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प्रादेशिक

लालू परिवार की फिर बढ़ीं मुश्किलें, बेटी और पत्नी को कोर्ट में पेश होने के आदेश; दोनों पहुंचीं दिल्ली

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Lalu misa and rabri

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पटना। बिहार में एक बार फिर से लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रेलवे में जमीन के बदले नौकरी मामले में चल रही प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के बीच राउज एवेन्यू कोर्ट में नौ फरवरी को सुनवाई होनी है। कोर्ट ने नौ फरवरी को मामले में आरोपी बनाई गई राबड़ी देवी और राज्यसभा सदस्य डा. मीसा भारती को भी उपस्थित होने का निर्देश दिए हैं। कोर्ट के आदेश को देखते हुए राबड़ी देवी और मीसा भारती बुधवार की शाम दिल्ली रवाना हो गई।

क्या है जमीन के बदले नौकरी मामला?

बता दें कि लालू के रेल मंत्री के कार्यकाल के दौरान 2004 से 2009 तक यूपीए सरकार में निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करके और बिना किसी विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना के रेलवे में पसंदीदा उम्मीदवारों की नियुक्ति की गई थी। पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता और जयपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था।

वहीं, सीबीआई ने आरोप लगाया कि 2004-2009 की अवधि के दौरान रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद यादव ने नियुक्ति के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर भूमि संपत्ति के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था। यह रेलवे के ग्रुप डी पदों के लिए था।

हाल में लालू और तेजस्वी दोनों को पेश होना पड़ा था

बता दें कि हाल में बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और उनके पिता लालू प्रसाद यादव को इसी मामले में ईडी के सामने पेश होना पड़ा था। दोनों नेताओं ने ईडी के कड़े सवालों का जवाब दिया था। अब राबड़ी और मीसा भारती की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान

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लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।

हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।

अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।

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