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राजस्थान: फिर सामने आई कांग्रेस की कलह, भाजपा उठा रही मौके का फायदा

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जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की कलह एक बार फिर सामने आ गई है। इस बार वजह बना जालौर में दलित छात्र की मौत का मामला, जिसको लेकर राज्य में सियासत चरम पर है।

इस मामले में भाजपा और बसपा जैसे विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हैं ही, साथ ही कांग्रेस सरकार की अंदरुनी कलह भी सामने आ गई है। जहां एक ओर दलितों पर अत्याचार रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाकर कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने इस्तीफा दे दिया तो पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर मुख्यमंत्री को नसीहतें दे डालीं।

पायलट ने न सिर्फ पुलिस पर सवाल उठाए बल्कि सीएम अशोक गहलोत की उस दलील को भी खारिज कर दिया कि दूसरे राज्यों में भी आपराधिक घटनाएं होती हैं। पायलट और गहलोत के बीच एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप से भाजपा को मौका मिल गया है।

भाजपा ने गहलोत को निशाना बनाना शुरू कर दिया है तो दूसरी तरफ पायलट को सहलाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो जिस तरह पहले कन्हैयालाल और अब दलित छात्र की मौत को लेकर गहलोत सरकार पर सवाल उठे हैं, उसने पायलट को फ्रंटफुट पर ला दिया है।

शेखावत ने कसा तंज

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पायलट की ओर से आलोचना किए जाने के बाद गहलोत पर तंज कसा है। उन्होंने कहा, ”केवल सचिन पायलट ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी में कभी न कभी, किसी न किसी का ज़मीर जगता रहता है। कभी भरत सिंह कुछ बोलते हैं तो कभी सचिन पायलट इस बारे में बात करते हैं लेकिन CM सार्वजनिक जगहों पर अपने ही नेताओं का उपहास उड़ाते हैं।”

पायलट ने क्या कहा?

सचिन पायलट मंगलवार को जालौर में उस दलित छात्र के घर पहुंचे जिसकी मौत कथित तौर पर मटकी छूने के बाद टीचर द्वारा की गई पिटाई से हुई थी। हालांकि, पुलिस का दावा इससे अलग है। सचिन पायलट ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने पीड़ित परिवार पर कथित रूप से लाठीचार्ज किए जाने के लिए स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने पीड़ित परिवार से मिलने के बाद कहा, ”हमें दलितों में यह विश्वास पैदा करना होगा कि हम उनके साथ खड़े हैं। इसके अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। सरकार को व्यवस्था बदलने के लिए खामियों को दूर करने के लिए काम करना चाहिए।”

सरकार सख्त कदम उठा उदाहरण पेश करे

2020 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत कर चुके पायलट ने कहा कि बच्चे की मौत कई सवाल पैदा करती है। उन्होंने मार्च में पाली में कथित तौर पर मूंछ रखने को लेकर एक दलित व्यक्ति की हत्या का भी जिक्र किया।

पायलट ने कहा कि यह कहना उचित नहीं होगा कि ऐसी घटनाएं दूसरे राज्यों में भी होती हैं। उन्होंने कहा, ”ऐसी घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। हमें कार्रवाई करने के लिए किसी अगली घटना की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। हमें ऐसी विचारधारा को हराने के लिए कदम उठाने होंगे।

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दलितों पर अत्याचार करने के बाद कोई नहीं बच सकता। कानून का डर होना चाहिए और दलितों में विश्वास की भावना पैदा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बच्चे को जिंदा नहीं किया जा सकता लेकिन एक उदाहरण पेश किया जा सकता है।

नेशनल

अवध ओझा ने केजरीवाल को बताया भगवान कृष्ण का अवतार, कहा- समाज के कंस उनके पीछे पड़े हुए हैं

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता और मशहूर शिक्षक अवध ओझा ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को भगवान कृष्ण का अवतार बताया है। अवध ओझा ने कहा कि जब भी कोई समाज में बदलाव लाने की कोशिश करता है, खासकर जब वे गरीबों के लिए मसीहा बनने की कोशिश करते हैं तो सामाजिक ‘कंस’ (बुरी ताकतें) उनके पीछे आ जाती हैं। बता दें कि अभी हाल ही में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए अवध ओझा को पटपड़गंज विधानसभा से टिकट मिला है।

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल तो भगवान कृष्ण हैं। जिनके पीछे समाज के कंस पड़े हुए हैं। ये लोग नहीं चाहते हैं कि गरीबों का भला हो। केजरीवाल गरीबों के लिए काम करें। उन्हें डर है कि कहीं 2029 के चुनाव में अरविंद केजरीवाल भारत के प्रधानमंत्री न बन जाएं। अरविंद केजरीवाल तो निश्चित रूप से भगवान हैं। मैं तो कह ही चुका हूं कि वह भगवान कृष्ण के अवतार हैं।

बता दें कि अवध ओझा पूरा नाम अवध प्रताप ओझा है। वह एक भारतीय यूपीएससी कोच, यूट्यूबर, और शिक्षक हैं। इनका संबंध यूपी के गोंडा जिले से हैं। यूपीएससी ने निराशा मिलने पर इन्होंने इलाहाबाद में कोचिंग में पढ़ाना शुरू किया। कोविड में जब ऑफलाइन क्लासेज बंद हो गई थी, तब अपने अलग शिक्षण शैली के कारण काफी तेजी से यूट्यूब पर पॉपुलर हो गए। अभी हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी ने उन्हें पटपड़गंज विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारा है। इससे पहले इस सीट पर मनीष सिसोदिया थे।

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