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उत्तर प्रदेश

अब एडवांस एमआरआई से ही स्लीप एपनिया का चलेगा पता

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लखनऊ 15 जून: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार नवाचार और शोध पर जोर दे रहे हैं ताकि आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर प्रदेशवासियों को इसका लाभ दिया जा सके। इसी क्रम में सीबीएमआर शोधकर्ता और एसजीपीजीआई के प्रोफेसर ने एमआरआई तकनीक के जरिये स्लीप एपनिया (नींद के दौरान होने वाली समस्याएं) के एडवांस स्टेज का पता लगाने के लिए एक शोध किया, जो सफल रहा। इससे शोध से अब एडवांस एमआरआई से स्लीप एपनिया के एडवांस स्टेज का पता लगाया जा सकेगा। इसके जरिये मरीज का सही दिशा और सटीक इलाज हो सकेगा।

शोध में सिर की सूक्ष्म संरचना पर पड़ने वाले प्रभाव का पता लगाया

सेंटर ऑफ बायोमेडिकल रिसर्च (सीबीएमआर) के शोधकर्ता डॉ. अहमद रजा खान ने एसजीपीजीआई के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर जिया हाशिम और रेडियोडायग्नोसिस विभाग के प्रोफेसर जफर नियाज के सहयोग से किए गए अध्ययन में एमआरआई तकनीक के जरिए ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) के मस्तिष्क की सूक्ष्म संरचना पर पड़ने वाले प्रभाव का पता लगाया है। इस तकनीक से कुछ माइक्रोन से लेकर 20-30 माइक्रोन तक के ऊतक परिवर्तनों की जांच की जा सकती है, जो पारंपरिक एमआरआई माप से 100 से 1000 गुना अधिक संवेदनशील हो सकते हैं। डॉ. अहमद ने बताया कि डिफ्यूजन एमआरआई ऊतकों में पानी के अणुओं के प्रसार को मापता है, जिससे ऊतक सूक्ष्म संरचना के बारे में जानकारी मिलती है। डिफ्यूजन एमआरआई में प्रगति, जैसे कि डिफ्यूजन कर्टोसिस इमेजिंग (डीकेआई), जटिल ऊतक वातावरण में गैर-गौसियन जल प्रसार व्यवहार की जांच करती है। बायोफिजिकल मॉडलिंग का उपयोग करते हुए, डीकेआई पैरामीटर एक्सोनल जल अंश जैसे श्वेत-पैरामीटर प्रदान कर सकते हैं। एक्सोन न्यूरॉन्स के ट्रंक हैं। इसलिए, ऐसी जानकारी (एक्सोनल जल अंश), मस्तिष्क में सेलुलर स्तर की न्यूरोनल संरचना को दर्शाती है।

चिकित्सीय रणनीति के विकास में होगा बड़ा योगदान

एसजीपीजीआई के प्रोफेसर ने बताया कि एमआरआई से ऐसी सेलुलर जानकारी (एक्सोनल जल अंश) की जांच करके, शोधकर्ता न्यूरोनल संरचना की अखंडता और रोग प्रबंधन के विभिन्न समय पर ओएसए से जुड़े संभावित परिवर्तनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अध्ययन के निष्कर्ष ओएसए वाले व्यक्तियों में देखी गई संज्ञानात्मक हानि और अन्य न्यूरोलॉजिकल परिणामों के अंतर्निहित न्यूरोबायोलॉजिकल तंत्र पर प्रकाश डालते हैं। इन तंत्रों को समझना ओएसए से संबंधित जटिलताओं के प्रबंधन के लिए बेहतर नैदानिक ​​और चिकित्सीय रणनीतियों के विकास में योगदान दे सकता है।

यह स्लीप एपनिया

स्लीप एपनिया एक व्यापक स्थिति है, जो सोते समय व्यक्ति की सांस को बाधित करती है। इसके कारण व्यक्ति केवल सांस लेने के लिए जागता है, जिससे उसकी नींद बाधित होती है और उसे आराम महसूस नहीं होता। समय के साथ, स्लीप एपनिया गंभीर या यहां तक ​​कि घातक जटिलताओं को जन्म दे सकता है, इसलिए शीघ्र निदान और उपचार महत्वपूर्ण है।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ 2025 : वाराणसी में प्रयागराज महाकुंभ से लौट रही भीड़ के कारण, जिलाधिकारी ने सभी स्कूल बंद करने का दिया आदेश

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वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रयागराज महाकुंभ से लौट रही भीड़ के कारण जिलाधिकारी ने सभी स्कूल बंद(फिजिकल क्लासेज) कर दिए हैं। इस संबंध में एक आधिकारिक आदेश जारी किया गया है। जिलाधिकारी ने 26 जनवरी की देर शाम निर्देश जारी कर स्कूलों को बंद रखने और कक्षा 1 से 12 तक की कक्षाएं ऑनलाइन संचालित करने का निर्देश दिया।

निर्देश के अनुसार, कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों में 5 फरवरी तक ऑफलाइन कक्षाएं स्थगित रहेंगी। हालांकि, पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए उसी स्कूल समय पर ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंगी। नोटिस में यह भी लिखा है कि यह आदेश क्षेत्र के सभी सीबीएसई, आईसीएसई और राज्य बोर्ड के स्कूलों पर लागू होता है।

प्रैक्टिकल कक्षाओं का शेड्यूल

इस दौरान स्कूलों को अपनी सुविधानुसार प्रैक्टिकल कक्षाएं आयोजित करने की अनुमति है। खास बात यह है कि छात्रों को प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए बुलाए जाने पर स्कूल आना होगा, जबकि नियमित पढ़ाई के लिए ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। इस फैसले का उद्देश्य सड़कों पर बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करना और यातायात व्यवस्था को बनाए रखना है।

बता दें प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या है। ऐसे में वाराणसी में श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया है। अधिकारियों के अनुसार, इस अवसर से पहले प्रतिदिन लगभग 5 से 7 लाख श्रद्धालु काशी पहुंच रहे हैं। इस स्थिति के कारण, अधिकांश स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का निर्देश दिया गया है। छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम अपडेट के लिए स्कूल अधिकारियों के संपर्क में रहें।

 

 

 

 

 

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