उत्तर प्रदेश
रामपुर की MP-MLA कोर्ट ने पूर्व सांसद जया प्रदा को फरार घोषित किया, गिरफ्तारी के दिए आदेश
रामपुर। उत्तर प्रदेश के रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व सांसद जयाप्रदा को कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर फरार घोषित कर दिया है। साथ ही उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। पुलिस को छह मार्च को पूर्व सांसद को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करना होगा। यह कार्रवाई आचार संहिता उल्लंघन के दो मामलों में लगातार गैरहाजिर रहने पर की गई है। एमपी/एमएलए कोर्ट के सीनियर प्रॉसिक्यूशन ऑफिसर अमरनाथ तिवारी ने कहा, “पूर्व सांसद और अभिनेत्री जया प्रदा के खिलाफ 2019 में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था, अब सीआरपीसी की धारा 82 के तहत मामले में उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया है।
सीनियर प्रॉसिक्यूशन ने आगे कहा कि कोर्ट ने कार्रवाई का आदेश दिया है।” उनके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 82 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश में, क्षेत्राधिकारी के अधीन एक टीम गठित करने और निर्धारित तारीख पर उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया है।” गौरतलब है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की प्रत्याशी रहीं जयप्रदा पर आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में दो मामले रामपुर में दर्ज किए गए थे, जिनकी सुनवाई रामपुर की विशेष एमपी—एमएलए अदालत में हो रही है।
अमरनाथ तिवारी ने आगे बताया कि जयप्रदा के विरुद्ध 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े दो मुकदमे कैमरी और स्वार थानों में दर्ज किए गए थे। इन मामलों में विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने कई बार समन जारी किया मगर पूर्व सांसद हाजिर नहीं हुईं। उनके मुताबिक उसके बाद अलग-अलग तारीखों पर उनके खिलाफ 7 बार गैर जमानती वारंट जारी किए गए लेकिन पुलिस उन्हें हाजिर नहीं कर सकी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में कहा कि जयाप्रदा खुद को बचा रही हैं और उनके सभी ज्ञात मोबाइल नम्बर भी बंद हैं।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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