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चेहरे पर ब्लैकहेड्स होने से हैं परेशान, तो इन फलों से बनाएं फेस पैक

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ब्लैकहेड्स त्वचा से संबंधित एक आम समस्या है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है। अगर आपको अपनी त्वचा के रोमछिद्रों में कुछ कालापन नज़र आता है, तो जान लें यही ब्लैकहेड्स हैं। इससे आपकी त्वचा काली और धब्बेदार भी दिखने लगती है पर अगर हम कुछ बातों का ध्यान रखें तो इस समस्या से बच सकते हैं। बता दें कि अगर हम इस दिक्कत से निजात पाने के लिये कुछ फलों से बने फेस-पैक का इस्तेमाल अपने चेहरे पर करें तो स्किन से ब्लैकहेड्स को बहुत आसानी से रिमूव किया जा सकता है।

आज जानते हैं उन फलों के बारे में जिनका फेस पैक आप ब्लैकहेड को रिमूव करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इन फेस पैक को किस तरह से बनाना और इस्तेमाल करना है आइये बताते हैं।

पपीते का फेस पैक

Papaya side effects: These people should avoid eating it

पपीते में पपैन नाम का एक पॉवरफुल एंजाइम पाया जाता है। जो हमारी त्वचा को एक्सफोलिएट करने में मददगार है। यानी यह हमारी त्वचा से निकलने वाले डेड-सेल्स को रिमूव करने का काम करता है। इसलिये पपीते का फेस-पैक चेहरे पर लगाने से उसके बेहतर रिजल्ट आप देख सकते हैं।

पपीते का फेस-पैक बनाने की विधि

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पपीते का फेस पैक बनाने के लिए करीब आधा कप पका हुआ पपीता और एक चम्मच शहद लें। साथ में एक छोटा चम्मच दूध भी लें। सबसे पहले तो पपीते को किसी कटोरी में लेकर अच्छी तरह से मैश कर लें. फिर इसमें दूध और शहद को मिलाकर पेस्ट को स्मूद होने तक चलायें। अब इस पेस्ट को अपने चेहरे पर मसाज करते हुये लगायें। इसके करीब 15-20 मिनट बाद चेहरे को साफ पानी से धो लें। यह प्रयोग हफ्ते में दो-तीन बार करने से त्वचा के काले-धब्बों यानी ब्लैकहेड्स को कम करने में काफी मदद मिलती है।

स्ट्रॉबेरी फेस पैक

STRAWBERRY (noun) definition and synonyms | Macmillan Dictionary

स्ट्रॉबेरी में विटामिन्स और कई तरह के मिनरल्स होने के साथ ही अच्छी मात्रा में फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी पाये जाते हैं। जो हमारी त्वचा को एक्सफोलिएट करते हैं। यानी कि हमारी त्वचा पर जमी डेड कोशिकाओं को हटाने का काम करते हैं। साथ ही स्ट्रॉबेरीज़ का पैक हमारी त्वचा के मुहासों की समस्या भी दूर करता है।

स्ट्रॉबेरी फेस पैक बनाने की विधि

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पैक बनाने के लिए आप दो या तीन पकी हुई स्ट्रॉबेरीज़ और एक चम्मच नींबू का रस लें। फिर स्ट्रॉबेरीज़ को मैश करें और पेस्ट बना लें। फिर इसमें नींबू का रस भी मिला लें ताकि यह नॉर्मल हो जाये। अब इस पेस्ट को अपने चेहरे पर और खासकर ब्लैकहेड्स से प्रभावित हिस्सों पर लगायें। सप्ताह में दो-तीन बार यह विधि आजमाने से आपकी त्वचा पर ब्लैकहेड्स की समस्या एकदम ख़त्म हो जाएगी।

संतरे का फेस पैक

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संतरा विटामिन-सी और दूसरे एंटीऑक्सीडेंट्स तत्वों से भरपूर होता है। इसलिये इसका फेस पैक भी आपको ब्लैकहेड्स और ऐक्ने यानी मुहासों की समस्या में काफी राहत प्रदान करता है।

संतरे का फेस पैक बनाने की विधि

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फेस पैक बनाने के लिए एक चम्मच संतरे के छिलके का पाउडर लें। इसके साथ में एक चम्मच शहद और एक चम्मच हल्दी भी लें। फिर इन सारी सामग्रियों को लेकर आपस में मिक्स करके एक पेस्ट बना लें। फिर मसाज करते हुये चेहरे व प्रभावित हिस्सों पर लगायें और करीब पंद्रह-बीस मिनट बाद चेहरे को साफ पानी से धो लें। इस नुस्ख़े का इस्तेमाल हफ्ते में दो-तीन बार करने से त्वचा पर ब्लैकहेड्स की समस्या से काफी राहत मिलेगी।

नेशनल

कौन हैं वी नारायणन, जो बनेंगे ISRO के नए अध्यक्ष

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वी नारायणन को इसरो का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया है। वी नारायणन 14 जनवरी से ISRO के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे और साथ ही वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव का पद भी संभालेंगे। नियुक्ति समिति के आदेश के अनुसार वी नारायणन अगले दो सालों तक या आगामी आदेश तक इन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर काम करेंगे।

कौन हैं इसरो के नए प्रमुख?

वी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। उनके पास रॉकेट और अंतरिक्षयान प्रणोदन के क्षेत्र में चार दशकों का व्यापक अनुभव है। वह वर्तमान में द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (Liquid Propulsion Systems Centre, LPSC) के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, जो इसरो के मुख्य केंद्रों में से एक है। वी नारायणन 1984 में ISRO में शामिल हुए और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया। प्रारंभिक चरण के दौरान, उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में साउंडिंग रॉकेट्स और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया।

वी नारायणन ने एब्लेटिव नोजल सिस्टम, कंपोजिट मोटर केस और कंपोजिट इग्नाइटर केस की प्रक्रिया योजना, प्रक्रिया नियंत्रण और कार्यान्वयन में योगदान दिया। फिलहाल नारायणन एलपीएससी के निदेशक हैं, जो ISRO के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियामला में है, जिसकी एक इकाई बेंगलुरु में है। नारायणन के पास 40 साल का अनुभव है। वे रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन के एक्सपर्ट हैं।

14 जनवरी को रिटायर हो रहे एस सोमनाथ

ISRO के मौजूदा चेयरमैन एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को ISRO चेयरमैन का पद संभाला था। वे तीन साल के कार्यकाल के बाद रिटायर हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में ISRO ने इतिहास रचा। ISRO ने न सिर्फ चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराई, बल्कि धरती से 15 लाख किमी ऊपर लैगरेंज पॉइंट पर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-L1 भी भेजा।

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