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प्रादेशिक

जल जीवन मिशन: ईएमबी सॉफ्टवेयर से 100 प्रतिशत बिलिंग करने वाला पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश

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लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल जीवन मिशन के तहत उत्तर प्रदेश ने अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। इस क्रम में जल जीवन मिशन में ऑनलाइन बिलिंग सॉफ्टवेयर इलेक्ट्रॉनिक मेजरमेंट बिल (ईएमबी) को 100 प्रतिशत लागू करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है। इस बिलिंग सॉफ्टवेयर के लागू होने से जल जीवन मिशन में काम करने वाली कंपनियों को सिर्फ 14 दिनों में पेमेंट हो जाता है। ये पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने की वजह से इसमें किसी भी तरह के भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं होती है। ई-मेजरमेंट बिल (ईएमबी) के जरिए इतने बड़े पैमाने पर पेमेंट करने वाला उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य बन गया है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से पहले यह लक्ष्य हासिल किया है।

41 दिन में होने वाली बिलिंग अब मात्र 14 दिन में होती

इलेक्ट्रॉनिक मेजरमेंट बिलिंग सिस्टम लागू होने से पहले जल जीवन मिशन के तहत काम करने वाली कंपनियों को पेमेंट होने में कम से कम 41 दिन का समय लगता था। जिसकी वजह से मिशन के तहत होने वाले काम की रफ्तार भी धीमी पड़ने लगी थी परन्तु अब ईएमबी के तहत पेमेंट होने से कंपनियों को महज 14 दिन में बिलिंग हो जाती है। कम समय में बिलिंग होने की वजह से जल जीवन मिशन के तहत होने वाले काम की रफ्तार भी तेज हुई है।

ऐसे भ्रष्टाचार पर लगाम लगा रहा ईएमबी

सरकारी विभागों में बिलिंग में भ्रष्टाचार की अक्सर शिकायतें आती हैं। मगर जल जीवन मिशन में ईएमबी के जरिए बिलिंग की प्रक्रिया शुरू होने के बाद बिलिंग में होने वाले भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से अंकुश लग गया है। ये पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने की वजह से कोई भी अधिकारी या कर्मचारी बेवजह फाइल को लटका नहीं सकता है। साथ ही पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने की वजह से अधिकारी किसी भी पेमेंट की फाइल को मॉनीटर भी कर सकता है। जल निगम ग्रामीण के एमडी डॉ. बलकार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति को आगे बढ़ाते हुए जल निगम (ग्रामीण) ने जल जीवन मिशन में बिलिंग प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन किया है। इससे मिशन के तहत होने वाले कामों की रफ्तार तेज हुई है। वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगा है।

ऐसे काम करता है ईएमबी

इस सॉफ्टवेयर के जरिए जल जीवन मिशन में काम करने वाली कंपनी काम पूरा होने के बाद एक बिल सभी मेजरमेंट के साथ ऑनलाइन ईएमबी पर अपलोड करती है। कंपनी द्वारा बिल अपलोड करने के बाद कंपनी द्वारा दिए गए सभी आंकड़ों की जांच कर जूनियर इंजीनियर बिल पर अपने कमेंट लिखता है। इसके बाद ये फाइल असिस्टेंट इंजीनियर के पास जाती है। वो भी अपने कमेंट बिल पर देता है। इसके बाद थर्ड पार्टी अपना अप्रूवल देती है। इसके बाद अधिशासी अभियंता सभी तथ्यों की जांच कर फाइल को ऑनलाइन ही फाइनेंस के पास भेज देता है। इसके बाद फाइनेंस अधिकारियों की जांच के बाद कंपनी को पेमेंट कर दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में 14 दिन का अधिकतम समय लगता है।

आंकड़े बताते हैं कैसे हर घर नल योजना की रफ्तार बढ़ा रहा ईएमबी

– रोजाना 140 करोड़ रुपये से अधिक का हो रहा पेमेंट
– पहले महीने में बमुश्किल 1000 करोड़ रुपये का पेमेंट हो पाता था
– अब हर महीने औसतन 4000 से 5000 करोड़ रुपये का होता है पेमेंट
– जल जीवन मिशन में पूरी तरह से ईएमबी लागू करने वाला उत्तर प्रदेश बना देश का पहला

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उत्तर प्रदेश

जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियों का एक्सीडेंट, बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत

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नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर रविवार सुबह करीब 5 बजे भीषण हादसा हो गया। इस हादसे में जगतगुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। इसके अलावा उनकी दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हैं। घायल दोनों बेटियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। हादसे के बाद जगतगुरु कृपालु परिषत की ओर से शोक संदेश भी जारी किया गया है। संदेश जारी करने के बाद भक्तों द्वारा इस घटना को लेकर दुख व्यक्त किया जा रहा है।

दिल्ली जाते समय हुआ हादसा बताया जा रहा है कि मथुरा से जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियां डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और डॉ. श्यामा त्रिपाठी कार से दिल्ली एयरपोर्ट जाने के लिए निकलीं थीं। उनके साथ आश्रम से जुड़े अन्य लोग भी मौजूद थे। दिल्ली एयरपोर्ट से उनको फ्लाइट पड़कर सिंगापुर जाना था। कार यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर कोतवाली क्षेत्र में पहुंची थी। इसी दौरान तेज रफ्तार की एक डीसीएम ने आगे चल रही दोनों कारों में टक्कर मार दिया। टक्कर लगने के बाद कार क्षतिग्रस्त हो गईं।

हादसे में बड़ी बेटी का निधन

हादसे में कृपालु जी की बड़ी बेटी 65 साल की डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन हुआ है. हादसा दो छोटी बेटियों, डॉ. श्यामा त्रिपाठी व डॉ. कृष्णा त्रिपाठी की हालत गंभीर बताई जाती जा रही है. सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. सिंगापुर जाने के लिए तीनों बहनें फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट के लिए जा रही थीं.

 

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