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उत्तर प्रदेश

‘कांग्रेस नेतृत्व बदलने के बयान पर पिताजी और मुझे मिल रहीं गालियां’: प्रणब मुखर्जी की बेटी

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Sharmistha Mukherjee at Banaras Lit Fest

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वाराणसी। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और साहित्यकार शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि जब से पिताजी के संस्मरणों पर किताब लिखी है, तबसे विवाद हो रहा है। पिता प्रणब मुखर्जी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की थी। इससे कांग्रेस वाले खफा हैं। कांग्रेस किसी खास आदमी और किसी परिवार से बहुत बड़ी है।

बनारस लिट फेस्ट में रविवार को टॉक ऑन प्रणब के दौरान शर्मिष्ठा ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के जीवन से जुड़े कई पहलुओं पर बात की। उन्होंने कहा कि क्या इंदिरा गांधी कांग्रेस से नहीं थीं?

पिता प्रणब मुखर्जी के इंदिरा गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के साथ भी अच्छे रिश्ते थे। अगर उन्होंने राहुल गांधी को कह दिया कि उनको अभी पॉलिटिकल रूप से मेच्योर होने की जरूरत है तो इसमें गलत क्या है?

जयपुर में मैंने भी कहा था कि कांग्रेस अब गांधी परिवार से अलग हटकर दूसरे नेतृत्व के बारे सोचे। बदलाव जरूरी है। जिसके नेतृत्व में कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही है, उसे बार-बार मौका देना उचित नहीं है? अब नया नेतृत्व लाना चाहिए। जबसे मैंने यह बात कही, तब से कांग्रेस समर्थक सोशल मीडिया पर गंदी भाषा में कमेंट्स कर रहे हैं।

इसके लिए राहुल गांधी को खुला पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया। किसी भी कांग्रेस के नेता ने इस अभद्र कमेंट्स का विरोध नहीं किया। आप बेशक मेरी बात से सहमत न हों, वो आपकी विचारधारा है। लोकतंत्र में अलग-अलग विचार और नेता की आलोचना का अधिकार है। उसी अधिकार से मैं भी राहुल गांधी की लीडरशिप की आलोचना कर रही हूं।

भाजपा नहीं ज्वाइन कर रही, कांग्रेस की विचारधारा मेरे खून में

शर्मिष्ठा ने कहा कि मैं भाजपा नहीं ज्वाइन नहीं कर रही हूं। कोई भी राजनीतिक पार्टी ज्वाइन नहीं कर रही हूं। मैंने 2021 में राजनीति छोड़ दी है। राजनीति से दूर रहना चाहती हूं। पं. नेहरू, महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, वल्लभ भाई पटेल की लोकतांत्रिक कांग्रेस की विचारधारा मेरे परिवार और मेरे खून में है।

बदल गया है बनारस

शर्मिष्ठा ने कहा कि लंबे समय के बाद बनारस आ रही हूं। काफी बदलाव हो गया है। एयरपोर्ट का रास्ता बहुत अच्छा हो गया। बाबा विश्वनाथ का धाम दिव्य-भव्य हो गया है।

मेरी लायल्टी सोनिया और मोदी के प्रति नहीं, मेरे पिता के प्रति

शर्मिष्ठा ने कहा कि पिताजी की डायरी में उनके 50 साल के राजनीतिक सफर की घटनाएं थीं। उन्होंने जीवन की सच्चाई लिखी है। पिताजी की डायरी में कुछ बातें ऐसी भी हैं, जिसे फिलहाल पब्लिक डोमेन में लाने का समय नहीं है।

उन्होंने कहा, मेरी लायल्टी सोनिया गांधी और नरेंद्र मोदी के प्रति नहीं है, मेरे पिता के प्रति है। इसलिए मैंने उसका ध्यान रखा है। 2012 में मनमोहन सिंह की सरकार एक प्रस्ताव लाई थी, जिसे राहुल गांधी ने मीडिया के सामने फाड़ दिया था। इसपर पहली बार मैंने पिताजी को गुस्सा होते हुए देखा था।

उत्तर प्रदेश

यूपी में बेखौफ घूम रहे बदमाश, अधिवक्ता को किया किडनैप, बेरहमी से की मारपीट फिर गाड़ी से कुचला

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बस्ती। यूपी के बस्ती जिले में शनिवार शाम एक अधिवक्ता को किडनैप कर लिया गया। वहीं उसकी किडनैपिंग के बाद उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई। बताया जा रहा है कि पिटाई के बाद एक वाहन से कुचल कर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस के एक अधिकारी ने इस घटना के बारे में जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, कप्तानगंज थाना क्षेत्र के बैदोलिया अजायब इलाके के रहने वाले अधिवक्ता चंद्रशेखर यादव (50) ‘थाना समाधान दिवस’ सम्मेलन में शामिल होने के लिए कप्तानगंज गए थे। पुलिस ने बताया कि जब देर शाम चंद्रशेखर बाइक से घर लौट रहे थे तभी हर्रैया थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव के पास स्कार्पियो सवार बदमाशों ने उनका अपहरण कर लिया।

पिटाई के बाद गाड़ी से कुचलकर की हत्या

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अपहरण की सूचना जब तक पुलिस को मिलती, तब तक अपहरणकर्ताओं ने उनकी बेरहमी से पिटाई कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। इसके बाद वाल्टरगंज क्षेत्र में गनेशपुर चौरवा पेट्रोल पंप के पास उन्हें सड़क पर फेंक दिया। उन्होंने बताया कि भागते समय बदमाशों ने गाड़ी चंद्रशेखर के ऊपर गाड़ी दी, जिससे उनकी मौत हो गई। वहीं घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। मामले की जानकारी होने पर बड़ी संख्या में अधिवक्ता अस्पताल पहुंच गए और बदमाशों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे।

मुख्य आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

बस्ती के पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने बताया कि अधिवक्ता चंद्रशेखर की बहन का अपने पति रंजीत यादव से तलाक को लेकर मुकदमा जारी है। इसी मामले की पैरवी के लिए वह थाना समाधान दिवस में गए थे। उन्होंने बताया कि समझौते में रुपये के लेन-देन को लेकर विवाद हुआ था और इसी बात से नाराज रंजीत यादव और उसके भाई संदीप यादव ने अधिवक्ता का अपहरण किया। बाद में उन्होंने अधिवक्ता की हत्या कर दी और शव फेंककर फरार हो गए। अधिकारी ने बताया कि मामले के मुख्य आरोपी रंजीत यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की सात टीमें लगाई गई हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही सभी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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