Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

हरदा ब्लास्ट: फैक्ट्री मालिक समेत तीन आरोपी गिरफ्तार, जांच समिति का गठन; अब तक 11 की मौत

Published

on

Harda Factory Blast

Loading

हरदा। मध्य प्रदेश के हरदा में मंगलवार सुबह हुए ब्लास्ट मामले में अवैध पटाखा फैक्ट्री के मालिक राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल समेत तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों फैक्ट्री मालिक पुलिस से बचने के लिए हरदा छोड़कर नेशनल हाईवे के जरिये भाग रहे थे, इसी बीच पुलिस ने राजगढ़ जिले के सारंगपुर के समीप हाईवे पर इन्हें पकड़ लिया।

पुलिस के मुताबिक, तीसरे आरोपी का नाम रफीक खान है। बता दें कि इस मामले में हरदा के सिविल लाइन थाना में एक अपराध दर्ज किया गया है। फिलहाल तीनों आरोपी पुलिस की कस्टडी में हैं, जिनसे मामले में पूछताछ की जा रही है।

हरदा के मगरधा रोड पर बनी अवैध पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार सुबह हुए ब्लास्ट के बाद मची तबाही के बीच फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल मौके से फरार होकर भागने की फिराक में थे। पुलिस ने ब्लास्ट के मामले में शहर के सिविल लाइन थाना में आरोपियों पर विस्फोटक अधिनियम और आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी उज्जैन के रास्ते से भागने की फिराक में हैं, तो वहीं मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे के जरिये आरोपियों की लोकेशन पुलिस को मिल रही थी।

पुलिस ने तुरंत अपना मुखबिर तंत्र सक्रिय किया, जिसके बाद उज्जैन के समीप मक्सी में पुलिस टीम ने दबिश दी। लेकिन वहां से दोनों आरोपी फरार हो चुके थे, जिनका पीछा करते हुए पुलिस टीम ने राजगढ़ जिले के सारंगपुर के करीब हाईवे पर फैक्ट्री के दोनों मालिकों को धर दबोचा।

वहीं, इस मामले में हरदा जिले के एसपी मनीष कुमार अग्रवाल ने बताया कि ब्लास्ट से जुड़े मामले में आरोपियों को कस्टडी में लिया गया है, जिनमें फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में शहर के सिविल लाइन थाना में एक एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपी पुलिस से बचकर भाग रहे थे, जिन्हें पुलिस टीम ने सारंगपुर से पकड़ा है, और फिलहाल इनसे पूछताछ की जा रही है।

हरदा में अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण 11 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और कई घायल हुए हैं। हरदा ब्लास्ट की वजह 2022 से शुरू होती है। हरदा के लोगों ने इस फैक्ट्री में बारूद के अवैध भंडारण और सेफ्टी के मानक पूरा न होने को लेकर जिला प्रशासन से शिकायत की थी।

जनता के बढ़ते दबाव की वजह से जिला प्रशासन ने इस फैक्ट्री को 26 सितंबर 2022 में सील कर दिया। ऋषि गर्ग कलेक्टर थे। फैक्ट्री के मालिक राजेश अग्रवाल ने इस आदेश के विरोध में कमिश्नर माल सिंह बहेड़िया से अपील की। इसके बाद उसे स्टे मिल गया।

तीन सदस्यीय जांच समिति गठित

घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संज्ञान लिया और तीन सदस्यीय जांच समिति के गठन के आदेश जारी किए। मध्यप्रदेश सरकार ने तीन सदस्य जांच कमेटी का गठन किया है। गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे की अध्यक्षता में समिति हादसे की जांच करेगी। जयदीप प्रसाद आईपीएस और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी आरके मेहरा को सदस्य बनाया गया है।

तत्कालीन एसपी ने लिखा था फैक्ट्री बंद करने को पत्र

पटाखे की अवैध फैक्ट्री के मालिक राजेश ने पुरानी सब्जी मंडी के आने घर से भी पटाखों का भंडारण कर वहीं से बेचना भी शुरू कर दिया, जिसके कुछ दिनों बाद शहर के हंडिया रोड पर एक और पटाखा फैक्ट्री शुरू कर दी। इस फैक्ट्री को लेकर आम लोगों की शिकायतें होम पर तत्कालीन एसपी ने इस फैक्ट्री को बंद करने के लिए एक पत्र भी लिखा। लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

अगर समय रहते प्रशासन कुछ एक्शन लेता तो शायद इतनी बड़ी यह दुर्घटना नहीं होती। हालांकि, स्थानीय प्रशासनिक अफसरों ने खतरे को भांपते हुए कई बार इस फैक्ट्री को बंद कराने की कोशिश तो की, लेकिन  किसी न किसी वजह से उनकी यह कार्रवाई टल जाती।

एक महीने पहले हुई थी जांच

जिला प्रशासन हरदा के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, करीब एक महीने पूर्व ही फैक्टी की जांच हुई थी, जिसमें अधिकारियों को फैक्ट्री का संचालन ठीक मिला था, जिस वजह से उसे संचालित रहने दिया गया था लेकिन उसके बाद से मालिक राजेश अग्रवाल ने बारुद का ओवर स्टॉक कर लिया होगा और हादसा होने की यही वजह रही होगी।

