प्रादेशिक
पेशी के लिए तलब नहीं किए जा रहे बंदियों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगा ट्रायल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जेलों में बंद ऐसे बंदियों के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ट्रायल शुरू कराने की तैयारी कर रही है, जिनकी एक साल से अधिक समय से न्यायालय के समक्ष पेशी नहीं हुई है। मुख्य सचिव के समक्ष कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव दिया गया है। इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री की मुहर लगने के बाद इसे अमल में लाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश की कारागारों में ऐसे कई बंदी हैं जिन्हें स्थानांतरण, दोष सिद्ध होने के चलते न्यायालय द्वारा पेशी के लिए नहीं बुलाया जा रहा है। ऐसे में विभाग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इनके ट्रायल चलाए जाने की सिफारिश की है।
नहीं हो पा रही 232 बंदियों की पेशी
विभाग द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार कुल 232 ऐसे बंदी प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद हैं जिनकी एक साल या इससे अधिक समय से न्यायालय में पेशी नहीं हुई है। इनमें अयोध्या परिक्षेत्र के 16 बंदी, लखनऊ के 55, कानपुर के 8, वाराणसी के 10, प्रयागराज के 5, मेरठ के 41, गोरखपुर के 24, बरेली के 28 और आगरा परिक्षेत्र के 45 बंदी शामिल हैं। विभाग के द्वारा कहा गया है कि इन बंदियों को एक जेल से दूसरी जेल में स्थानांतरण होने, दोष सिद्ध होने के चलते मान्यनीय न्यायालय ने पेशी के लिए बीते एक वर्ष से अधिक समय से नहीं बुलाया है। ऐसे में इनके मामलों की सुनवाई रुकी हुई है। ऐसे में सरकार की पहल पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ट्रायल के जरिए इनके रुके मामलों की सुनवाई फिर से शुरू की जा सकती है।
थानों से मिल सकती है जमानत
इसके अतिरिक्त कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग की ओर से कारागार में निरुद्ध ऐसे बंदियों जिन्हें न्यायालय से 3 माह से 7 वर्ष तक की सजा सुनाई है की जमानत थानों से दिए जाने की भी सिफारिश की है। इस संबंध में भी प्रस्ताव को मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलने के बाद अमल में लाया जा सकता है। प्रदेश की जेलों में 2371 ऐसे बंदी हैं जिन्हें न्यायालय से 3 वर्ष से 7 वर्ष तक की सजा सुनाई गई है। विभाग चाहता है कि इन बंदियों की जमानत के लिए न्यायालय का समय नष्ट न किया जाए और तय मानकों के अनुरूप इन्हें संबंधित थानों के माध्यम से ही जमानत की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाए। ऐसे बंदियों की सबसे ज्यादा संख्या मथुरा की जेल में है जहां 395 बंदी जमानत का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा गाजियाबाद की जेल में 235 बंदी, अलीगढ़ जेल में 213 बंदी, नैनी-प्रयागराज की जेल में 160 बंदी और मुजफ्फरनगर की जेल में 107 बंदी जमानत के लिए इंतजार कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ के प्राग ज्योतिषपुर में दिख रही पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक झलक
महाकुम्भ नगर। इस बार महाकुम्भ में पूर्वोत्तर के राज्यों के सत्रों यानि आश्रमों की व्यापक उपस्थिति और संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है। यहां असमिया संस्कृति पर आधारित नामघर की परंपरा में सत्राधिकार आयोजित होने जा रहे हैं। इस बार पूर्वोत्तर के सत्रों की सारी परंपराएं महाकुम्भ में हिस्सा लेने आ रही हैं। पूर्वोत्तर के संतों को योगी सरकार ने स्टेट गेस्ट का दर्जा देकर आमंत्रित किया है। महाकुम्भ परिसर में प्राग ज्योतिषपुर क्षेत्र में इसे लेकर खास तैयारियां हो रही हैं और 12 जनवरी से यहां आयोजनों की शुरुआत हो जाएगी।
सातों राज्यों की संस्कृतियों को किया जा रहा प्रदर्शित
योगाश्रम बिहलांगिनी असम के महंत महामंडलेश्वर स्वामी श्री केशव दास जी महाराज ने बताया कि महाकुम्भ के प्राग ज्योतिषपुर क्षेत्र में नामघर बन रहा है। यह कुम्भ में पहली बार हो रहा है। सत्राधिकार यहां रहेंगे और शाही स्नान में भाग लेंगे। धर्म सभाएं होंगी। अखंड भागवत होगा। यह लगातार 7 दिन 168 घंटे चलेगा। इसकी शुरुआत 21 जनवरी को होगी और समापन 27 जनवरी को होगा। नॉर्थ ईस्ट के सातों राज्यों की सारी संस्कृतियों को प्रदर्शित करते हुए एक प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इस प्रदर्शनी में पूर्वोत्तर के समाज, संस्कृति और धर्म की समग्र तस्वीर देखने को मिलेगी। कलाकार आ चुके हैं और इसे तैयार कर रहे हैं। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन 12 जनवरी को होगा।
बन रहा कामाख्या का मॉडल
उन्होंने आगे बताया कि आयोजन में राम विजय भावना का मंचन होगा। यह मंचन रामलीला की तर्ज पर होता है। मणिपुरी नृत्य रास भी होगा। सत्रीय नृत्य का आयोजन होगा। नागालैंड का बैंबो डांस होगा। अप्सरा नृत्य होगा। यह अब सत्रीय संस्कृति के अंतर्गत है। माटी अखाड़ा में भक्त अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। यह एक प्रकार की योग साधना की परंपरा है, जिसका स्वरूप अलग है। कामाख्या का मॉडल बनेगा और कामाख्या का जल वितरित किया जाएगा।
नॉर्थ ईस्ट से 125 संतों को स्टेट गेस्ट के रूप में किया आमंत्रित
मेले की व्यवस्थाओं पर उन्होंने कहा कि अच्छी व्यवस्थाएं हैं। मेला प्रशासन कोशिश कर रहा है कि सभी साधु संत संतुष्ट हों और उन्हें सुविधाएं प्राप्त हों। मुख्यमंत्री योगी जी ने जिस तरह की व्यवस्थाएं की हैं, उसने हृदय से प्रभावित, संतुष्ट और उत्साहित किया है। योगी जी ने नॉर्थ ईस्ट से 125 संतों को बुलाया है स्टेट गेस्ट बनाकर। इन सभी को सीएम ऑफिस से फोन जा रहे हैं। उनकी व्यवस्था हमारे ही खालसे में होगी। पद्मश्री से सम्मानित त्रिपुरा के चित्त महाराज, दक्षिण पाद सत्र, गडमूर सत्र जैसे प्राचीन सत्रों के साथ कई सत्राधिकार आयेंगे और शाही स्नान में भाग लेंगे। इससे पहले सत्राधिकारों ने कभी भी कुम्भ में शाही स्नान में भाग नहीं लिया और रुके भी नहीं। अखाड़ों के द्वारा उनका सम्मान होगा। यहां के संत समाज के साथ वार्तालाप होगी। प्राग ज्योतिषपुर क्षेत्र के शिविर का 12 को उद्घाटन है। उसके बाद कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। योगी जी द्वारा जिस तरह कुम्भ को आयोजित किया जा रहा है, इससे पूरे नॉर्थ ईस्ट में प्रचार हो गया है और लोग उत्साहित हो गए हैं।
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