Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

8 नवंबर को लग रहा है चंद्र ग्रहण, 7 को ही मनाई जाएगी देव दीपावली

Published

on

lunar eclipse

Loading

नई दिल्ली। इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण (lunar eclipse) 8 नवंबर कार्तिक सुदी पूर्णिमा दिन मंगलवार को लगने जा रहा है। 8 नवंबर को भारत के साथ ही साथ दुनिया के बहुत से देशों में चंद्र ग्रहण देखा जाएगा। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, एशिया में भी चंद्र ग्रहण दिखाई देगा।

यह भी पढ़ें

शुक्र ग्रह कर रहे हैं राशि परिवर्तन, इन राशि के जातकों को होगा विशेष लाभ

डॉक्टरों ने इमरान के पैर से निकाली गोली, हालत खतरे से बाहर

चंद्र ग्रहण लगने की वजह से इस साल देव दीपावली सोमवार 7 नवंबर को मनाई जाएगी। सूतक चंद्रग्रहण के 9 घंटे पूर्व ही लग जाता है। इस हिसाब से सूतक मंगलवार सुबह 7:51 बजे लग जाएगा। चंद्र उदय के हिसाब से चंद्रग्रहण संध्या 4:51 से 6:19 तक दिखेगा।

ग्रस्तोदय होने के कारण इस चंद्रग्रहण के प्रारंभ के क्षण भारत में कहीं भी नहीं देख सकेंगे। ग्रहण का मध्य भी कुछ गिने-चुने स्थान पर ही दिखेगा लेकिन ग्रहण की समाप्ति भारत के सभी नगरों में देखी जा सकती है। चंद्र ग्रहण के बाद कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

चंद्र ग्रहण के बाद करें यह कार्य-

स्नान करें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण के बाद स्नान करना चाहिए।

ऐसा माना जाता है स्नान करने से ग्रहण का प्रभाव समाप्त हो जाता है।

नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें।

साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें

ग्रहण की समाप्ति के बाद स्नान करें और फिर साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।

घर में गंगा जल का छिड़काव करें

ग्रहण की समाप्ति के बाद घर में गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए।

घर के मंदिर में भी गंगा जल का छिड़काव करें।

भगवान का गंगा जल से अभिषेक करें

ग्रहण के बाद देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करना चाहिए।

गाय को रोटी खिलाएं

ग्रहण खत्म हो जाने के बाद गाय को रोटी जरूर खिलाएं। गाय को रोटी खिलाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

Lunar eclipse on November 8, Lunar eclipse news, Lunar eclipse latest news,

Continue Reading

आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

Published

on

Loading

महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

Continue Reading

Trending