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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत की सराहना करने में अपनी ऊर्जा खर्च करें ओबामा: ईसाई धर्म प्रचारक जॉनी मूर

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Evangelist Johnnie Moore

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नई दिल्ली। ‘पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को भारत की आलोचना करने से ज्यादा उसकी सराहना करने में अपनी ऊर्जा खर्च करनी चाहिए।’ यह टिप्पणी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग के पूर्व आयुक्त व ईसाई धर्म प्रचारक जॉनी मूर ने की है।

भारत की तारीफ करने में खर्च करें ऊर्जा

एक समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान जॉनी मूर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को भारत की आलोचना करने से ज्यादा भारत की तारीफ करने में अपनी ऊर्जा खर्च करनी चाहिए। भारत मानव इतिहास में सबसे विविधता वाला देश है। मूर ने बताया, ‘जैसे अमेरिका एक आदर्श देश नहीं है, वैसे ही यह एक आदर्श देश नहीं है, लेकिन इसकी विविधता इसकी ताकत है और हमें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सराहना करनी चाहिए।’

भारत से बहुत कुछ सीख सकता है अमेरिका

मूर ने बताया कि, ‘अमेरिका भारत से बहुत कुछ सीख सकता है। भारत पूरे विश्व में सबसे अधिक बहुलतावादी देश है। यह धर्मों की प्रयोगशाला है। मैं धर्म के बारे में जानने के लिए भारत गया था और भारत के बारे में उल्लेखनीय चीजों में से एक यह है कि एकल लोकतंत्र में अधिक भाषाएं, अधिक धर्म और अधिक विविध लोग हैं। ऐसा कुछ है जिसे हमें हर अवसर का जश्न मनाना चाहिए।’

बराक ओबामा ने क्या कहा था?

उल्लेखनीय है कि बराक ओबामा ने कुछ दिनों पहले कहा था कि जो बाइडन को भारत के साथ धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा उठाना चाहिए। ओबामा ने कहा कि अगर वह अभी भी अमेरिकी राष्ट्रपति होते तो वो ऐसा करते।

22 जून को सीएनएन के साथ एक साक्षात्कार में ओबामा ने कहा कि यदि भारत जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करता है, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि किसी बिंदु पर देश अलग होना शुरू हो जाएगा। ओबामा के इस बयान के एक दिन बाद ही जॉनी मूर ने यह टिप्पणी की है।

USCIRF ने बाइडेन से किया था यह आग्रह

US Commission on International Religious Freedom (USCIRF) ने राष्ट्रपति बाइडन से प्रधानमंत्री मोदी की राजकीय यात्रा के दौरान भारत में धार्मिक स्वतंत्रता और अन्य संबंधित मानवाधिकारों के संबंधित मुद्दों को संबोधित करने का भी आग्रह किया था। इसमें आरोप लगाया गया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने भेदभावपूर्ण राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय नीतियों का समर्थन किया है जो अल्पसंख्यक समूहों की धार्मिक स्वतंत्रता को गंभीर रूप से बाधित और प्रतिबंधित करती हैं।

भाजपा नेता की तीखी प्रतिक्रिया

ओबामा की टिप्पणियों पर भारत में, विशेषकर सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया आई है। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति की टिप्पणियां आश्चर्यजनक थीं क्योंकि उनके कार्यकाल के दौरान छह मुस्लिम-बहुल देशों को अमेरिकी ‘बमबारी’ का सामना करना पड़ा था।

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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