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बिजनेस

रिलायंस के हैमलीज़ खिलौना ब्रांड ने ईटली में खोला चौथा स्टोर

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पोम्पेई| क्रिसमस पर इटली के नेपल्स और कैम्पेनिया के खरीदारों को हैमलीज़ ने तोहफा दिया है। भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस से जुड़े अंतरराष्ट्रीय खिलौना ब्रांड हैमलीज़ ने नए मैक्सीमॉल-पोम्पेई के टोरे अन्नुंज़ियाटा में अपना स्टोर लॉन्च कर दिया है। रोम, मिलान और बर्गामो के बाद यह इटली में हैमलीज़ का चौथा स्टोर है। 750 वर्ग मीटर में फैले इस स्टोर को प्रमुख खिलौना निर्माता और वितरक जिओची प्रीज़ियोसी के सहयोग से खोला गया है। नेपल्स के स्टोर में कदम रखते ही ग्राहकों खासकर बच्चों का स्वागत हैमलीज़ के प्रिय पात्रों द्वारा किया जाएगा, जिसमें हैमली के सबसे लोकप्रिय खिलौने, जैसे हैटी भालू, सर्कस रिंगमास्टर, खिलौना सैनिक और गुड़िया शामिल होंगी।

इस मौके पर हैमलीज़ के सीईओ सुमीत यादव ने कहा, “हम अपने इतालवी स्टोरों का जादू बिखरते देख रोमांचित हैं। यह नया स्टोर दुनिया भर के बच्चों और परिवारों के लिए अविस्मरणीय अनुभव देने की हमारी प्रतिबद्धता को पूरी तरह से दर्शाता है। जिओची प्रीज़ियोसी (जीपी ग्रुप) के साथ हमारा सहयोग हर कदम फलता-फूलता और मजबूत होता जा रहा है।”

हैमलीज़ की स्थापना 1760 में विलियम हैमली ने की थी और 2019 में रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड (आरबीएल) ने इसका अधिग्रहण कर लिया था। वर्तमान में 14 देशों में इसके 190 स्टोर हैं। यूके के अलावा भी हेमलीज़ नए बाजारों में लगातार अपने पैर जमा रहा है। हाल ही में रोम, शारजाह (यूएई), मिलान, तिराना, प्रिस्टिना और दोहा में कंपनी ने स्टोर खोले हैं। मैक्सीमॉल पोम्पेई में हैमलीज़ स्टोर आधिकारिक तौर पर 14 दिसंबर को खुलेगा।

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नेशनल

गणतंत्र दिवस स्पेशलः तीन भारतीय बिजनेसमैन जिन्होंने अपने अंदाज में लिया अंग्रेजों से बदला

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नई दिल्ली। देश आज यानि 26 जनवरी को 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस मौके पर आज हम आपको उन तीन भारतीय बिजनेसमैन के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने सही मायनों में अंग्रेजों से गुलामी का बदला लिया है। आईए जानते हैं कौन हैं वो 3 भारतीय बिजनेसमैन…

रतन टाटा

बात 1999 की है, जब टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा और उनकी टीम को विदेश में ‘अपमान’ का सहना पड़ा था। यह घटना तब की है जब रतन अपने ऑटो बिजनेस को बेचने के लिए फोर्ड के पास गए थे तब वहां टाटा की बहुत बेइज्जती की गई। लेकिन 9 साल बाद वक्त ने ऐसी करवट बदली की टाटा ने अमेरिका की मशहूर कंपनियों में से एक जगुआर और लैंड रोवर को खरीद लिया।  टाटा के JLR को खरीदने के बाद उस समय फोर्ड के चेयरमैन बिल बोर्ड ने टाटा को धन्यवाद दिया और कहा कि जेएलआर को खरीदकर आपने हम पर बड़ा अहसान किया है। काडले के मुताबिक, उनकी इस बात पर खूब तालियां बजी थी।

रूबेन सिंह

लंदन में एक सि‍ख अरबपति‍ ने अंग्रेजों जिस अंदाज में बदला लिया वह बहुत ही अनोखा है। दरअसल, AlldayPA के सीईओ रूबेन सिंह की पगड़ी को एक अंग्रेज ने बैंडेज बता दिया जिसके बाद रूबने ने अपने अंदाज में उस अंग्रेज से बदला लिया।

 

रूबेन ने ट्वि‍टर पर लि‍खा, ‘हाल ही में कि‍सी ने मेरी टर्बन को ‘बैंडेज’ कहा। टर्बन मेरा ताज है और मेरा गर्व। उन्‍होंने अंग्रेज को चैलेंज कि‍या कि‍ वह अपनी टर्बन को अपनी रॉल्‍स रॉयस कारों के साथ मैच करेंगे और वो ही पूरे हफ्ते। अंग्रेज ने शर्त लगाई थी कि‍ रूबेन सिंह अपनी टर्बन को अपनी कार के रंग के समान सात दि‍नों तक नहीं रखते। लेकि‍न रूबेन ने अंग्रेज को अपने अंदाज में करार जवाब दि‍या।

अलवर के राजा जय सिंह

अलवर के राजा ने रॉल्स राय कंपनी की ओर से बेज्जती का बदला एक दिलचस्प तरीके से लिया था। उन्होंने कंपनी की महंगी गाड़ियों से नगरपालिका को सौंप कर उससे कचरा उठवाया था।

जब यह बात पूरे विश्व में फैली की विश्व की नं. 1 कार रोल्स रॉयस की साख मिट्टी में मिल गई। इसके चलते कंपनी ने भारत में राजा को टेलीग्राम में माफी लिखकर भेजी और विनती की कि रोयस रॉयल कार से कचरा न उठवाएं यही नहीं,  कंपनी ने राजा को 6 कारें भेंट स्वरूप फ्री में भेजीं।

जब राजा जयसिंह को यह पता लगा कि रोल्स रॉयस वालों को उनकी गलती का सबक मिल चुका है तब जाकर राजा ने उन कारों से कचरा साफ करना बंद करवाया।

दरअसल, लंदन भ्रमण के दौरान अलवर के राजा जयसिंह साधारण कपड़ों में लंदन की बांड स्ट्रीट की घूम रहे थे। इसी बीच उनकी नजर रोल्स रॉयस कार के शोरूम पर पड़ी।

कार उन्हें देखने में आकर्षक लगी जिसके चलते कार की कीमत को पूछने के लिए वे शोरूम में घुस गए। राजा को अन्य भारतीयों की तरह मानते हुए शोरूम के सेल्समैन ने उन्हें बुरी तरह झिड़का और बेइज्जती करके उनको वहां से भगा दिया। जिसके बाद उन्होंने अंग्रेजों से बदला लेने का फैसला किया।

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