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उत्तर प्रदेश

अयोध्या, मथुरा और काशी में धरातल पर उतरी 6.5 हजार करोड़ की परियोजनाएं

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लखनऊ, । भगवान राम की नगरी अयोध्या, श्रीकृष्ण का जन्मस्थान मथुरा और भगवान शिव का धाम काशी (वाराणसी) देश की आस्था के साथ-साथ अब निवेश के बड़े गंतव्य का भी प्रतीक बन गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इसी वर्ष फरवरी माह में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी 4.0) के माध्यम से इन धार्मिक स्थलों में जिन निवेश की परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया था, 5 माह के अंदर उनमें से 6.5 हजार करोड़ की परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं। उल्लेखनीय है कि जीबीसी 4.0 के दौरान इन तीनों धार्मिक स्थलों के लिए पीएम मोदी ने करीब 50 हजार करोड़ रुपए की 11 हजार परियोजनाओं का शुभारंभ किया था। इनमें से योगी सरकार 5 माह के अंदर अब तक 6578 करोड़ रुपए की 277 परियोजनाओं को धरातल पर उतारने में सफल रही है। यह शुभारंभ हुईं कुल परियोजनाओं का 13 प्रतिशत से ज्यादा है।

मूर्त रूप ले चुकीं 6578 करोड़ रुपए की परियोजनाएं

अयोध्या, काशी और मथुरा, ये तीनों स्थल न सिर्फ उत्तर प्रदेश में बल्कि देश भर में हिंदु समाज के आस्था के सबसे बड़े केंद्र के रूप में देखे जाते हैं। ऐसे में योगी सरकार यहां पर्यटन से लेकर नागरिक सुविधाओं में बड़े पैमाने पर इजाफा कर रही है। इसी क्रम में यहां व्यापक स्तर पर विकास परियोजनाओं को शुरू किया जा रहा है, जिसके लिए देश-विदेश की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने योगी सरकार के साथ एमओयू किया है। 5 माह पूर्व फरवरी में पीएम मोदी ने इन परियोजनाओं का शुभारंभ किया और 5 माह में ही इन तीनों स्थलों पर 6578 करोड़ रुपए की परियोजनाएं मूर्त रूप ले चुकी हैं, जबकि शेष परियोजनाएं भी तेजी से प्रगति कर रही हैं और जल्द ही ये भी साकार होंगी जिससे बड़े पैमाने पर यहां युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा और वे दूसरे जनपदों या राज्यों में नहीं भटकेंगे। इन तीनों ही स्थलों पर खासतौर पर टूरिस्ट्स फैसिलिटी सेंटर, वेलनेस सेंटर और होटल्स की शुरुआत हो रही है, जिसमें व्यापक स्तर पर लोगों को रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे।

अयोध्या में धरातल पर उतरीं 88 परियोजनाएं

भगवान राम की नगरी अयोध्या की बात करें तो योगी सरकार ने यहां बड़े पैमाने पर विकास किया है। 22 जनवरी 2024 को यहां भगवान राम के नव विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा से पहले और बाद में यहां लगातार विकास कार्य प्रगति पर है। चौड़ी चौड़ी सड़कें, ब्रिज, एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन समेत इंफ्रास्ट्रक्चर में हुए महत्वपूर्ण बदलावों ने निवेशकों को अयोध्या में अपनी परियोजनाएं शुरू करने के लिए आकर्षित किया है। जीबीसी 4.0 के दौरान यहां 13,421 करोड़ की 376 परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया था, जिसमें से अब तक 993 करोड़ रुपए की 88 परियोजनाओं ने मूर्त रूप ले लिया है। बाकी परियोजनाओं का भी इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन जल्द शुरू होने की संभावना है। अयोध्या में खासतौर पर हॉस्पिटैलिटी सेक्टर ने निवेश में अपनी रुचि दिखाई थी, जिनमें अभिनंदन लोढ़ा हाउस, पीकेएच वेंचर्स लि.,पक्का लिमिटेड, द इनोवेटर्स डिजिटल एड्स प्रा. लि. और क्रेसकेंडो इंटीरियर्स जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

मथुरा में 120 परियोजनाओं ने लिया आकार

श्रीकृष्ण जन्मस्थान मथुरा की बात करें तो योगी सरकार के लिए यह भी महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां लाखों पर्यटकों की आवाजाही रहती है। जीबीसी 4.0 में यहां 16,948 करोड़ रुपए की 428 परियोजनाओं को पीएम मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी और 5 माह में यहां 3837 करोड़ की 120 परियोजनाओं को मूर्त रूप दे दिया गया है। जीबीसी के दौरान के आंकड़ों को देखें तो मथुरा में शीर्ष 5 प्रोजेक्ट्स से ही 11 हजार से अधिक नौकरियां मिलने की संभावना जताई गई थी। इसके अनुसार, एयर लिक्विड नॉर्थ इंडिया प्रा. लि., द बेनिसन, केशव पब्लिकेशन प्रा. लि., आईएफपी पेट्रो प्रोडक्ट्स और अवदी इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने बड़ी परियोजनाएं शुरू करने के लिए सरकार से हाथ मिलाया है।

काशी में 69 परियोजनाओं का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन शुरू

इसी तरह, बाबा विश्वनाथ की धरती वाराणसी का विकास भी योगी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में है। पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण इस जनपद का विकास और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जिसे देखते हुए यहां कई बड़ी कंपनियों ने निवेश की इच्छा जाहिर की है। जीबीसी 4.0 में वाराणसी के लिए 19,295 करोड़ रुपए की 279 परियोजनाओं का श्रीगणेश हुआ था। 5 माह में वाराणसी में 1748 करोड़ रुपए की 69 परियोजनाएं ने कार्य शुरू कर दिया है और जल्द ही शेष परियोजनाएं भी धरातल पर उतरती नजर आएंगी जिनसे हजारों लोगों को लाभ होगा। यहां भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लि. (भेल), रोमा बिल्डर्स और प्रमोटर्स प्रा. लि., अंश निर्माण प्रा. लि. और जेएस रेजिडेंसी प्रा. लि.जैसी कंपनियां अपनी परियोजनाओं को मूर्त रूप दे रही हैं।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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