अन्तर्राष्ट्रीय
बेबस फलस्तीन ने UN में दिया मासूम जिंदगियों का वास्ता, इजरायल बोला- हमास को जड़ से करेंगे खत्म
न्यूयॉर्क। इजरायल हमास युद्ध को 22 दिन पूरे होने वाले हैं। दोनों तरफ से हमले जारी है। इजरायल ने गाजा पर अपने हवाई हमले तेज कर दिए हैं। इस बीच फलस्तीनी राजदूत ने गाजा में युद्ध पर गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में गुहार लगाई ‘बम रोकें और जिंदगियां बचाएं’। दूसरी ओर इजरायल के दूत अड़े रहे और उन्होंने फिर से घोषणा की है कि जब तक हमास का सफाया नहीं हो जाता, हम चैन से नहीं बैठेंगे।
तत्काल युद्ध विराम की मांग
गाजा के हमास शासकों द्वारा 7 अक्टूबर को इजरायल पर अचानक किए गए हमले के बाद 193 देशों की महासभा में बैठक की गई, जिसमें अरब देशों ने शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित करने की उम्मीद की थी, जिसमें गाजा में तत्काल युद्ध विराम की मांग की गई थी।
युद्ध विराम का मतलब हमास को बढ़ावा देना
फलस्तीनी क्षेत्रों में इजरायली कार्रवाइयों पर गुरुवार को विधानसभा के फिर से शुरू हुए आपातकालीन विशेष सत्र में, एक के बाद एक वक्ताओं ने अरब प्रस्ताव के युद्ध विराम आह्वान का समर्थन किया।
दूसरी ओर इजरायल के संयुक्त राष्ट्र राजदूत गिलाद एर्दान ने 193 सदस्यीय विश्व निकाय से कहा, “यहां पर युद्ध विराम का मतलब है कि हमास को खुद को फिर से संगठित होने के लिए समय देना, ताकि वे हमारा फिर से नरसंहार कर सकें।”
इजरायलियों के हाथ बांधने की कोशिश
इजरायल और यहूदियों को नष्ट करने की कसम खाने वाले हमास के कई बयानों को उद्धृत करने के बाद एर्दान ने कहा, “युद्ध विराम का कोई भी आह्वान शांति का प्रयास नहीं है। यह इजरायल के हाथ बांधने का एक प्रयास है, जो हमें अपने नागरिकों के लिए एक बड़े खतरे को खत्म करने से उसे रोक रहा है।”
6 हजार फलस्तीनी कैदियों को रिहा करें इजरायल
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, जहां हमास के हमलों में लगभग 1,400 इजरायली मारे गए, वहीं इजरायल के जवाबी हवाई हमलों में 7,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं। एक अन्य प्रमुख मुद्दे, जिसमें इजरायल से 220 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था, पर ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि हमास नागरिक कैदियों को रिहा करने के लिए तैयार है साथ ही उन्होंने भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इजरायल में बंद 6,000 फलस्तीनी कैदियों को रिहा करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
मारे गए लोगों में से 70% बच्चे
फलस्तीनी संयुक्त राष्ट्र के राजदूत रियाद मंसूर ने कहा कि गाजा में मारे गए लोगों में से 70% बच्चे और महिलाएं थीं। उन्होंने कहा, “क्या यह वह युद्ध है जिसका आप में से कुछ लोग बचाव कर रहे हैं? क्या इस युद्ध का बचाव किया जा सकता है? ये अपराध हैं, यह बर्बरता है।”
उन्होंने कहा, “यदि आप इसे उन सभी लोगों के लिए नहीं रोकते हैं, जो मारे गए हैं, तो इसे उन सभी के लिए रोकें जिनकी जान हम अभी भी बचा सकते हैं।”
अन्तर्राष्ट्रीय
देश छोड़कर भागने वाले असद की मुश्किलें बढ़ी, पत्नी अस्मा अल-असद ने अदालत में तलाक के लिए दी अर्जी
सीरिया। सीरिया में छिड़े गृहयुद्ध के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर रूस भाग गए। देश छोड़कर भागने वाले असद की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक असद की ब्रिटिश पत्नी अस्मा अल-असद ने रूस की अदालत में तलाक के लिए अर्जी दी है। तुर्की और अरब मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक अस्मा अल असद मॉस्को में खुश नहीं हैं और वो अब लंदन जाना चाहती हैं। बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बशर अल असद के परिवार को अपने देश में राजनीतिक शरण दी है।
25 साल की अस्मा से हुई थी असद की शादी
बशर अल-असद की पत्नी अस्मा अल असद ने रूस के कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दाखिल की है और मॉस्को छोड़ने के लिए विशेष अनुमति का अनुरोध किया है। उनके दिए गए आवेदन पर रूसी अधिकारियों द्वारा विचार किया जा रहा है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अस्मा के पास ब्रिटेन और सीरिया की दोहरी नागरिकता है। अस्मा का घर लंदन में है जहां सीरियाई माता-पिता के यहां उनका जन्म हुआ था। अस्मा साल 2000 में सीरिया चली गईं थीं। साल 2000 में ही उनकी शादी बशर अल असद से हुई थी। उस वक्त अस्मा की उम्र 25 साल थी।
रूस में असद पर लगाए गए हैं गंभीर प्रतिबंध
अपना देश छोड़कर भागे सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद को भले ही रूस ने राजनीतिक शरण दिया था, लेकिन रूस में उनपर गंभीर प्रतिबंध लगाए गए हैं। असद को मॉस्को छोड़ने या किसी भी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं है। जानकारी के मुताबिक रूसी अधिकारियों ने बशर अल-असद की संपत्ति और पैसा भी जब्त कर लिया है। असद सीरिया छोड़ते वक्त 270 किलोग्राम सोना लेकर आए थे। उनकी संपत्ति में 2 अरब डॉलर और मॉस्को में 18 अपार्टमेंट शामिल हैं।
असद के भाई को रूस में नहीं मिली है शरण
सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के भाई, माहेर अल-असद को रूस ने अपने देश में शरण नहीं दी है। उन्हें शरण देने के अनुरोध की अब भी समीक्षा की जा रही है। जानकारीा के मुताबिक असद के भाई माहेर और उनका परिवार रूस में ही नजरबंद हैं।
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