आध्यात्म
हरिद्वार: मकर संक्रांति पर श्रद्धालु लगा रहे आस्था की डुबकी, व्यवस्था चाक-चौबंद
हरिद्वार। मकर संक्रांति स्नान पर्व धर्मनगरी हरिद्वार सहित उत्तराखंड के समस्त गंगा घाटों पर आज शनिवार तड़के से गंगा स्नान जारी है। सुबह से ही लोग हर-हर गंगे का उच्चारण कर गंगा नदी में पावन डुबकी लगा रहे हैं। स्नान पर्व को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन ने कमर कसी हुई है। सुरक्षा और यातायात व्यवस्था चाक-चौबंद बनाने के लिए मेला क्षेत्र को सात जोन व 17 सेक्टरों में बांटा गया है।
भारी वाहन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित
एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह को मेले का नोडल अधिकारी बनाया गया है। शहर में दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर गन्ने की ट्रैक्टर-ट्राली और ट्रक आज 14 जनवरी की दोपहर दो बजे तक पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हैं।
शुक्रवार को ड्यूटी पर रवाना होने से पहले ऋषिकुल आडिटोरियम में पुलिसकर्मियों को ब्रीफ करते हुए जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने कहा कि पुलिस प्रशासन के अधिकारी आपसी समन्वय बनाते हुए स्नान पर्व को सकुशल संपन्न कराएं।
एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि सीओ सिटी, शहर कोतवाल, हरकी पैड़ी चौकी प्रभारी व सिटी के सभी थाना प्रभारी अपने-अपने थाना क्षेत्र में गहनता से भ्रमण करते हुए सांप्रदायिक सौहार्द, कानून व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण, वाहनों की पार्किंग व्यवस्था व डायवर्जन आदि की व्यवस्था संभालें।
एसएसपी ने कहा कि अफवाहें न फैलने दें। गड़बड़ी फैलाने वाले तत्वों पर सतर्कता से नजर बनाते हुए उच्चाधिकारियों को सूचित करें। संदिग्ध वाहन, सामान या व्यक्ति नजर आने पर तुरंत सक्रियता दिखाएं।
भारी पुलिस बल तैनात
मेला क्षेत्र में सात पुलिस उपाधीक्षक, आठ निरीक्षक/थानाध्यक्ष, 66 उपनिरीक्षक, 437 अपर उपनिरीक्षक प्रशिक्षु, 23 हेड कांस्टेबल, 144 हेड कांस्टेबल प्रशिक्षु, 82 कांस्टेबल, 37 महिला कांस्टेबल, पांच कंपनी, दो प्लाटून पीएसी व आइआरबी, यातायात पुलिस के छह उपनिरीक्षक, नौ हेड कांस्टेबल, 36 कांस्टेबल, दो घुड़सवार पुलिस बल, तीन बम निरोधक दस्ता और पांच टीम जल पुलिस के गोताखोर की तैनाती की गई है।
बदल गई है यातायात व्यवस्था
- दिल्ली-मुजफ्फरनगर-मेरठ की ओर से आने वाले वाहनों को गड्ढा पार्किंग, रोड़ी पार्किंग व पंतद्वीप पार्किंग में पार्क किया जाएगा।
- गड्ढा पार्किंग, दीनदयाल पार्किंग व पंतदीप पार्किंग के भर जाने पर वाहनों को गुरुकुल कांगड़ी सर्विस लेन से सिंहद्वार से देशरक्षक तिराहा से बैरागी कैंप पार्किंग में पार्क किया जाएगा।
- बहादराबाद से शिवालिकनगर चौक मध्य मार्ग से आने वाले वाहनों को प्रेमनगर आश्रम से सर्विस लेन गड्ढा पार्किंग, दीनदयाल पार्किंग में पार्क किया जाएगा।
- नजीबाबाद की ओर से आने वाले बड़े वाहनों को 4.2 डायवर्जन से डायवर्ट कर नीलधारा व गौरीशंकर पार्किंग में पार्क किया जाएगा।
- नजीबाबाद की ओर से आने वाले छोटे वाहनों को दीनदयाल पार्किंग, पंतदीप पार्किंग में पार्क किया जाएगा।
- देहरादून व ऋषिकेश की ओर से आने वाले वाहनों को मोतीचूर पार्किंग में पार्क किया जाएगा व पार्किंग भर जाने पर वाहनों को जयराम मोड़ से दाहिने टर्न कर चमगादड़ टापू में पार्क किया जाएगा।
- दिल्ली-मुजफ्फरनगर की ओर से आने वाले भारी वाहन, बस, ट्रैक्टर को ऋषिकुल हाईवे से बायें होकर ऋषिकुल मैदान में पार्क किए जाएंगे।
राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने दी बधाई
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को मकर संक्राति पर्व की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।
राज्यपाल ने कहा कि उत्सव, तीज-त्योहार हमारे जीवन में नीरसता को कम कर जीवन में नई उमंग, उत्साह और ऊर्जा का संचार करते हैं। हमारी ये समृद्ध परंपराएं सामाजिक सौहार्द और अच्छा वातावरण बनाए रखने में मदद करती हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि त्योहार जीवन में सकारात्मक सोच के साथ सदैव कर्म के पथ पर आगे बढऩे की भी प्रेरणा देता है। उन्होंने कामना की कि भगवान सूर्य की आराधना का यह पर्व हम सबके जीवन में नई ऊर्जा व उत्साह का संचार करे।
भाजपा प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी प्रदेशवासियों को गढ़वाल में उत्तरायणी और कुमाऊं में घुघुतिया के स्वरूप में मनाए जाने वाले मकर संक्राति पर्व की बधाई दी।
आध्यात्म
महाकुम्भ 2025: बड़े हनुमान मंदिर में षोडशोपचार पूजा का है विशेष महत्व, पूरी होती है हर कामना
