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दिल्ली के मंत्री ने राम और कृष्ण को ईश्वर न मानने की दिलाई शपथ, बिफरी भाजपा

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भाजपा

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम पर आरोप लगाया है कि उन्होंने लोगों को ब्रह्मा, विष्णु, महेश, राम और कृष्ण को ईश्वर न मानने और इनकी कभी पूजा नहीं करने की शपथ दिलाई।

भाजपा नेताओं ने इसका एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें बड़ी संख्या में लोग हिंदू देवी-देवताओं को ईश्वर न मानने और उनकी पूजा न करने की शपथ लेते दिख रहे हैं। हालांकि आज की खबर इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। यह वीडियो ‘मिशन जय भीम’ कार्यक्रम का बताया जा रहा है, जिसमें राजेंद्र पाल गौतम भी शामिल हुए थे। दिल्ली के करोलबाग स्थित अंबेडकर भवन में 10 हजार लोगों ने बौद्ध दीक्षा ली।

गौतम ने इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए ट्विटर पर लिखा, ”चलो बुद्ध की ओर मिशन जय भीम बुलाता है। आज “मिशन जय भीम” के तत्वाधान में अशोका विजयदशमी पर डॉ. अंबेडकर भवन रानी झांसी रोड पर 10,000 से ज्यादा बुद्धिजीवियों ने तथागत गौतम बुद्ध के धम्म में घर वापसी कर जाति विहीन व छुआछूत मुक्त भारत बनाने की शपथ ली। नमो बुद्धाय, जय भीम!”

भाजपा नेताओं ने इस वीडियो के साथ केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी को घेरना शुरू कर दिया है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने वीडियो के साथ लिखा, ”एक बार फिर AAP का हिंदू विरोधी चेहरा बेनकाब। अरविंद केजरीवाल के मंत्री लोगों से शपथ दिलवा रहे हैं कि मैं किसी ब्रह्मा, विष्णु, महेश को नहीं मानूंगा! तो फिर चुनाव के दौरान मंदिरों में क्या दर्शाने के लिए जाते हो? क्या हिंदू धर्म इतना चुभता है AAP की आंखों में? इतनी नफरत क्यों?”

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने लिखा, ”इतना हिंदू विरोधी क्यों है AAP? हिंदू धर्म के ख़िलाफ़ शपथ ले भी रहे है और दिला भी रहे है ये aap के मंत्री।” भाजपा नेता कुलजीत सिंह चहल ने ट्वीट किया, ”केजरीवाल जी श्रीराम श्रीकृष्ण से इतना बैर? ये हैं AAP सरकार के मंत्री राजेन्द्र गौतम पाल, जिनके द्वारा आयोजित जय भीम मिशन में 10 हजार लोगों को शपथ दिलाई गई। मैं हिंदू धर्म के देवी देवताओं ब्रह्मा,विष्णु,महेश, श्रीराम, श्रीकृष्ण को भगवान नहीं मानूंगा, न ही उनकी पूजा करूंगा।”

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नेशनल

कौन हैं वी नारायणन, जो बनेंगे ISRO के नए अध्यक्ष

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वी नारायणन को इसरो का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया है। वी नारायणन 14 जनवरी से ISRO के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे और साथ ही वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव का पद भी संभालेंगे। नियुक्ति समिति के आदेश के अनुसार वी नारायणन अगले दो सालों तक या आगामी आदेश तक इन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर काम करेंगे।

कौन हैं इसरो के नए प्रमुख?

वी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। उनके पास रॉकेट और अंतरिक्षयान प्रणोदन के क्षेत्र में चार दशकों का व्यापक अनुभव है। वह वर्तमान में द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (Liquid Propulsion Systems Centre, LPSC) के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, जो इसरो के मुख्य केंद्रों में से एक है। वी नारायणन 1984 में ISRO में शामिल हुए और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया। प्रारंभिक चरण के दौरान, उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में साउंडिंग रॉकेट्स और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया।

वी नारायणन ने एब्लेटिव नोजल सिस्टम, कंपोजिट मोटर केस और कंपोजिट इग्नाइटर केस की प्रक्रिया योजना, प्रक्रिया नियंत्रण और कार्यान्वयन में योगदान दिया। फिलहाल नारायणन एलपीएससी के निदेशक हैं, जो ISRO के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियामला में है, जिसकी एक इकाई बेंगलुरु में है। नारायणन के पास 40 साल का अनुभव है। वे रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन के एक्सपर्ट हैं।

14 जनवरी को रिटायर हो रहे एस सोमनाथ

ISRO के मौजूदा चेयरमैन एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को ISRO चेयरमैन का पद संभाला था। वे तीन साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में ISRO ने इतिहास रचा। ISRO ने न सिर्फ चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराई, बल्कि धरती से 15 लाख किमी ऊपर लैगरेंज पॉइंट पर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-L1 भी भेजा।

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