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Electoral Bonds: म्यांमार का मजदूर जो बना लॉटरी किंग, जानिए कौन है सैंटियागो मार्टिन जिनकी कंपनी ने दिया 1368 करोड़ का चंदा

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने गुरुवार को चुनावी बॉन्ड का डेटा सार्वजनिक कर दिया। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद डेटा दो भागों में बंटा हुआ है, जिसमें कुल 763 पन्ने हैं। एक लिस्ट में बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियां, बॉन्ड खरीदने की तारीख और बॉन्ड की कुल राशि की बात की गई है। वहीं दूसरी लिस्ट में तारीख, राजनीतिक पार्टी और उनके चंदे को दर्शाया गया है। 1368 करोड़ रुपये साथ फ्यूचर गेमिंग इस लिस्ट में सबसे ऊपर है। फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज ने सबसे अधिक 1368 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। वहीं दूसरे स्थान है मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड जिसने 980 करोड़ रुपये चुनावी दान में दिए हैं।

आज हम आपको फ्यूचर गेमिंग कंपनी के ही बारे में बताने वाले हैं। फ्यूचर गेमिंग कंपनी की स्थापना 1991 में सैंटियागो मार्टिन ने की थी. जिन्हें भारत का लॉटरी किंग कहा जाता है। उनकी कंपनी फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का दान देने वाली इकलौती कंपनी है। चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गे इलेक्टोरल बॉन्ड के डेटा के मुताबिक, अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड के कुल मूल्य का आधा हिस्सा 23 कंपनियों का है। ईसीआई द्वारा प्रकाशित डेटा के मुताबिक, एसबीआई ने कुल 12,155.51 करोड़ रुपये के बॉन्ड का विवरण दिया है. जो पिछले पांच सालों में 1,300 से अधिक कंपनियों ने खरीदे थे।

कौन हैं सैंटियागो मार्टिन

सैंटियागो मार्टिक को ‘लॉटरी किंग ऑफ इंडिया’ के नाम से जाना जाता है। उनके धर्मार्थ ट्रस्ट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, सैंटियागो मार्टिन अपने करियर के शुरूआती दिनों में म्यांमार के यांगून में मजदूरी किया करते थे। साल 1988 में वह भारत लौट आए। उसके बाद उन्होंने तमिलनाडु में आकर लॉटरी बिजनेस शुरू किया। इसके बाद उन्होंने अपने कारोबार का विस्तार कर्नाटक और केरल में भी किया। वहां से उन्होंने नॉर्थ ईस्ट में लॉटरी का बिजनेस शुरू कर दिया। यहां से सैंटियागो मार्टिन ने भूटान और नेपाल में भी अपनी कंपनी शुरू कर दी। लॉटरी के बिजनेस में उन्हें खूब फायदा हुआ।

धर्मार्थ ट्रस्ट की वेबसाइट पर मिली जानकारी के मुताबिक, सैंटियागो मार्टिन ने लॉटरी के बाद कंस्ट्रक्शन, रियल एस्टेट, कपड़ा और हॉस्पिटैलिटी समेत अन्य बिजनेस में भी किस्मत आजमाई। सैंटियागो मार्टिन ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ लॉटरी ट्रेड एंड अलाइड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष भी हैं, जो कि भारत में लॉटरी व्यापार के उत्थान और विश्वसनीयता को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। उनकी कंपनी प्रतिष्ठित विश्व लॉटरी असोसिएशन फ्यूचर गेमिंग सॉल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सदस्य भी है।

फ्यूचर गेमिंग कंपनी का कारोबार देश के 13 राज्यों में फैला हुआ है. जहां 1,000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। फ्यूचर गेमिंग कंपनी जिन राज्यों में लॉटरी का कारोबार कर रही है उनमें अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, गोवा, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब शामिल हैं। बता दें कि नागालैंड और सिक्किम में फ्यूचर लोकप्रिय ‘डियर लॉटरी’ का एकमात्र वितरक है।

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आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में मची भगदड़, 6 श्रद्धालुओं की मौत, कब और कैसे मच गई भगदड़?

