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उत्तर प्रदेश

पश्चिमी यूपी की राजनीतिक धुरी बने जयंत; NDA से बातचीत की अटकलों के बीच सपा-कांग्रेस मान-मनौव्वल में जुटीं

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Jayant becomes the political pivot of Western UP

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बागपत। लोकसभा चुनाव से पहले चौधरी जयंत सिंह पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति की धुरी बन गए हैं। NDA के साथ बातचीत शुरू होने के बाद हर किसी की नजर उन पर ही टिकी है कि उनका अंतिम फैसला क्या होता है। क्योंकि वेस्ट की अधिकतर सीटों पर जाट वोटर चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं।

इसको देखते हुए ही सपा व कांग्रेस के तेवर भी ढीले हुए हैं और वे भी जयंत को मनाने में जुटे हैं। वेस्ट यूपी की बागपत, कैराना, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, बिजनौर, नोएडा, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, पीलीभीत, बरेली, आंवला, बदांयू, मथुरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, आगरा, अलीगढ़, हाथरस सीटों पर जाट वोटर हैं।

इनमें अधिकतर सीटों की यह स्थिति है कि वहां जाट वोटर चुनाव प्रभावित कर सकता है और जाटों को सबसे ज्यादा रालोद के साथ माना जाता है। ऐसे में रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह की एनडीए के साथ जाने को लेकर बातचीत शुरू हुई तो सपा व कांग्रेस को चुनावी गणित गड़बड़ाने की चिंता हो गई है। इसलिए अब वह भी जयंत को मनाने में जुट गए हैं।

यह कहा जा रहा है कि जयंत के साथ तय हुई सात सीटों में जहां अभी तक तीन पर अपने प्रत्याशी उतारने का दबाव बना रही थी, वहीं अब वह रालोद के प्रत्याशी ही उतारने के लिए राजी हो गई है। जबकि कांग्रेस भी राजस्थान में एक लोकसभा सीट देने को तैयार है। लेकिन अब हर किसी की नजर जयंत पर टिकी है कि वह किस तरफ रुख करते हैं।

हैंडपंप से भावनात्मक रूप से जुड़े, इसलिए इस निशान की चाहत

रालोद पार्टी व नल के निशान के साथ काफी सीटों पर जाट भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। इसलिए ही माना जा रहा है कि सपा अपने प्रत्याशियों को रालोद के सिंबल पर उतारना चाहती थी। वह कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर सीट पर अपने प्रत्याशी को रालोद के सिंबल पर उतारने की पूरी तैयारी कर चुके थे। इस पर ही विवाद बढ़ा और सपा का यह दांव उस पर ही भारी पड़ गया।

NDA संग गए तो छपरौली में जल्द बड़ा कार्यक्रम होगा

जयंत अगर NDA के साथ चले जाते हैं तो छपरौली में जल्द ही बड़ा कार्यक्रम होगा। जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह की मूर्ति का अनावरण होगा और वहां पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा हो सकती है। इसके साथ ही हरियाणा-यूपी को जोड़ने के लिए यमुना पर बने पुल का उद्घाटन हो सकता है।

उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान

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लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।

हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।

अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।

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