महाकुम्भनगर| प्रयागराज में संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर का कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालु यहां विभिन्न पूजा विधियों के माध्यम से हनुमान जी की अराधना करते हैं। इसी क्रम में यहां षोडशोपचार पूजा का भी विशेष महत्व है। षोडशोपचार पूजा करने वालों की हर कामना पूरी होती है, जबकि उनके सभी संकट भी टल जाते हैं। मंदिर के महंत और श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने इस पूजा विधि के विषय में संक्षेप में जानकारी दी और यह भी खुलासा किया कि हाल ही में प्रयागराज दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी मंदिर में षोडशोपचार विधि से पूजा कराई गई। उन्हें हनुमान जी के गले में पड़ा विशिष्ट गौरीशंकर रुद्राक्ष भी भेंट किया गया। उन्होंने भव्य और दिव्य महाकुम्भ के आयोजन के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार भी जताया।
16 पदार्थों से ईष्ट की कराई गई पूजा
लेटे हनुमान मंदिर के महंत एवं श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक यजमान की तरह महाकुम्भ से पहले विशेष पूजन किया। प्रधानमंत्री का समय बहुत महत्वपूर्ण था, लेकिन कम समय में भी उनको षोडशोपचार की पूजा कराई गई। पीएम ने हनुमान जी को कुमकुम, रोली, चावल, अक्षत और सिंदूर अर्पित किया। यह बेहद विशिष्ट पूजा होती है, जिसमें 16 पदार्थों से ईष्ट की आराधना की। इस पूजा का विशेष महत्व है। इससे संकल्प सिद्धि होती है, पुण्य वृद्धि होती है, मंगलकामनाओं की पूर्ति होती और सुख, संपदा, वैभव मिलता है। हनुमान जी संकट मोचक कहे जाते हैं तो इस विधि से हनुमान जी का पूजन करना समस्त संकटों का हरण होता है। उन्होंने बताया कि पीएम को पूजा संपन्न होने के बाद बड़े हनुमान के गले का विशिष्ट रुद्राक्ष गौरीशंकर भी पहनाया गया। यह विशिष्ट रुद्राक्ष शिव और पार्वती का स्वरूप है, जो हनुमान जी के गले में सुशोभित होता है।
सभी को प्रेरित करने वाला है पीएम का आचरण
उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान प्रधानमंत्री के चेहरे पर संतों का ओज नजर आ रहा था। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि उनमें संतों के लिए विनय का भाव था। आमतौर पर लोग पूजा करने के बाद साधु संतों को धन्यवाद नहीं बोलते, लेकिन पीएम ने पूजा संपन्न होने के बाद पूरे विनय के साथ धन्यवाद कहा जो सभी को प्रेरित करने वाला है। उन्होंने बताया कि पीएम ने नवनिर्मित कॉरिडोर में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर भी अपनी रुचि दिखाई और मंदिर प्रशासन से श्रद्धालुओं के आने और जाने के विषय में जानकारी ली। वह एक अभिभावक के रूप में नजर आए, जिन्हें संपूर्ण राष्ट्र की चिंता है।
जो सीएम योगी ने प्रयागराज के लिए किया, वो किसी ने नहीं किया
बलवीर गिरी महाराज ने सीएम योगी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रयागराज और संगम के विषय में जितना सोचा, आज से पहले किसी ने नहीं सोचा। संत जीवन में बहुत से लोगों को बड़े-बड़े पदों पर पहुंचते देखा, लेकिन मुख्यमंत्री जी जैसा व्यक्तित्व कभी नहीं देखने को मिला। वो जब भी प्रयागराज आते हैं, मंदिर अवश्य आते हैं और यहां भी वह हमेशा यजमान की भूमिका में रहते हैं। हमारे लिए वह बड़े भ्राता की तरह है। हालांकि, उनकी भाव भंगिमाएं सिर्फ मंदिर या मठ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए हैं। वो हमेशा यही पूछते हैं कि प्रयागराज कैसा चल रहा है। किसी मुख्यमंत्री में इस तरह के विचार होना किसी भी प्रांत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
स्वच्छता का भी दिया संदेश
उन्होंने महाकुम्भ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ को स्वच्छ महाकुम्भ बनाने का जिम्मा सिर्फ सरकार और प्रशासन का नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं का भी है। मेरी सभी तीर्थयात्रियों से एक ही अपील है कि महाकुम्भ के दौरान स्नान के बाद अपने कपड़े, पुष्प और पन्नियां नदियों में और न ही तीर्थस्थल में अर्पण न करें। प्रयाग और गंगा का नाम लेने से ही पाप कट जाते हैं। माघ मास में यहां एक कदम चलने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। यहां करोड़ों तीर्थ समाहित हैं। इसकी पवित्रता के लिए अधिक से अधिक प्रयास करें। तीर्थ का सम्मान करेंगे तो तीर्थ भी आपको सम्मान प्रदान करेंगे। स्नान के समय प्रयाग की धरा करोड़ों लोगों को मुक्ति प्रदान करती है। यहां ज्ञानी को भी और अज्ञानी को भी एक बराबर फल मिलता है।
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