तीन साल पहले किया था सील

हरदा के मगरधा रोड पर स्थित जिस पटाखा फैक्टरी में मंगलवार को ब्लास्ट हुआ, वहां की कई बार शिकायतें भी हुई थीं तो वहीं तीन साल पहले भी यहां एक हादसा हुआ था। तब हादसे में एक ही परिवार की तीन महिलाओं की मौत हुई थी, जिस पर इस फैक्ट्री के मालिक राजेश अग्रवाल को जेल भी जाना पड़ा था।

उसके बाद ही तत्कालीन एसपी ने फैक्ट्री के लाइसेंस को अवैध घोषित कर निरस्त करने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा था। उस समय जिला कलेक्टर ने इसे अनफिट भी घोषित करते हुए सील किया था। लेकिन बाद में नर्मदापुरम के संभागायुक्त ने इसे वापस बहाल कर दिया।

एसडीएम को बनाया गया था प्रस्तुतकर्ता अधिकारी

इधर, हरदा एसडीएम केसी परते ने बताया कि पटाखा फैक्ट्री फिट नहीं थी, तभी तो यह हादसा हुआ है। कुछ समय पहले हरदा प्रशासन ने पटाखा फैक्ट्री को अनफिट घोषित कर दिया था। बाद में संभागायुक्त नर्मदापुरम ने इसे बहाल कर दिया था।

फैक्ट्री करीब डेढ़ एकड़ में फैली है। यहां 300 से ज्यादा लोग काम करते हैं। फैक्ट्री में काम करने वाले करीब 40 परिवार अस्थाई निर्माण कर यहीं पर रह रहे थे। वहीं, तहसीलदार हरदा लवीना घागरे का कहना है कि उनके पहले पदस्थ रहे अफसरों द्वारा फैक्ट्री सील किए जाने के बाद राजेश, सोमेश और प्रदीप हाईकोर्ट गए थे। इसके बाद एसडीएम को इस मामले में प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाया गया था।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ 2025 : मौनी अमावस्या से पहले ही प्रयागराज महाकुंभ में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

Published

on

Loading

प्रयागराज। प्रयागराज में सनातनी आस्था के महापर्व महाकुंभ का आज 15वां दिन है। सुबह से ही लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा रहे हैं। महाकुंभ में भीड़ लगातार रिकॉड तोड़ रही हैं। आगामी 29 जनवरी को मौनी अमावस्या से पहले ही प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। शनिवार और रविवार की छुट्टी का असर साफ देखने को मिल रहा है और हर दिशा से श्रद्धालु संगम की ओर बढ़ रहे हैं। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और हाइवे पर श्रद्धालुओं का सैलाब देखा जा सकता है।

प्रयागराज में लोगों की भीड़ ही भीड़

मौनी अमावस्या के स्नान से पहले ही करोड़ों लोग यहां पहुंच रहे हैं। वीडियो में ये जो जन सैलाब दिखाई दे रहा हैं ये मेले के एंट्री पॉइंट यानि परेड ग्राउंड का हैं। लाखो की भीड़ पैदल चलती चली जा रही हैं। कुंभ मेले में प्रवेश करते ही भीड़ इतनी बढ़ रही है कि लोग एक-दूसरे से टकरा-टकरा कर चलने को मजबूर है। आज कुम्भ में आने वाले लोगों की भीड़ देखकर साफ है कि मौनी अमावस्या के स्नान पर 8-10 करोड़ लोगों की भीड़ आएगी।

मेला प्रशासन और कुंभ पुलिस ने कसी कमर

पिछले दो दिनों (शुक्रवार और शनिवार) में ही सवा करोड़ से अधिक लोगों ने संगम में स्नान किया है। मौनी अमावस्या के दिन करीब 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।

मेला प्रशासन और कुंभ पुलिस की हरसंभव कोशिश है कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। मेला प्रशासन और कुंभ पुलिस ने अमृत स्नान पर्व को देखते हुए व्यापक तैयारियां की हैं और पूरे मेला क्षेत्र को ‘वाहन निषिद्ध क्षेत्र’ घोषित किया गया है।

संगम तटों पर बैरिकेडिंग का कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है, ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे। इसमें कहा गया है कि श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए हर सेक्टर और जोन में विशेष व्यवस्था की गई है और इस दौरान किसी भी तरह का प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा।

संगम पर अत्यधिक भीड़ जमा न हो, इसके लिए आईसीसीसी (इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर) निगरानी करेगा और भीड़ वाले इलाकों में त्वरित कार्यवाही के लिए विशेष दल तैनात किए गए हैं।

प्रमुख मार्गों पर खास निगरानी की जा रही है, साथ ही अराजक और संदिग्ध लोगों पर भी नजर रखी जा रही है।

मेला क्षेत्र में अतिक्रमण कर लगाई गई अवैध दुकानों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को सुगम यात्रा के लिए साफ और चौड़ी सड़कें उपलब्ध कराई जा सकें। स्वच्छता कर्मियों को साफ-सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

 

 

 

Continue Reading

Trending