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आध्यात्म

इस तारीख से शुरू हो रहा है गणेश उत्सव, बप्पा को भूलकर भी अर्पित न करें ये सामग्री

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ganesh chaturthi 2023

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नई दिल्ली। हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य की शुरुआत से पहले भगवान गणेश का स्मरण किया जाता है, क्योंकि वह सभी विघ्न हर लेते हैं। भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है। यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान लोग बप्पा को अपने घर लाते हैं और उनकी सेवा करते हैं।

इस वर्ष गणेश उत्सव की शुरुआत 19 सितंबर 2023 से हो रहा है और इसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन 28 सितंबर को बप्पा के विसर्जन के साथ होगा। गणेश उत्सव में लोग गणपति जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित करते हैं। लेकिन साथ ही कुछ ऐसी चीजें भी बताई गई हैं जिन्हें भगवान विघ्नहर्ता गणेश को अर्पित नहीं करना चाहिए, इससे अशुभ परिणाम भी मिल सकते हैं।

बप्पा को नहीं अर्पित करते तुलसी

हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु की पूजा में इसका आवश्यक रूप से प्रयोग होता है लेकिन गणेश जी को तुलसी दल अर्पित करना वर्जित माना गया है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा मिलती है जिसके अनुसार एक बार भगवान गणेश ने तुलसी के विवाह के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था जिसके बाद तुलसी ने गणेश जी को दो विवाह होने का श्राप दे दिया था।

न चढ़ाएं सफेद चीजें

गणेश जी को सफेद चीजें जैसे- सफेद रंग के फूल, वस्त्र, सफेद जनेऊ, सफेद चंदन आदि अर्पित नहीं करना चाहिए, क्योंकि सफेद चीजों का संबंध चंद्रमा से माना गया है। पौराणिक कथा के अनुसार चंद्रमा ने भगवान गणेश का उपहास किया था जिस कारण गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप दिया था। यही कारण है कि गणेश जी को सफेद चीजें अर्पित नहीं की जाती।

अक्षत चढ़ाते समय इस बात का रखें ध्यान

गणेश जी की पूजा में कभी भी टूटे हुए या सूखे अक्षत अर्थात चावल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे आपको बप्पा की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। क्योंकि अक्षत का अर्थ ही होता है जिसको कोई क्षति न हुई हो यानी जो पूरा हो, बिना किसी टूट-फूट के। इसलिए पूजा में प्रयोग होने वाले साबुत चावल को अक्षत कहा जाता है।

न अर्पित करें केतकी का फूल

गणेश उत्सव के दौरान गणपति जी की पूजा कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि उनकी पूजा में केतकी का फूलों का भी इस्तेमाल नहीं किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव पर भी केतकी का फूल नहीं चढ़ाए जाते, इसलिए भगवान गणेश पर भी इन फूलों को चढ़ाने की मनाही है।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की हमारी गारंटी नहीं है। अपनाने से पूर्व संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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