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आध्यात्म

खरमास में तुलसी से जुड़े इन नियमों का जरूर रखें ध्यान, जीवन में नहीं आएगी कोई परेशानी

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Tulsi Puja in Kharmas

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नई दिल्ली। जब सूर्य देव बृहस्पति की राशि यानी धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो खरमास की शरुआत हो जाती है। इस साल खरमास की शुरुआत 16 दिसंबर 2023 से चुकी है। साथ ही इसका समापन 15 जनवरी 2024 को होने जा रहा है। इस बार खरमास की अवधि लगभग 1 महीने की रहेगी। ऐसे में आइए जानते हैं खरमास में तुलसी से जुड़े कुछ काम जिन्हें करने से व्यक्ति को मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो सकती है।

जरूर करें ये काम

खरमास में भगवान विष्णु का पूजा के दौरान उनके भोग में तुलसी दल जरूर डालें। साथ ही खरमास में तुलसी जी की पूजा करते समय उनके समक्ष घी की दीपक जरूर जलाएं और तुलसी की परिक्रमा करें। इससे मां लक्ष्मी साधक पर अपनी कृपा बनाए रखती हैं।

न करें ये गलतियां

खरमास में तुलसी पर सिंदूर या कोई सुहाग से संबंधित सामग्री नहीं चढ़ानी चाहिए। इसके साथ ही तुलसी पर दूर्वा भी अर्पित न करें। ऐसा माना जाता है कि इससे मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं। खरमास में तुलसी को दीपदान, जल दान और धूपदान दिया जा सकता है, लेकिन अन्य किसी प्रकार की पूजा करना शुभ नहीं माना गया।

तुलसी पूजा खरमास में तो की जा सकती है, लेकिन तुलसी के पौधे को स्पर्श करना शुभ नहीं माना जाता। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से तुलसी का पौधा दूषित हो जाता है। इसलिए खरमास के महीने में तुलसी पूजन के दौरान इसे हाथ ना लगाएं और न ही इसके पत्ते तोड़ें।

ऐसे बचाएं अपनी तुलसी

खरमास में ठंड बढ़ने लगती है, जो तुलसी के पौधे के लिए सही नहीं है। ठंड के कारण तुलसी का पौधा मुरझा सकता है। ऐसे में अपनी तुलसी को एक पलते से कपड़े से ढक दें। ध्यान रहे कि ये कपड़ा साफ होना चाहिए। इस तरह आप अपनी तुलसी को ठंड की मार से बचा सकते हैं।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।  

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आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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