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पीएम मोदी आज शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना का करेंगे शिलान्यास

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लखनऊ। गंगा एक्सप्रेस वे प्रदेश के तरक्की, आर्थिक विकास और रोजगार की नई इबारत लिखने वाला है। प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा 594 किमी लंबा गंगा एक्सप्रेस वे प्रयागराज से मेरठ होते हुए कई राज्यों को एक सूत्र में पिरोने वाला है। इसका लाभ एनसीआर, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई अन्य राज्यों के लोगों को भी मिलने वाला है। पूर्वी यूपी से लेकर पश्चिमी यूपी के 12 जिलों से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक गलियारे से लेकर कई अन्य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

गंगा एक्सप्रेस वे प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में मील का पत्थर साबित होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 दिसंबर को शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना का शिलान्यास करने वाले हैं। राज्य सरकार ने 36,230 करोड़ रुपए की लागत से गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना की स्वीकृति पिछले साल 26 नवंबर को दी थी। पर्यावरण संरक्षण के लिए एक्सप्रेस वे के किनारे करीब 18,55,000 पौधे लगाए जाएंगे।

साथ ही परियोजना में अधिग्रहित भूमि पर सोलर पावर के माध्यम से ऊर्जा का उत्पादन होगा, जिससे परियोजना के संचालन के लिए आवश्यक ऊर्जा की पूर्ति होगी। गंगा एक्सप्रेस वे आधे से ज्यादा पश्चिमी यूपी के मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं और शाहजहांपुर जिले से गुजर रहा है। हापुड़ और बुलन्दशहर सहित अन्य जिलों के लोगों के आवागमन के लिए गढ़मुक्तेश्वर में एक अन्य पुल बनाया जाएगा।

औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा एक्सप्रेस वे

गंगा एक्सप्रेस वे से सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा विभिन्न उत्पादन ईकाईयों, विकास केंद्रों और कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने के लिए एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा। एक्सप्रेस वे खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों, भंडार गृह, मंडी और दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा।

शाहजहांपुर जिले में बनाई जाएगी हवाई पट्टी

एक्सप्रेस वे पर आपातकाल में वायु सेना के विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए शाहजहांपुर जिले में एक हवाई पट्टी भी बनाई जानी है। साथ ही लोगों की सुविधाओं के लिए नौ जनसुविधा केंद्र, सात रेलवे ओवर ब्रिज, 14 दीर्घ सेतु, 126 लघु सेतु और 381 अण्डरपास बनाया जाएगा। एक्सप्रेस वे पर प्रवेश और निकासी के लिए 17 स्थानों पर इंटरचेंज सुविधा भी दी जाएगी। परियोजना के आस-पास के गांवों के निवासियों के लिए सर्विस रोड भी बनाया जाएगा।

कोरोना के पीक में भी 83 हजार किसानों से खरीदी 94 फीसदी भूमि

गंगा एक्सप्रेस वे के लिए जब भूमि खरीदी जा रही थी, उस समय पूरे देश में कोरोना की लहर पीक पर थी। इसके बावजूद महज एक साल में गंगा एक्सप्रेस वे के लिए 83 हजार किसानों से 94 फीसदी भूमि खरीदी गई है। परियोजना के लिए करीब 7386 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिसमें पिछले चार माह में 71,621 किसानों से 90 फीसदी से अधिक भूमि खरीदी गई है। अब तक कुल 82,750 किसानों से 94 फीसदी भूमि की खरीद हुई है।

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दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से मिली कस्टडी पेरोल, करेंगे चुनाव प्रचार

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नई दिल्ली। दिल्ली सांप्रदायिक दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। ताहिर को चुनाव प्रचार के लिए कोर्ट से कस्टडी पेरोल मिल गई है। इसके बाद ताहिर हुसैन को पुलिस हिरासत में चुनाव प्रचार करने की छूट मिल गई है। ताहिर हुसैन दिल्ली की मुस्तफाबाद सीट से एआईएमआईएम पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। ताहिर हुसैन ने पूर्व में सुप्रीम कोर्ट में चुनाव प्रचार के लिए जमानत देने की याचिका दायर की थी, लेकिन इसकी मंजूरी नहीं मिल पाई थी। अब उन्होंने पुलिस हिरासत में ही चुनाव प्रचार करने देने की इजाजत सुप्रीम कोर्ट से मांगी थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर लिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कई शर्तों के साथ AIMIM उम्मीदवार को कस्टडी पेरोल दी है। इस दौरान उसे अपने घर जाने की भी इजाजत नहीं मिली है।
ताहिर को 29 जनवरी से 3 फरवरी तक कस्टडी परोल दी गई है। ताहिर हुसैन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ से कहा कि चुनाव प्रचार के लिए केवल चार-पांच दिन बचे हैं, इसलिए उन्हें पुलिस हिरासत में मतदाताओं से संपर्क करने की अनुमति दी जाए।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने ताहिर के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि उनकी भूमिका गंभीर है। उन्होंने कहा कि अगर राहत दी जाती है तो हर कोई जेल से नामांकन दाखिल करेगा। कोर्ट ने राजू से कहा कि वह इस बारे में निर्देश मांगें कि किस तरह के खर्च और किस तरह की सुरक्षा की जरूरत होगी। पीठ ने अग्रवाल से यह भी कहा कि वह बताएं कि हुसैन क्या वचन देंगे। लंबे बहस के बाद कोर्ट ने कई शर्तों के आधार पर ताहिर को कस्टडी पेरोल दी।

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