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नेशनल

अमृतपाल सिंह के पास से मोबाइल फोन और जासूसी कैमरा बरामद, डिब्रूगढ़ जेल अधीक्षक गिरफ्तार

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डिब्रूगढ़। असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के पास से मोबाइल फोन और एक जासूसी कैमरे समेत कई सामान बरामद किए गए थे। अब इस मामले में पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है।

जानकारी के मुताबिक, 17 फरवरी को डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह की हिरासत से मोबाइल फोन और एक जासूसी कैमरे सहित आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई थी। अब इस मामले में कार्रवाई करते हुए डिब्रूगढ़ पुलिस ने केंद्रीय डिब्रूगढ़ जेल के अधीक्षक निपेन दास को गिरफ्तार कर लिया है। इस खबर की पुष्टि डिब्रूगढ़ के एसपी वीवीआर रेड्डी ने की है।

पंजाब पुलिस ने बीते साल अप्रैल महीने में खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह को रोडे गांव (भिंडरावाले के पैतृक गांव) से गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस को उसकी गिरफ्तारी के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। करीब एक महीने तक फरार रहने के बाद अमृतपाल को पकड़ा गया। इसके बाद उसे पंजाब से डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया था।

कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह ने अपने एक गिरफ्तार सहयोगी की रिहाई के लिए अजनाला पुलिस थाने पर उसके समर्थकों के साथ धावा बोल दिया था। अमृतपाल सिंह और उसके साथियों की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तारी हुई है। अमृतपाल पुलिस के शिकंजे में 36 दिन बाद आया था। वो 18 मार्च से ही अजनाला से फरार चल रहा था। 23 अप्रैल को मोगा में मिला।

नेशनल

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में मची भगदड़, 6 श्रद्धालुओं की मौत, कब और कैसे मच गई भगदड़?

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आंध्र प्रदेश। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बीते बुधवार को भगदड़ मचने से 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है. इस भगदड़ में दर्जनों भक्तों के घायल हुए हैं, जिनका इलाज जारी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीते साल 2024 में देश में किन-किन जगहों पर भगदड़ मची थी. जानिए साल 2024 में किन जगहों पर भगदड़ के कारण लोगों की मौत हुई थी.

तिरुपति मंदिर में मची भगदड़

आंध्र प्रदेश के सबसे अमीर तिरुपति बालाजी मंदिर में वैकुंठ द्वार के दर्शन के लिए ही लोग टोकन लेने के बीते बुधवार देर शाम से लाइन में खड़े थे. जानकारी के मुताबिक काउंटर के पास 4 हजार से ज्यादा श्रद्धालु कतार में खड़े थे. जिसके बाद श्रद्धालुओं को बैरागी पट्टीडा पार्क में कतार लगाने का निर्देश दिया गया था, इसी दौरान आगे जाने की होड़ में अफरा-तफरी मच गई थी. कई भक्त आगे भागने की कोशिश में एक-दूसरे के ऊपर चढ़ने लगे थे, जिस दौरान कई श्रद्धालु भीड़ के बीच जमीन पर नीचे गिर गए और उनकी दम घुटने से मौत हो गई है. इस दौरान दर्जनों भक्त घायल हुए हैं, जिनका इलाज जारी है.

कब और कैसे मच गई भगदड़?

हालात काबू में आये ही थे तो रामा नायडू स्कूल में बने केंद्र से हालात बेकाबू होने की खबर आ गई। दरअसल, इसी केंद्र में सबसे ज्यादा भीड़ जमा हुई थी। पुलिस ने टोकन Q लाइन को बंद कर रखा था। अगले दिन सुबह 5 बजे यानी आज सुबह टोकन Q लाइन खुलनी थी लेकिन लोग एक दिन पहले मतलब बुधवार को ही जमा हो गए। ज्यादा भीड़ को देखते हुए पुलिस ने लाइन खोले जाने तक लोगों को पास में बने एक पार्क में बैठने को कहा। कुछ ही देर में वो पार्क खचाखच भर गया। पुलिस ने पार्क का गेट बंद कर दिया। शाम 7 बजे के करीब पार्क में दम घुटने के चलते एक महिला बेसुध हो गई। इस महिला के इलाज के लिए उसे पार्क से बाहर निकलाने का फैसला किया गया और एक पुलिस अधिकारी के कहने पर पार्क का गेट खोला गया, वहां मौजूद हजारों लोगों को लगा कि Q लाइन में भेजने के लिए पार्क का गेट खोला गया है और एक साथ सैंकड़ों लोग पार्क के गेट से बाहर निकलने की जद्दोजहद करने लगे इसी दौरान वहां भगदड़ मच गई।

पार्क में नहीं थी मूलभूत सुविधा

वैकुंठ एकादशी के अवसर पर हर साल ऐसी ही स्तिथि होती है। इलाके में बेरिकेडिंग करने के बाद लोगों को लाइन में खड़ा रहने दिया जाता है और जैसे ही Q लाइन खुलती हैं, एक-एक करके लोगों को टोकन दिया जाता है। इस बार बहुत ज्यादा भीड़ होने के चलते, पहली बार पुलिस ने लोगों को पार्क के अंदर भेज दिया और गेट बंद कर दिया, लेकिन वहां पर कोई मूलभूत व्यवस्था नहीं की गई। सुबह से शाम तक लोग पार्क में बंद थे। मेडिकल इमरजेंसी की वजह से जैसे ही पार्क का गेट खुला, वहां भगदड़ मच गई। बेकाबू भीड़ से श्रीनिवासम इलाके में बने केंद्र में भी सिचुवेशन आउट ऑफ कंट्रोल हुई लेकिन समय रहते पुलिस ने इसे कंट्रोल कर लिया।

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