नेशनल
लॉन्चिंग के लिए तैयार भारत का सोलर मिशन आदित्य- एल1, तस्वीरें देख होगा गर्व
बंगलुरू। भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य- एल1 लॉन्चिंग के लिए तैयार है। बता दें कि आदित्य एल1 को आगामी शनिवार यानी दो सितंबर को लॉन्च किया जाएगा। चार महीने के सफर के दौरान भारत का आदित्य एल1 मिशन 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर लैग्रेंजियन-1 पॉइंट पर पहुंचेगा। जहां से वह सूरज के अंतरिक्ष के मौसम पर पड़ने वाले असर का अध्ययन करेगा।
इसरो ने मंगलवार को आदित्य- एल1 से लैस लॉन्च व्हीकल पीएसएलवी-सी57 की तस्वीरें साझा की। लॉन्च व्हीकल पीएसएलवी-सी57 को श्रीहरिकोटा के लॉन्च पैड पर पहुंचा दिया गया है।
आदित्य- एल1 सूरज की सतह पर कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन और प्री फ्लेयर और फ्लेयर गतिविधियों को समझने का प्रयास करेगा। सूरज पर आने वाले सौर तूफानों का भी अध्ययन किया जाएगा। आदित्य- एल1 सूरज का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष आधारित लेबोरेट्री होगी। यह पूरी तरह से स्वदेशी मिशन है।
बता दें कि लैग्रेंजियन-1 पॉइंट के आसपास हेलो ऑर्बिट में रखी गई सैटेलाइट सूर्य पर लगातार नजर रख सकती है और किसी ग्रहण का भी यहां असर नहीं होता। यहां से रियल टाइम आधार पर सोलर एक्टिविटीज और अंतरिक्ष के मौसम पर नजर रखी जा सकती है।
उत्तराखंड
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, इस मौके पर क्या बोले सीएम धामी
देहरादून: उत्तराखंड से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। यहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो गया है। इसी के साथ उत्तराखंड UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। UCC के लागू होने से विशेष तौर पर सभी धर्मों की महिलाओं को एक समान अधिकार मिलेंगे।
UCC पोर्टल और नियम लॉन्च के मौके पर क्या बोले सीएम?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने UCC पोर्टल और नियम लॉन्च पर कहा, ‘आज उत्तराखंड में UCC लागू करके हम संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आज इसी क्षण से उत्तराखंड में UCC पूर्ण रूप से लागू हो गया है। आज से सभी धर्म की महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त होंगे। इस अवसर पर मैं समस्त उत्तराखंड वासियों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद करता हूं क्योंकि उन्हीं के मार्गदर्शन में आज हम यह कानून राज्य में लागू करने में सफल हुए हैं।
उत्तराखंड में UCC लागू होने से क्या-क्या बदल जाएगा?
यूसीसी लागू होने के बाद शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाएगा।
किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय के लिए तलाक का एक समान कानून होगा।
हर धर्म और जाति की लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी।
सभी धर्मों में बच्चा गोद लेने का अधिकार मिलेगा, दूसरे धर्म का बच्चा गोद नहीं ले सकते।
उत्तराखंड में हलाला और इद्दत जैसी प्रथा बंद हो जाएगी।
एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
जायदाद में लड़के और लड़कियों की बराबरी की हिस्सेदारी होगी।
लिव-इन रिलेशनशिप के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।
लिव-इन रिलेशनशिप वालों की उम्र 18 और 21 साल से कम है तो माता-पिता की सहमति लेनी होगी।
लिव इन से पैदा होने वाले बच्चे को शादी शुदा जोड़े के बच्चे की तरह अधिकार मिलेगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड से शेड्यूल ट्राइब को बाहर रखा गया है।
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