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पंजाब

पंजाब की मान सरकार का दिवाली गिफ्ट, कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में किया इजाफा

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चंडीगढ़। पंजाब की भगवंत मान की सरकार ने दिवाली की सौगात देते हुए कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते में फीसदी का इजाफा किया। बुधवार (30 अक्टूबर) को राज्य सरकार ने घोषणा की कि महंगाई भत्ते में चार फीसदी का इजाफा किया जो 1 नवंबर से लागू होगा।

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “दिवाली के मौक़े पर मेरी तरफ़ से मुलाज़िमों को एक छोटा सा तोहफ़ा. सरकारी मुलाज़िमों और पेंशनभोगियों को 1 नवंबर 2024 से महंगाई भत्ता और महंगाई राहत 4 फीसदी (38 फीसदी से बढ़ाकर 42 फीसदी) करने का फैसला किया गया है, जिससे राज्य के 6.50 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा होगा. आप सभी को दिवाली मुबारक।

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के हवाले से जारी बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने एक नवंबर से कर्मचारियों और पेंशनधारकों को चार प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) देने की मंजूरी दे दी. इस तरह डीए 38 प्रतिशत से बढ़कर 42 प्रतिशत हो गया है।

इस बीच, मुख्यमंत्री मान ने कर्मचारियों को राज्य प्रशासन का महत्वपूर्ण अंग बताते हुए कहा कि उनके हितों की रक्षा करना और उनका कल्याण सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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पंजाब

किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान

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चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’

अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।

अपनी मांगों पर अड़े किसान

पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।

किसानों की क्या हैं मांगें?

किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।

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