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उत्तर प्रदेश

पीएम मोदी ने महाकुंभ में भगदड़ की घटना पर सीएम योगी से फोन पर तीन बार की बात, राहत एवं बचाव कार्यों पर की चर्चा

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प्रयागराज। महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना को लेकर खुद प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी नजर बनाए हुए है। प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बीते दो घंटे में तीन बार फोन पर बात कर राहत बचाव कार्यों पर चर्चा की है।

इस घटना के आड़ महाकुंभ में अधिक सतर्कता बरती जा रही है। अखाड़ा परिषद ने पहले ऐलान किया था कि स्नान को रद्द किया जा रहा है हालांकि अब ये ऐलान हुआ है कि भीड़ छटने के बाद स्नान के लिए जाएंगे। संगम क्षेत्र से लोगों को बाहर सकुशल निकलने के लिए पुलिस की बैरीकेडिंग हटा दी गई है। साधु संतों ने भी लोगों से अपील की है कि संगम के तट पर ना जाए।

गौरतलब है कि प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से किया जा रहा है जिसमें अब तक 20 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई है। मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकुंभ में सुबह-सुबह भगदड़ जैसी स्थिति के बाद स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं।

प्रधानमंत्री लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हैं। उन्होंने आज सुबह तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात की है और स्थिति को सामान्य बनाने तथा राहत पहुंचाने के लिए दिशा-निर्देश दे रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या समारोह के दौरान संगम पर हुई घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात की है। उन्होंने उन्हें केंद्र की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन भी दिया।

 

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में फिर लगी आग, कई टेंट जलकर राख, कोई हताहत नहीं

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प्रयागराज। महाकुंभ में एक बार हादसा हो गया है। यहां सेक्टर-22 में बनाए गए टेंटों में आग लग गई है। हालांकि गनीमत रही कि इस हादसे में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है। फिलहाल फायर ब्रिगेड की टीम आग को काबू में पाने की कोशिश कर रही है, लेकिन अभी तक आग को काबू में नहीं पाया जा सका है। वहीं गनीमत रही कि मौके पर कोई भी श्रद्धालु टेंट में नहीं था। आग लगने के बाद सभी के सभी बाहर निकल आए थे, जिस वजह से बड़ा हादसा होने से टल गया।

बता दें कि महाकुंभ का सेक्टर-22 एरिया झूसी के छतनाग घाट और नागेश्वर घाट के बीच में है. गुरुवार को यहीं पर अचानक से कई टेंट जलने लगे। यह देख श्रद्धालु अपने-अपने टेंटों से बाहर निकल आए और फायर ब्रिगेड को जानकारी दी. मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने में जुट गई है। आग से कई टेंट जलकर राख हो गए। गनीमत है कि कोई जनहानि नहीं हुई है।

इससे पहले बुधवार को महाकुंभ मेला क्षेत्र में भगदड़ मच गई थी। कुछ लोग बैरिकेड तोड़कर जाना चाहते थे। वहीं, कुछ लोग जमीन पर सो रहे थे। भीड़ इन लोगों के ऊपर से गुजर गई। इस घटना के बाद 90 लोगों को अस्पताल लाया गया। इनमें से 30 की मौत हो गई थी।

सीएम योगी हुए भावुक

महाकुम्भ हादसे को लेकर बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्रकारों से वार्ता करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “भारी भीड़ और बैरिकेड्स टूटने के कारण यह दुखद हादसा हुआ।” मुख्यमंत्री ने हादसे की न्यायिक जांच के आदेश देते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। इस आयोग के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार होंगे, जबकि पूर्व डीजी वी.के. गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डी.के. सिंह को आयोग में शामिल किया गया है। यह आयोग एक समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट देगा। पुलिस भी मामले की जांच करेगी और हादसे के कारणों की गहराई से पड़ताल की जाएगी। यही नहीं, गुरुवार को मुख्य सचिव और डीजीपी भी प्रयागराज जाकर घटना की समीक्षा करेंगे।

मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा

मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरी चिंता जताते हुए कहा, “प्रशासन ने कई दौर की समीक्षा बैठकें की थीं, फिर भी यह हादसा कैसे हुआ? इसकी गहन जांच होगी।” सरकार ने मृतकों के परिवारों को ₹25-25 लाख की सहायता राशि देने की भी घोषणा की है। इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव और डीजीपी को गुरुवार को घटनास्थल का दौरा कर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। वे हालात का जायजा लेंगे और रिपोर्ट सौंपेंगे।

हादसे से मर्माहित सीएम योगी

घटना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री भावुक हो गए और बोले, “इतनी तैयारियों के बावजूद यह हादसा बेहद दुखद है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।” उन्होंने कहा कि मंगलवार शाम 7 बजे से ही काफी बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन प्रयागराज पहुंचकर स्नान भी कर रहे थे और काफी बड़ी संख्या में ब्रह्म मुहूर्त का भी इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान अखाड़ा मार्ग पर संगम तट पर यह हादसा हुआ। यह हादसा भारी भीड़ के द्वारा अखाड़ा मार्ग के बैरिकेड्स को तोड़ने और उसके बाद उससे कूदकर जाने के कारण हुआ है, जिसमें 30 के आसपास लोगों की मृत्यु हुई है। 36 घायलों का प्रयागराज में उपचार चल रहा है। शेष घायलों को उनके परिवार से सदस्य लेकर चले गए हैं।

हादसे की तह में जाने की आवश्यकता

सीएम योगी ने कहा कि प्रयागराज में बुधवार को 8 करोड़ से अधिक लोगों का दबाव था। यद्यपि अगल बगल के जनपदों मिर्जापुर, भदोही, प्रतापगढ़, फतेहपुर, कौशांबी, में भी होल्डिंग एरिया बनाकर श्रद्धालुजनों को रोका गया था, जिन्हें अखाड़ों का अमृत स्नान संपन्न होने के बाद रिलीज किया गया है। रेलवे स्टेशनों पर भी लगातार दबाव बना रहा। रेलवे ने भी इस दौरान रूटीन और मेला स्पेशल को मिलाकर लगभग 300 से अधिक ट्रेनें चलाई हैं। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने भी 8000 से अधिक बसें संचालित की हैं। ये सभी घटनाएं मर्माहत करने वाली भी हैं और एक सबक भी हैं, लेकिन हादसे की तह में भी जाने की आवश्यकता है।

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