उत्तर प्रदेश
ईको टूरिज्म में यूपी के बढ़ते कदम से सीखेंगे नेपाल के अफसर
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उत्तर प्रदेश में ईको टूरिज्म में काफी संभावनाएं बढ़ी हैं। साढ़े सात वर्ष में यहां देश-विदेश व प्रदेश के अन्य कोने से आने वाले पर्यटकों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। स्थानीय लोगों को पर्यटन से जोड़कर रोजगार प्रदान किया जा रहा है। सीएम योगी के नेतृत्व में ईको टूरिज्म में यूपी के बढ़ते कदम से अब नेपाल के अफसर भी सीखेंगे। बुधवार को चूका ईको टूरिज्म स्पॉट पर इंडो-नेपाल ट्रांस बॉर्डर को-ऑर्डिनेशन इवेंट फॉर बॉयोडॉइवर्सिटी कंजरवेशन इवेंट का आयोजन किया गया। इसमें दोनों देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
एसएसबी संग बॉर्डर पर जागरूकता अभियान भी चलाएगा वन विभाग
उत्तर प्रदेश वन विभाग सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) संग बॉर्डर के ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाएगा। इसका उद्देश्य मानव वन्य जीव संघर्ष कम करने के साथ ही वन्य जीवों की भी सुरक्षा करना है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि मानव-वन्य जीव संघर्ष न्यूतनम करने के साथ ही वन्य जीव की सुरक्षा पर भी प्रदेश सरकार का जोर है। दोनों देश मिलकर वाइल्ड लाइफ मॉनीटरिंग करेंगे। जो वन्यजीव (खास तौर पर टाइगर, तेंदुआ, हाथी, गैंडा) इस देश से उस देश जा रहे हैं, उन्हें ट्रैक करने पर भी जोर देंगे।
लग्गाबग्गा कॉरिडोर प्रबंधन पर दोनों देशों में हुई चर्चा
भारत व नेपाल के वनाधिकारियों के मध्य लग्गाबग्गा कॉरिडोर प्रबंधन पर भी चर्चा हुई। इस एरिया में टाइगर मूवमेंट अधिक है। इनकी सुरक्षा को लेकर भी दोनों देशों के अधिकारियों में चर्चा हुई। इसके अलावा सूचनाओं के आदान-प्रदान पर जोर दिया गया। इसके अलावा संयुक्त गश्त, पर्यटन में सहयोग, समुदाय की सहभागिता से संरक्षण, अनवरत स्थानीय व उच्च स्तरीय बैठक, वन्य जीवों के भ्रमण, दोनों देशों के वनाधिकारियों ने टूरिज्म को बढ़ावा देने में सहयोग करने के साथ वन्यजीवों के आवागमन की सूचना साझा करने को लेकर चर्चा की, जिससे मानव वन जीव संघर्ष काम हो। बॉर्डर क्षेत्र की समितियां के साथ समन्वय कर वन जीव संरक्षण किया जाएगा।
इवेंट में नेपाल की ओर से कंचनपुर के डीएफओ राम बिचारी ठाकुर, चीफ वार्डन अधिकारी शुक्ला फाटा राष्ट्रीय निकुंज नेपाल मनोज के शाह, बफर जोन मैनेजमेंट काउंसिल के अध्यक्ष लव विष्ट, एनटीएनसी संरक्षण अधिकारी लक्ष्मी राज जोशी तथा भारत की ओर से पीलीभीत टाइगर रिजर्व के प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह, डिप्टी कमांडेंट एसएसबी अजय बहादुर सिंह, सीनियर प्रोजेक्ट ऑफिसर डब्ल्यू डब्ल्यू एफ नरेश कुमार, प्रोजेक्ट ऑफिसर देवल कलम, कृतिका भावे आदि उपस्थित रहीं।
उत्तर प्रदेश
बालिकाओं को ताजे मौसमी फल और दूध मुहैया कराने की तैयारी में जुटी योगी सरकार
लखनऊ। योगी सरकार कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में अध्ययनरत छात्राओं के पोषण और समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 में छात्राओं को ताजे मौसमी फल, दूध और अन्य आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह पहल छात्राओं के शारीरिक और मानसिक विकास के साथ-साथ उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से की जा रही है।
सरकार का उद्देश्य छात्राओं के शारीरिक, मानसिक और शैक्षणिक विकास को सुनिश्चित करना है। इस पहल से न केवल बालिकाओं के उज्ज्वल भविष्य की नींव पड़ेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनने में भी मदद मिलेगी। यह पहल उनके शैक्षिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के साथ-साथ उन्हें समाज में एक मजबूत और सशक्त भूमिका निभाने में सक्षम बनाएगी।
टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए सभी निविदाएं समाचार पत्रों और एनआईसी पोर्टल पर प्रकाशित की जाएंगी। प्रक्रिया को 28 फरवरी 2025 तक पूरा कर आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। किसी भी प्रकार की देरी या अनियमितता पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी।
जेम पोर्टल के माध्यम से अनिवार्य खरीदारी
सरकार ने दैनिक उपभोग और शिक्षण सामग्री की खरीद के लिए जेम (GeM) पोर्टल का उपयोग अनिवार्य किया है। यह कदम क्रय प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धात्मकता सुनिश्चित करेगा। विशेष रूप से, छात्राओं को पराग, अमूल, ज्ञान और मदर डेयरी जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड्स से दूध उपलब्ध कराया जाएगा। डिप्टी डायरेक्टर और वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. मुकेश सिंह ने बताया कि यदि आपूर्ति की गई सामग्री मानक के अनुरूप नहीं पाई जाती है, तो संबंधित फर्म की धरोहर राशि जब्त कर उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर विधिक कार्रवाई भी की जाएगी।
गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निगरानी समिति
सामग्री की गुणवत्ता की जांच और निगरानी के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति नियमित रूप से आपूर्ति की गई सामग्री की गुणवत्ता का निरीक्षण करेगी। आपूर्ति की गई सामग्री के नमूने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय और संबंधित विद्यालयों में संरक्षित किए जाएंगे।
समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है योगी सरकार
सरकार का यह प्रयास केवल पोषण तक सीमित नहीं है। छात्राओं की शैक्षणिक सामग्री और अन्य आवश्यकताओं को भी प्राथमिकता दी गई है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर छात्रा को समुचित शिक्षण सामग्री, पोषण और अन्य सुविधाएं समय पर और बिना किसी रुकावट के प्राप्त हों।
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