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प्रादेशिक

कोरोना को देखते हुए सीएम योगी का निर्देश, सभी 75 जनपदों में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम किए जाएं

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश कोविड टीकाकवर से सुरक्षित है। सर्वाधिक टीकाकरण प्रदेश में हुआ है। राज्य स्तरीय कोविड सलाहकार समिति की रिपोर्ट बताती है कि कोविड को लेकर प्रदेश में किसी बड़े खतरे की आशंका न्यून है, लेकिन हमें कोविड अनुकूल व्यवहार को अपनाना चाहिए। गम्भीर रोग से ग्रस्त, वृद्धजन भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में आवागमन से यथासम्भव बचने का प्रयास करें। यदि जाएं तो मास्क लगाकर ही जाएं। इस सम्बन्ध में लोगों को जागरूक किया जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए। अस्पतालों के बाहर भी पब्लिक एड्रेस सिस्टम से जागरूकता प्रसार किया जाए। अस्पतालों में मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाए।

मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर देश में बढ़ते कोरोना के नए मामलों के दृष्टिगत राज्य स्तरीय कोविड सलाहकार समिति और टीम-9 के साथ प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने व्यापक जनहित में आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि बीते कुछ समय से विभिन्न राज्यों में कोविड के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। वर्तमान में देश में 38 हजार से अधिक एक्टिव केस हैं। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। यहां पॉजिटिविटी दर कम है। जो कोविड पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं, उनकी स्थिति भी सामान्य है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति घबराने की नहीं, सतर्क और सावधान रहने की है।

वर्तमान में प्रदेश में कोविड के 1,791 एक्टिव केस हैं। अब तक अप्रैल माह में पॉजिटिविटी दर 0.65 प्रतिशत रही है। पिछले अनुभवों के दृष्टिगत यह आवश्यक होगा कि हम हर स्तर पर सतर्क रहें। हमें अलर्ट मोड में रहना होगा। जनपद लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, वाराणसी, आगरा और मेरठ में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। कोविड के हर संदिग्ध मरीज को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाए। स्थानीय जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए सभी जिलों में डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल तत्काल क्रियाशील कर दिये जाएं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है। चुनाव प्रचार और मतदान के दौरान कोविड संक्रमण एवं उसके प्रसार की आशंका भी है। ऐसे में हर मतदाता की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित हो और वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके, इसके लिए मुख्य सचिव स्तर से राज्य निर्वाचन आयोग से संवाद स्थापित करते हुए आवश्यक उपाय किए जाएं। आवश्यकतानुसार मतदान कार्मिकों को कोविड सुरक्षा किट भी उपलब्ध करायी जाए।

कोविड से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश में सभी जरूरी लॉजिस्टिक्स उपलब्ध हैं। विगत वर्ष स्थापित सभी ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील रहे। अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों को उपलब्ध कराए गए वेंटिलेटर एक्टिव रहे। पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती हो। जहां वेंटिलेटर हो वहां एनेस्थेटिक की तैनाती जरूर की जाए। विगत दिवस आयोजित प्रदेशव्यापी मॉकड्रिल में जहां पर कमी पाई गई हो, उसे तत्काल ठीक कराया जाए। सभी 75 जनपदों में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर को तत्काल एक्टिव करें।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में जारी गेहूं खरीद प्रक्रिया के तहत अब तक 19 हजार मीट्रिक टन गेहूं क्रय किया जा चुका है। खरीद के बाद किसानों को भुगतान में कतई देरी न हो। तय समय के भीतर किसानों के बैंक खाते में गेहूं मूल्य का भुगतान कर दिया जाए। क्रय केंद्रों पर किसानों की सुविधा के लिए सभी जरूरी प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं।

स्वामित्व, घरौनी और वरासत जैसे कार्यक्रमों ने आमजनमानस को बड़ी सुविधा प्रदान करने में सफलता प्राप्त की है। इनकी अद्यतन स्थिति की समीक्षा की जाए। अब तक 60 लाख से अधिक ग्रामीणों को घरौनी प्रदान की जा चुकी है। ड्रोन सर्वेक्षण के कार्य भी पूरे हो चुके हैं। हमारा लक्ष्य हो कि इस वर्ष के अन्त तक सभी पात्र ग्रामीणों को उनके घरों का मालिकाना हक देने वाला प्रमाण पत्र ‘घरौनी’ मिल जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों को प्रोत्साहित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से पी0एम0 कुसुम (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) योजना संचालित हो रही है। पी0एम0 कुसुम योजना किसानों को अपनी भूमि पर स्थापित सौर ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से स्वयं के लिए बिजली उत्पादन करने और ग्रिड को बिजली बेचने का विकल्प प्रदान करते हुए अतिरिक्त आय अर्जित करने का अवसर देती है। इस योजना को लेकर किसानों में उत्साह है। अधिकाधिक किसानों को इस योजना का लाभ दिलाया जाए।
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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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