Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

अमृतपाल को गिरफ्तार करने के करीब है पुलिस, पंजाब सरकार का HC में अहम बयान

Published

on

Loc and NBW issued against Amritpal Singh

Loading

चंडीगढ़। खालिस्तानी समर्थक भगोड़े अमृतपाल सिंह को लेकर पंजाब सरकार ने अमृतपाल हाईकोर्ट में अहम जानकारी दी है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में पंजाब सरकार ने बताया है कि पुलिस अमृतपाल को गिरफ्तार करने के बहुत करीब है।

दरअसल, वकील इमान सिंह खारा ने हाईकोर्ट में हैबियस कॉपर्स दायर की हुई है। जस्टिस एनएस शेखावत की कोर्ट इसकी सुनवाई कर रही थी। इस दौरान सरकार ने बताया कि पुलिस अमृतपाल को पकड़ने के बहुत करीब है। याचिकाकर्ता खारा ने अमृतपाल सिंह को अवैध हिरासत से छोड़ने की मांग की है। खारा का दावा है कि अमृतपाल पुलिस की अवैध हिरासत में है।

अदालत में क्या बोली सरकार?

सुनवाई के दौरान पंजाब के महाधिवक्ता विनोद घई ने कोर्ट को बताया कि अमृतपाल सिंह को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। अदालत के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए याचिकाकर्ता खारा ने कहा कि महाधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि वे अमृतपाल सिंह को पकड़ने के करीब हैं।

29 मार्च को अगली सुनवाई

महाधिवक्ता को अदालत ने हलफनामा दायर करने को कहा है। अदालत ने याचिकाकर्ता को भी हलफनामा दायर करने का आदेश देते हुए कहा कि वह हिरासत के सबूत पेश करें। मामले की अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी।

नेपाल में अलर्ट जारी

गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह भारत से नेपाल और नेपाल से किसी तीसरे देश भागने की फिराक में है। भारत सरकार के अनुरोध पर नेपाल सरकार ने अलर्ट जारी किया है। नेपाल में खासतौर पर अपने एयरपोर्ट पर स्थित दफ्तरों में अलर्ट जारी किया है। आशंका है कि अमृतपाल अपने पासपोर्ट या फर्जी पासपोर्ट के जरिए किसी तीसरे देश भागने की फिराक में है।

इससे पहले भारत ने नेपाल सरकार से अमृतपाल को लेकर अनुरोध किया था। काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने नेपाल सरकार को चिट्ठी लिखकर कहा था, “यदि अमृतपाल सिंह नेपाल से भागने की कोशिश करता है तो उसे गिरफ्तार किया जाए।”

चिट्ठी में कहा गया कि अगर अमृतपाल भारतीय पासपोर्ट या किसी अन्य फर्जी पासपोर्ट का उपयोग करके नेपाल से भागने का प्रयास करता है तो उसे गिरफ्तार कर लें।

उत्तराखंड

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, इस मौके पर क्या बोले सीएम धामी

Published

on

Loading

देहरादून: उत्तराखंड से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। यहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो गया है। इसी के साथ उत्तराखंड UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। UCC के लागू होने से विशेष तौर पर सभी धर्मों की महिलाओं को एक समान अधिकार मिलेंगे।

UCC पोर्टल और नियम लॉन्च के मौके पर क्या बोले सीएम?

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने UCC पोर्टल और नियम लॉन्च पर कहा, ‘आज उत्तराखंड में UCC लागू करके हम संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आज इसी क्षण से उत्तराखंड में UCC पूर्ण रूप से लागू हो गया है। आज से सभी धर्म की महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त होंगे। इस अवसर पर मैं समस्त उत्तराखंड वासियों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद करता हूं क्योंकि उन्हीं के मार्गदर्शन में आज हम यह कानून राज्य में लागू करने में सफल हुए हैं।

उत्तराखंड में UCC लागू होने से क्या-क्या बदल जाएगा?

यूसीसी लागू होने के बाद शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाएगा।

किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय के लिए तलाक का एक समान कानून होगा।

हर धर्म और जाति की लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी।

सभी धर्मों में बच्चा गोद लेने का अधिकार मिलेगा, दूसरे धर्म का बच्चा गोद नहीं ले सकते।

उत्तराखंड में हलाला और इद्दत जैसी प्रथा बंद हो जाएगी।

एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।

जायदाद में लड़के और लड़कियों की बराबरी की हिस्सेदारी होगी।

लिव-इन रिलेशनशिप के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।

लिव-इन रिलेशनशिप वालों की उम्र 18 और 21 साल से कम है तो माता-पिता की सहमति लेनी होगी।

लिव इन से पैदा होने वाले बच्चे को शादी शुदा जोड़े के बच्चे की तरह अधिकार मिलेगा।

यूनिफॉर्म सिविल कोड से शेड्यूल ट्राइब को बाहर रखा गया है।

 

 

 

 

 

Continue Reading

Trending