उत्तर प्रदेश
अगले तीन साल में यूपी को ऊर्जा सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा और बायो एनर्जी पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए कई महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का निर्धारण किया है। इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य न केवल प्रदेश में बिजली की मांग को शत प्रतिशत पूरा करना है, बल्कि राज्य को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक मजबूत आधार तैयार करना भी है। योगी सरकार अगले ढाई से तीन साल में यूपी को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए मिशन मोड में जुटी हुई है।
हर घर तक सौर ऊर्जा पहुंचाने की योजना
सौर ऊर्जा के मामले में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में योगी सरकार तेजी से काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पीएम सूर्यघर योजना’ के तहत योगी सरकार ने अगले ढाई से तीन वर्ष में 25 लाख घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का संकल्प लिया है। अब तक 48 हजार से अधिक घरों पर सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं और वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक और 30 हजार घरों को भी सौर ऊर्जा का लाभ मिल चुका होगा। इसी साल शुरू हुई पीएम मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना में आने वाले वक्त में और भी तेज गति से वृद्धि दर्ज की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य न केवल घरों में ऊर्जा आपूर्ति को सशक्त करना है, बल्कि बिजली बिलों में कमी लाते हुए पर्यावरण संरक्षण को भी प्रोत्साहित करना है। इसी प्रकार ‘पीएम कुसुम योजना’ के तहत 2027 तक 2000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जिससे किसानों को उनकी बंजर भूमि पर सोलर पैनल लगाने के साथ ही अतिरिक्त आय का स्रोत प्राप्त हो सकेगा।
बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा परियोजनाओं का होगा विस्तार
योगी सरकार यूटिलिटी स्केल सौर परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर कार्य कर रही है। इसमें 4800 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्कों का निर्माण भी शामिल है, जिनकी टेंडरिंग प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। इसके अलावा, प्रदेश में सात जलाशयों में फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट्स की स्थापना की योजना भी है, जिसे नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी), टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (टीएचडीसी) और सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) के साथ मिलकर पूरा किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य 2027 तक राज्य की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 14,000 मेगावाट तक पहुंचाना है।
जैव ऊर्जा में प्रगति
योगी सरकार का लक्ष्य जैव ऊर्जा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है। अगले दो वर्ष में बायो कम्प्रेस्ड गैस की क्षमता को 1000 टीपीडी, बायो कोल की क्षमता को 4000 टीपीडी और बायो डीजल की क्षमता को 2000 केएलपीडी तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत बायो कम्प्रेस्ड गैस के 210 टीपीडी की क्षमता वाले संयंत्र पहले से ही क्रियाशील हैं और कई अन्य परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। इस पहल से प्रदेश में प्रदूषण कम होगा और रोजगार की नई संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही सरकार
प्रदेश में भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने बिजली आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने का निर्णय लिया है। अगले 10 वर्षों के दौरान होने वाले नए उद्योगों की स्थापना को ध्यान में रखते हुए आधुनिक ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाने और पुराने संयंत्रों का उन्नयन किए जाने का पूरा खाका योगी सरकार ने पहले ही खींच रखा है। इससे ऊर्जा की निर्बाध आपूर्ति तो सुनिश्चित होगी ही, साथ ही औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी। उत्तर प्रदेश में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में योगी सरकार के ये प्रयास प्रदेश की आर्थिक वृद्धि, औद्योगिक विकास, और पर्यावरण संरक्षण में सहायक साबित होंगे। इन योजनाओं से उत्तर प्रदेश न केवल सौर और जैव ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल भी प्रस्तुत करेगा।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में भगदड़ की घटना पर PM मोदी ने जताया दुख, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित महाकुंभ मेले में बुधवार तड़के भगदड़ मची। इसमें कई लोगों के घायल होने की जानकारी है। बताया जा रहा है कि मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के लिए संगम क्षेत्र में बड़ी संख्या में भीड़ जुटने के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई। हालांकि बताया जा रहा है कि अब काफी हद तक हालात पर काबू पा लिया गया है।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा दुखद है। जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं.’ उन्होंने घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की। उन्होंने ये भी बताया कि स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है। उन्होंने खुद मुख्यमंत्री योगी से बातचीत की है और लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हैं।
29 जनवरी को मौनी अमावस्या है. ऐसे में महाकुंभ में अमृत स्नान का योग है। मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान करने के लिए देशभर से करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे हैं। जिसे देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि आज यानी मौनी अमावस्या के मौके पर संगम नगरी में 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान करेंगे। बुधवार सुबह आठ बजे तक ही तीन करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में स्नान डुबकी लगा चुके हैं। जिसके चलते रात से ही संगम किनारे पर भीड़ होने लगी थी, लेकिन रात एक से दो बजे के बीच भीड़ इतनी बढ़ गई कि कुछ श्रद्धालु बैरिकेट्रस तोड़कर आगे बढ़ने लगे, तभी भगदड़ मच गई।
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