर अपने हमले बढ़ा दिए हैं, पाकिस्तान ने अफगान तालिबान पर इन आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया है।

बढ़ सकती है मृतकों की संख्या

तालिबान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्ला ख्वारज़मी ने पाकिस्तानी दावों का खंडन किया और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया कि हवाई हमले में “नागरिक लोग, ज्यादातर वज़ीरिस्तानी शरणार्थी” मारे गए थे। ख्वारज़मी ने कहा कि हमले में “कई बच्चे और अन्य नागरिक शहीद और घायल हुए”, हालांकि हताहतों की कोई आधिकारिक संख्या उपलब्ध नहीं कराई गई। सूत्रों ने बताया कि महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 15 शव बरामद किए गए हैं, और खोज प्रयास जारी रहने के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

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