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उत्तर प्रदेश

ज्ञानवापी: जिला अदालत पर टिकी निगाहें, सर्वे रिपोर्ट दाखिल होने की उम्मीद बेहद कम 

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Gyanvapi Case

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वाराणसी। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी वाद में आज का दिन बेहद अहम है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में आज शनिवार को ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे से सबंधित मामले में सुनवाई होगी।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की तरफ से शनिवार को जिला जज की अदालत में ज्ञानवापी परिसर के सर्वे और इसकी रिपोर्ट दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाने का प्रार्थना पत्र दिया जाएगा। सर्वे का काम जारी है, इसलिए रिपोर्ट शनिवार को अदालत में दाखिल किए जाने की उम्मीद कम है। प्रार्थना पत्र के आधार पर अदालत आदेश देगी।

जिला जज की अदालत ने सील वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर का सर्वे करने और उसकी रिपोर्ट दो सितंबर तक जमा करने के आदेश दिए थे। एसएसआई की टीम चार अगस्त से ही सर्वे कर रही है। इसमें जीपीआर तकनीक का भी सहारा लिया गया है। केंद्र सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल अमित श्रीवास्तव ने बताया कि ज्ञानवापी का सर्वे फिलहाल जारी है।

शनिवार को अदालत में प्रार्थना पत्र देकर एएसआई की ओर से सर्वे की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया जाएगा। सर्वे से संबंधित जिला जज की अदालत के आदेश को हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, लेकिन सर्वे पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया गया था।

चार अगस्त से हो रहा ज्ञानवापी में सर्वे

ज्ञानवापी में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से बीते चार अगस्त से एएसआई के सर्वे का काम दोबारा शुरू किया गया था। मौजूदा समय में एएसआई की 20 सदस्यीय टीम सर्वे के लिए शहर में मौजूद है। इसमें हैदराबाद से आए जीपीआर तकनीक के विशेषज्ञ भी शामिल हैं।

उससे पहले जिला जज की अदालत ने ही ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश दिया था। साथ ही, सर्वे रिपोर्ट चार अगस्त तक तलब की थी। लेकिन, मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट चला गया। इस वजह से ही एएसआई ने सर्वे की रिपोर्ट जमा करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा था।

एएसआई की तरफ से केंद्र सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल अमित श्रीवास्तव ने अतिरिक्त समय दिए जाने का अनुरोध किया था। ज्ञानवापी का दोबारा सर्वे चार अगस्त को शुरू हुआ जो लगातार जारी है। अब दो सितंबर को देखने लायक होगा एएसआई ज्ञानवापी के सर्वे से संबंधित अपनी रिपोर्ट जिला जज की अदालत में पेश करती है या फिर समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध करती है।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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