Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

ज्ञानवापी के व्यासजी तहखाने में 30 साल बाद जले दीप, पूजा-अर्चना के बाद हुई मंगला आरती

Published

on

Lamps lit in Gyanvapi's Vyasji basement after 30 years

Loading

वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के तहखाने में जिला अदालत के आदेश के बाद बुधवार देर रात पूजा-अर्चना हुई। बृहस्पतिवार तड़के मंगला आरती भी हुई। तहखाने में 30 साल बाद दीप जले। कोर्ट का आदेश आने के बाद रात में ही तहखाने से बैरिकेडिंग हटा दी गई थीं।

तड़के से ही पूजा के लिए लोग जुटने भी लगे। कड़े प्रशासनिक सुरक्षा घेरे में पूजा की शुरुआत हुई। बता दें कि व्यासजी के तहखाने में अभी आम श्रद्धालुओं का प्रवेश निषेध है। सिर्फ पुजारी को पूजापाठ के समय आने-जाने दिया जाएगा।

बता दें कि वाराणसी जिला अदालत की ओर से ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में नियमित पूजन-अर्चन की बुधवार को अनुमति के बाद देर रात बैरिकेडिंग से रास्ता बनाते हुए व्यास जी का तहखाना खोल दिया गया। इसके लिए डीएम एस. राजलिंगम व पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन समेत पुलिस-प्रशासन के अधिकारी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी क्षेत्र में डटे रहे। रात 1.50 बजे परिसर से बाहर निकले जिलाधिकारी ने कहा कि न्यायालय के आदेश का अनुपालन कर दिया गया है।

कोर्ट ने दिया था यह आदेश

गौरतलब है कि जिला न्यायाधीश डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बुधवार को ही व्यास परिवार और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के पुजारी से तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा व राग-भोग कराने का आदेश दिया था।

जिला न्यायाधीश ने रिसीवर जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया कि वह सेटलमेंट प्लॉट नं.-9130 स्थित भवन के दक्षिण में स्थित तहखाने में पुजारी से मूर्तियों की पूजा व राग-भोग कराएं। रिसीवर को सात दिन में लोहे की बाड़ का उचित प्रबंध कराने के भी निर्देश दिए। मुकदमे की अगली सुनवाई आठ फरवरी को होगी। इस बीच, वादी व प्रतिवादी पक्ष आपत्तियां प्रस्तुत कर सकते हैं।

व्यासजी का तहखाना जिलाधिकारी को सुपुर्द करने की मांग और दिसंबर, 1993 से पहले की तरह पूजा-पाठ की अनुमति के लिए बीते साल 25 सितंबर को शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने अदालत में वाद दायर किया था। वाद में आशंका जताई गई थी कि तहखाने पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी जबरन कब्जा कर सकती है। 17 जनवरी को जिला जज ने जिलाधिकारी को व्यासजी के तहखाने का रिसीवर बनाया था। बुधवार को पूजा की अनुमति देकर दूसरी मांग भी मान ली।

आधी रात हटाई बैरिकेडिंग, पूजा-आरती की और प्रसाद भी बांटा

ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने के संबंध में अदालत के आदेश के बाद बुधवार देर रात पुलिस और प्रशासन के आला अफसर विश्वनाथ धाम पहुंचे। चर्चा रही कि व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ की व्यवस्था के संबंध में जिला जज की अदालत ने जो आदेश दिया है, उसी के क्रियान्वयन के संबंध में अफसरों ने बैठक की है।

हालांकि इस संबंध में पूछे जाने पर पुलिस और प्रशासन का कोई अफसर औपचारिक रूप से कुछ भी कहने को तैयार नहीं हुआ। अनौपचारिक रूप से अफसरों ने बस इतना ही कहा कि अदालत का जो भी आदेश है, उसका अध्ययन कर नियमानुसार पालन कराया जाएगा।

पता चला है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के सामने से रास्ता काट कर व्यासजी के तहखाने के लिए आने-जाने की व्यवस्था कर दी गई है। ASI सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार तहखाने में मूर्तियों को रख कर उनकी पूजा-अर्चना कराई गई है।

मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि अदालत के आदेश के पालन के क्रम में बृहस्पतिवार की सुबह से व्यासजी के तहखाने में नियमित पूजा-अर्चना विधिविधान के साथ संपादित की जाएगी। काशी विश्वनाथ धाम के अंदर ही सारे अफसर अभी भी हैं। उनका कहना है कि कोर्ट के आदेश के अनुपालन के क्रम में व्यवस्था बनाई गई है। इसीलिए देर रात विश्वनाथ धाम पहुंच गये थे पुलिस-प्रशासन के आला अफसर।

आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

Published

on

Loading

महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

Continue Reading

Trending