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आंध्र प्रदेश। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बीते बुधवार को भगदड़ मचने से 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है. इस भगदड़ में दर्जनों भक्तों के घायल हुए हैं, जिनका इलाज जारी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीते साल 2024 में देश में किन-किन जगहों पर भगदड़ मची थी. जानिए साल 2024 में किन जगहों पर भगदड़ के कारण लोगों की मौत हुई थी.

तिरुपति मंदिर में मची भगदड़

आंध्र प्रदेश के सबसे अमीर तिरुपति बालाजी मंदिर में वैकुंठ द्वार के दर्शन के लिए ही लोग टोकन लेने के बीते बुधवार देर शाम से लाइन में खड़े थे. जानकारी के मुताबिक काउंटर के पास 4 हजार से ज्यादा श्रद्धालु कतार में खड़े थे. जिसके बाद श्रद्धालुओं को बैरागी पट्टीडा पार्क में कतार लगाने का निर्देश दिया गया था, इसी दौरान आगे जाने की होड़ में अफरा-तफरी मच गई थी. कई भक्त आगे भागने की कोशिश में एक-दूसरे के ऊपर चढ़ने लगे थे, जिस दौरान कई श्रद्धालु भीड़ के बीच जमीन पर नीचे गिर गए और उनकी दम घुटने से मौत हो गई है. इस दौरान दर्जनों भक्त घायल हुए हैं, जिनका इलाज जारी है.

कब और कैसे मच गई भगदड़?

हालात काबू में आये ही थे तो रामा नायडू स्कूल में बने केंद्र से हालात बेकाबू होने की खबर आ गई। दरअसल, इसी केंद्र में सबसे ज्यादा भीड़ जमा हुई थी। पुलिस ने टोकन Q लाइन को बंद कर रखा था। अगले दिन सुबह 5 बजे यानी आज सुबह टोकन Q लाइन खुलनी थी लेकिन लोग एक दिन पहले मतलब बुधवार को ही जमा हो गए। ज्यादा भीड़ को देखते हुए पुलिस ने लाइन खोले जाने तक लोगों को पास में बने एक पार्क में बैठने को कहा। कुछ ही देर में वो पार्क खचाखच भर गया। पुलिस ने पार्क का गेट बंद कर दिया। शाम 7 बजे के करीब पार्क में दम घुटने के चलते एक महिला बेसुध हो गई। इस महिला के इलाज के लिए उसे पार्क से बाहर निकलाने का फैसला किया गया और एक पुलिस अधिकारी के कहने पर पार्क का गेट खोला गया, वहां मौजूद हजारों लोगों को लगा कि Q लाइन में भेजने के लिए पार्क का गेट खोला गया है और एक साथ सैंकड़ों लोग पार्क के गेट से बाहर निकलने की जद्दोजहद करने लगे इसी दौरान वहां भगदड़ मच गई।

पार्क में नहीं थी मूलभूत सुविधा

वैकुंठ एकादशी के अवसर पर हर साल ऐसी ही स्तिथि होती है। इलाके में बेरिकेडिंग करने के बाद लोगों को लाइन में खड़ा रहने दिया जाता है और जैसे ही Q लाइन खुलती हैं, एक-एक करके लोगों को टोकन दिया जाता है। इस बार बहुत ज्यादा भीड़ होने के चलते, पहली बार पुलिस ने लोगों को पार्क के अंदर भेज दिया और गेट बंद कर दिया, लेकिन वहां पर कोई मूलभूत व्यवस्था नहीं की गई। सुबह से शाम तक लोग पार्क में बंद थे। मेडिकल इमरजेंसी की वजह से जैसे ही पार्क का गेट खुला, वहां भगदड़ मच गई। बेकाबू भीड़ से श्रीनिवासम इलाके में बने केंद्र में भी सिचुवेशन आउट ऑफ कंट्रोल हुई लेकिन समय रहते पुलिस ने इसे कंट्रोल कर लिया।

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