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उत्तर प्रदेश

I.N.D.I. गठबंधन को बड़ा झटका: भाजपा के साथ जाएगी रालोद! इन तीन सीटों पर हुआ समझौता

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Akhilesh breaks silence on speculations

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लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन को एक और झटका लगना करीब-करीब तय है। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के मुखिया चौधरी जयंत सिंह न सिर्फ भाजपा के संपर्क में हैं, बल्कि तीन सीटों पर सहमति होने का भी दावा किया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक रालोद ने भाजपा से कैराना, अमरोहा, बागपत, मथुरा व मुजफ्फरनगर सीट मांगी थी। भाजपा इनमें से कैराना, अमरोहा और बागपत सीट देने के लिए तैयार है। मथुरा व मुजफ्फरनगर सीट पर पेच फंसा है। एनडीए गठबंधन में मंत्री पद भी मिलने की संभावना है।

सपा से बनते-बनते यूं बिगड़ी बात

भाजपा पश्चिमी यूपी में मुस्लिम बहुल सीटों के लिए रालोद को साधना चाहती है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव रालोद से गठबंधन की घोषणा कर चुके हैं। सीटें चिह्नित करने और सपा की ओर से तीन सीटों पर रालोद के चुनाव निशान पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने की शर्त पर पेच फंस गया।

सपा चाहती है कि कैराना, मुजफ्फरनगर और बिजनौर में प्रत्याशी सपा का हो, जो रालोद के चुनाव चिह्न पर मैदान में उतरे। सपा के समक्ष मुजफ्फरनगर सीट पर रालोद ने दावा ठोका था, जहां बीते चुनाव में दिवंगत अजीत सिंह महज छह हजार मतों से हार गए थे।

रालोद नेताओं ने कैराना और बिजनौर सीट सपा के बताए प्रत्याशियों को देने पर सहमति भी दे दी थी। लेकिन मुजफ्फरनगर और हाथरस सीट को लेकर दोनों दलों के बीच दूरियां बन गई। इसी दौरान चर्चा शुरू हो गई कि रालोद अध्यक्ष की भाजपा से गठबंधन की बात हुई है।

बातचीत की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन सियासी गलियों में सबने अपने-अपने समीकरण लगाने शुरू कर दिए। रालोद नेतृत्व ने अभी तक न तो इन्कार किया और न ही इकरार, जिस कारण चर्चाओं ने दिनभर तेजी पकड़ी।

रालोद विधायक जा सकते हैं दिल्ली

दो दिन पहले रालोद विधायकों को सत्र बीच में ही छोड़कर दिल्ली से बुलावा आया था। इस मुलाकात को गठबंधन से जोड़कर देखा गया। लेकिन इसी दौरान दिल्ली से दोबारा संदेश दिया गया कि अभी इंतजार करें। माना जा रहा है कि रालोद नेतृत्व अपने विधायकों से अलग-अलग राय लेकर ही अगला कदम उठाएगा।

सीटों पर नहीं, भारत रत्न पर भी बात

सियासी गलियों में चर्चा यह भी है कि रालोद मथुरा, बागपत, बिजनौर समेत चार सीटों पर सहमति देने के लिए तैयार है। लेकिन साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की मांग भी रखी जा रही है। साथ ही प्रदेश सरकार में हिस्सेदारी भी रालोद चाहता है।

गणतंत्र दिवस के बाद एक्स पर कोई पोस्ट नहीं

रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह ने गणतंत्र दिवस के बाद एक्स पर भी कोई पोस्ट नहीं की है। इसी दौरान छपरौली में 12 फरवरी के कार्यक्रम को भी पीछे हटा दिया गया। रालोद नेताओं ने अपने हिस्से में आई सभी सीटों पर जो सर्वे कराया, उसमें अपने ही प्रत्याशी लड़ाने की बात भी सामने आई थी। जिसके बाद असमंजस की स्थिति है।

एनडीए में जाने की खबरें बेबुनियाद

रालोद के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय का कहना है कि रालोद के एनडीए में जाने की बात कोरी अफवाह है। रालोद पूरी दृढ़ता से साथ इंडिया गठबंधन का हिस्सा है।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ 2025 : वाराणसी में प्रयागराज महाकुंभ से लौट रही भीड़ के कारण, जिलाधिकारी ने सभी स्कूल बंद करने का दिया आदेश

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वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रयागराज महाकुंभ से लौट रही भीड़ के कारण जिलाधिकारी ने सभी स्कूल बंद(फिजिकल क्लासेज) कर दिए हैं। इस संबंध में एक आधिकारिक आदेश जारी किया गया है। जिलाधिकारी ने 26 जनवरी की देर शाम निर्देश जारी कर स्कूलों को बंद रखने और कक्षा 1 से 12 तक की कक्षाएं ऑनलाइन संचालित करने का निर्देश दिया।

निर्देश के अनुसार, कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों में 5 फरवरी तक ऑफलाइन कक्षाएं स्थगित रहेंगी। हालांकि, पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए उसी स्कूल समय पर ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंगी। नोटिस में यह भी लिखा है कि यह आदेश क्षेत्र के सभी सीबीएसई, आईसीएसई और राज्य बोर्ड के स्कूलों पर लागू होता है।

प्रैक्टिकल कक्षाओं का शेड्यूल

इस दौरान स्कूलों को अपनी सुविधानुसार प्रैक्टिकल कक्षाएं आयोजित करने की अनुमति है। खास बात यह है कि छात्रों को प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए बुलाए जाने पर स्कूल आना होगा, जबकि नियमित पढ़ाई के लिए ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। इस फैसले का उद्देश्य सड़कों पर बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करना और यातायात व्यवस्था को बनाए रखना है।

बता दें प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या है। ऐसे में वाराणसी में श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया है। अधिकारियों के अनुसार, इस अवसर से पहले प्रतिदिन लगभग 5 से 7 लाख श्रद्धालु काशी पहुंच रहे हैं। इस स्थिति के कारण, अधिकांश स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का निर्देश दिया गया है। छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम अपडेट के लिए स्कूल अधिकारियों के संपर्क में रहें।

 

 

 

 

 

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