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प्रादेशिक

मुंबई के कोविड अस्पताल में लगी भीषण आग, 10 लोगों की मौत

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मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी कहलाने वाली मुंबई के भांडुप में गुरूवार रात बड़ा हादसा हो गया। यहां एक कोविड अस्पताल में आग लग गई जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई।

आग लगने के कारण हॉस्पिटल में अफरा-तफरी मच गई जिसके बाद मरीजों के परिजन इधर-उधर भागने लगे। जानकारी के मुताबिक अस्पताल एक मॉल में चलाया जा रहा था। खबर मिल रही है कि मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है।

पहले अस्पताल के एक हिस्से में आग लग गई थी। कुछ घंटे बाद अस्पताल के एक और हिस्से में आग लग गई। 12 घंटे बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका है।

आपको बता दें कि जिस ड्रिम मॉल में आग लगी है, उसे 2009 में बनाया गया था। इस मॉल में करीब 1000 छोटी दुकानें, 2 बैंक्वेट हॉल और एक अस्पताल है।

कोरोना अस्पताल शुरु करने के लिए पिछले साल अस्पताल को कंडीशनल ओसी दिया गया था। मॉल विवादित है और चार साल पहले NCLT ने एक प्रशासक नियुक्त किया था।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक, तमाम उपायों के बाद भी नहीं आ रहा हाथ, कई क्षेत्रों में डर का माहौल

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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