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डीपफेक से PM मोदी चिंतित, बोले- इस संकट के बारे में लोगों को शिक्षित करना जरूरी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘डीपफेक’ बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटलीजेंस (AI) के दुरुपयोग को चिह्नित किया और कहा कि मीडिया को इस संकट के बारे में लोगों को शिक्षित करना चाहिए। पार्टी मुख्यालय में भाजपा के दिवाली मिलन कार्यक्रम में पत्रकारों को संबोधित करते हुए PM मोदी ने भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने के अपने संकल्प का भी जिक्र किया और कहा कि ये केवल शब्द नहीं बल्कि जमीनी हकीकत है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी ढेरों वीडियो वायरल हो रही हैं जिनमें वो गाना गाते और गरबा खेलते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा की मीडिया को डीपफेक वीडियो के बारे में लोगों को शिक्षित करना चाहिए।
छठ पूजा पर कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह भी कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’ को लोगों का समर्थन मिला है। COVID-19 महामारी के दौरान भारत की उपलब्धियों ने लोगों में विश्वास पैदा किया कि देश अब रुकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि छठ पूजा एक ‘राष्ट्रीय पर्व’ बन गया है और यह बहुत खुशी की बात है।
डीपफेक पर सरकार जारी कर चुकी है नए निर्देश
बता दें कि कुछ हफ्ते पहले इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 24 घंटे के भीतर डीपफेक कंटेंट को हटाने के लिए फेसबुक इंस्टाग्राम और यूट्यूब सहित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को सलाह जारी की। सरकार ने साफ कहा है कि ऐसा न करने पर भारतीय कानूनों के तहत आपराधिक और न्यायिक कार्यवाही की जाएगी।
क्या है डीपफेक टेक्नोलॉजी
इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नकली मीडिया बनाने के लिए वीडियो और अन्य डिजिटल कंटेंट में चेहरों की अदला-बदली करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, डीपफेक केवल वीडियो तक ही सीमित नहीं हैं, इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अन्य फेक कंटेट जैसे इमेज, ऑडियो आदि बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
नेशनल
दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से मिली कस्टडी पेरोल, करेंगे चुनाव प्रचार
नई दिल्ली। दिल्ली सांप्रदायिक दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। ताहिर को चुनाव प्रचार के लिए कोर्ट से कस्टडी पेरोल मिल गई है। इसके बाद ताहिर हुसैन को पुलिस हिरासत में चुनाव प्रचार करने की छूट मिल गई है। ताहिर हुसैन दिल्ली की मुस्तफाबाद सीट से एआईएमआईएम पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। ताहिर हुसैन ने पूर्व में सुप्रीम कोर्ट में चुनाव प्रचार के लिए जमानत देने की याचिका दायर की थी, लेकिन इसकी मंजूरी नहीं मिल पाई थी। अब उन्होंने पुलिस हिरासत में ही चुनाव प्रचार करने देने की इजाजत सुप्रीम कोर्ट से मांगी थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कई शर्तों के साथ AIMIM उम्मीदवार को कस्टडी पेरोल दी है। इस दौरान उसे अपने घर जाने की भी इजाजत नहीं मिली है।
ताहिर को 29 जनवरी से 3 फरवरी तक कस्टडी परोल दी गई है। ताहिर हुसैन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ से कहा कि चुनाव प्रचार के लिए केवल चार-पांच दिन बचे हैं, इसलिए उन्हें पुलिस हिरासत में मतदाताओं से संपर्क करने की अनुमति दी जाए।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने ताहिर के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि उनकी भूमिका गंभीर है। उन्होंने कहा कि अगर राहत दी जाती है तो हर कोई जेल से नामांकन दाखिल करेगा। कोर्ट ने राजू से कहा कि वह इस बारे में निर्देश मांगें कि किस तरह के खर्च और किस तरह की सुरक्षा की जरूरत होगी। पीठ ने अग्रवाल से यह भी कहा कि वह बताएं कि हुसैन क्या वचन देंगे। लंबे बहस के बाद कोर्ट ने कई शर्तों के आधार पर ताहिर को कस्टडी पेरोल दी।
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