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बिजनेस

RBI ने पॉलिसी दरों में नहीं किया बदलाव, रेपो रेट 6.50 प्रतिशत पर बरकरार; नहीं कम होगी EMI

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RBI Monetary Policy Committee Meeting

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नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 2024 की पहली मॉनेटरी पॉलिसी का एलान कर दिया है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि कमेटी ने पॉलिसी दरों में किसी तरह के बदलाव न करने पर सहमति जताई है। यानी ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। आरबीआई ने रेपो रेट 6.50 प्रतिशत बरकार रखी है।

RBI हर दो महीने में मॉनिटरी पॉलिसी पर तीन दिवसीय बैठक करता है। इसमें रेपो रेट के साथ कई और अहम निर्णय लिये जाते हैं। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खाद्य कीमतों में अनिश्चितता का मुख्य मुद्रास्फीति पर असर जारी है।

कम नहीं होगी EMI

रेपो रेट का सीधा असर लोन पर देखने को मिलता है। अगर रेपो रेट बढ़ता हो तो ईएमआई भी बढ़ती है। अगर रेपो रेट कम होता है तो ईएमआई भी कम होती है। ऐसे में इस बार भी रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। इसका मतलब है कि ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा।

रेपो रेट 6.50 प्रतिशत पर बरकार

आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी बैठक का एलान करते हुए कहा कि इस बार भी समिति ने रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला लिया है। इसका मतलब है कि रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर रहेगी।

क्या है एक्सपर्ट की राय

सभी सेक्टर के विशेषज्ञों का मानना ​​है कि केंद्रीय बैंक लगातार छठी बार रेपो दर के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा।वर्तमान में मुख्य रूप से महंगाई पर चिंताओं के कारण 6.5 प्रतिशत है।

मौजूदा महंगाई दर

दिसंबर 2023 में भी रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया था। वर्तमान में रेपो रेट 6.5 फीसदी है।

उच्च महंगाई दर

चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट आई है। जुलाई 2023 में खुदरा महंगाई दर उच्च स्तर पर पहुंच गई थी, यह 7.44 फीसदी थी। वहीं दिसंबर 2023 में 5.69 प्रतिशत थी।

फरवरी 2023 में हुआ था रेपो रेट में बदलाव

रिजर्व बैंक ने एक साल के लिए रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है। महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए आखिरी बार फरवरी 2023 में 6.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दी गई थी।

नेशनल

गणतंत्र दिवस स्पेशलः तीन भारतीय बिजनेसमैन जिन्होंने अपने अंदाज में लिया अंग्रेजों से बदला

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नई दिल्ली। देश आज यानि 26 जनवरी को 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस मौके पर आज हम आपको उन तीन भारतीय बिजनेसमैन के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने सही मायनों में अंग्रेजों से गुलामी का बदला लिया है। आईए जानते हैं कौन हैं वो 3 भारतीय बिजनेसमैन…

रतन टाटा

बात 1999 की है, जब टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा और उनकी टीम को विदेश में ‘अपमान’ का सहना पड़ा था। यह घटना तब की है जब रतन अपने ऑटो बिजनेस को बेचने के लिए फोर्ड के पास गए थे तब वहां टाटा की बहुत बेइज्जती की गई। लेकिन 9 साल बाद वक्त ने ऐसी करवट बदली की टाटा ने अमेरिका की मशहूर कंपनियों में से एक जगुआर और लैंड रोवर को खरीद लिया।  टाटा के JLR को खरीदने के बाद उस समय फोर्ड के चेयरमैन बिल बोर्ड ने टाटा को धन्यवाद दिया और कहा कि जेएलआर को खरीदकर आपने हम पर बड़ा अहसान किया है। काडले के मुताबिक, उनकी इस बात पर खूब तालियां बजी थी।

रूबेन सिंह

लंदन में एक सि‍ख अरबपति‍ ने अंग्रेजों जिस अंदाज में बदला लिया वह बहुत ही अनोखा है। दरअसल, AlldayPA के सीईओ रूबेन सिंह की पगड़ी को एक अंग्रेज ने बैंडेज बता दिया जिसके बाद रूबने ने अपने अंदाज में उस अंग्रेज से बदला लिया।

 

रूबेन ने ट्वि‍टर पर लि‍खा, ‘हाल ही में कि‍सी ने मेरी टर्बन को ‘बैंडेज’ कहा। टर्बन मेरा ताज है और मेरा गर्व। उन्‍होंने अंग्रेज को चैलेंज कि‍या कि‍ वह अपनी टर्बन को अपनी रॉल्‍स रॉयस कारों के साथ मैच करेंगे और वो ही पूरे हफ्ते। अंग्रेज ने शर्त लगाई थी कि‍ रूबेन सिंह अपनी टर्बन को अपनी कार के रंग के समान सात दि‍नों तक नहीं रखते। लेकि‍न रूबेन ने अंग्रेज को अपने अंदाज में करार जवाब दि‍या।

अलवर के राजा जय सिंह

अलवर के राजा ने रॉल्स राय कंपनी की ओर से बेज्जती का बदला एक दिलचस्प तरीके से लिया था। उन्होंने कंपनी की महंगी गाड़ियों से नगरपालिका को सौंप कर उससे कचरा उठवाया था।

जब यह बात पूरे विश्व में फैली की विश्व की नं. 1 कार रोल्स रॉयस की साख मिट्टी में मिल गई। इसके चलते कंपनी ने भारत में राजा को टेलीग्राम में माफी लिखकर भेजी और विनती की कि रोयस रॉयल कार से कचरा न उठवाएं यही नहीं,  कंपनी ने राजा को 6 कारें भेंट स्वरूप फ्री में भेजीं।

जब राजा जयसिंह को यह पता लगा कि रोल्स रॉयस वालों को उनकी गलती का सबक मिल चुका है तब जाकर राजा ने उन कारों से कचरा साफ करना बंद करवाया।

दरअसल, लंदन भ्रमण के दौरान अलवर के राजा जयसिंह साधारण कपड़ों में लंदन की बांड स्ट्रीट की घूम रहे थे। इसी बीच उनकी नजर रोल्स रॉयस कार के शोरूम पर पड़ी।

कार उन्हें देखने में आकर्षक लगी जिसके चलते कार की कीमत को पूछने के लिए वे शोरूम में घुस गए। राजा को अन्य भारतीयों की तरह मानते हुए शोरूम के सेल्समैन ने उन्हें बुरी तरह झिड़का और बेइज्जती करके उनको वहां से भगा दिया। जिसके बाद उन्होंने अंग्रेजों से बदला लेने का फैसला किया।

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