उत्तर प्रदेश
सीएम योगी की पहल पर जनप्रतिनिधियों ने भी थामा किसानों का हाथ
लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर जनप्रतिनिधियों ने बाढ़ से पीड़ित किसानों का हाथ थाम लिया। 20 दिन में 43558.04 हेक्टेयर फसलों के बाढ़ से क्षतिग्रस्त होने के कारण कृषि निवेश अनुदान के रूप में प्रदेश के 1,57,471 किसानों को लगभग 80 करोड़ की धनराशि वितरित की गई। मुख्यमंत्री की पहल पर किसानों को सरकार की तरफ से निरंतर सहायता प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कुशीनगर की जानी पीड़ा, दी ‘राहत’
राहत आयुक्त कार्यालय, राजस्व विभाग के अनुसार चार अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुशीनगर में 5918 लाभार्थियों को कृषि निवेश अनुदान का वितरण किया। कुशीनगर में ही खड्डा विधायक विवेकानंद पांडेय ने कृषि निवेश के लिए अनुदान के रूप में धनराशि का वितरण किया।
चार अगस्त को बलरामपुर में भी किया गया वितरण
बलरामपुर के सदर तहसील में विधानसभा सदस्य पलटूराम ने 40 और उतरौला में विधायक रामप्रताप वर्मा ने 15 पीड़ितों को राहत सामग्री का वितरण किया। तुलसीपुर विधानसभा में विधायक कैलाशनाथ शुक्ल ने 30 व्यक्तियों को राहत सामग्री दी।
सिद्धार्थनगर, शाहजहांपुर और लखीमपुर खीरी में भी किसानों को दी गई सहायता राशि
चार अगस्त को ही डुमरियागंज के सांसद जगदम्बिका पाल ने बाढ़ प्रभावित 125 व्यक्तियों को कृषि निवेश, मृतक-पशु अनुग्रह, गृह अनुदान स्वरूप कलेक्ट्रेट सभागार में राहत धनराशि का वितरण किया। लखीमपुर खीरी में विधान परिषद सदस्य अनूप गुप्ता, विधायक योगेश वर्मा, मंजू त्यागी, अमन गिरी, विनोद शंकर अवस्थी ने 200 पीड़ितों को कृषि निवेश अनुदान का वितरण किया। तीन अगस्त को शाहजहांपुर के ददरौल विधानसभा में विधायक अरविंद सिंह ने 31 व्यक्तियों को कृषि निवेश अनुदान दिया।
श्रावस्ती व पीलीभीत के प्रभावित किसानों का भी सरकार ने पकड़ा हाथ
26 जुलाई को श्रावस्ती विधायक रामफेरन ने मकान क्षति होने से प्रभावित पीड़ितों को सरकार की तरफ से सहायता राशि उपलब्ध कराई। जिला पंचायत अध्यक्ष दद्दन मिश्र ने 132 लोगों को सहायता राशि वितरित की। 24 व 25 जुलाई को पीलीभीत के बीसलपुर में विधायक विवेक वर्मा और बरखेड़ा विधायक स्वामी प्रवक्तानन्द ने भी पीड़ितों को सहायता राशि प्रदान की।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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