उत्तराखंड
बदरीनाथ के साधु-संतों को मिला प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण, स्वयं सेवको ने गुफाओं में जाकर सौंपा
गोपेश्वर (चमोली)। बर्फबारी के बीच बदरीनाथ धाम की गुफाओं में साधनारत साधु-संतों तक भी अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण पहुंचाया गया है। साधु-संतों को अयोध्या से आए पूजित अक्षत प्रसाद, राममंदिर का चित्र भी भेंट किया गया।
धाम में मौजूदा समय में 16 साधु-संत साधनारत हैं। उन्हें न्योता देने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवक मंगलवार को देर शाम बदरीनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने साधु-संतों की कुटिया और गुफाओं में जाकर उन्हें अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण सौंपा।
जनपद के अभियान प्रमुख अतुल शाह ने बताया कि जब उनकी टोली बदरीनाथ धाम पहुंची और अयोध्या से पूजित अक्षत को बदरीनाथ धाम के सिंहद्वार पर अर्पित किया गया, उसके बाद धाम में बर्फबारी शुरू हो गई। जिससे चारों ओर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई।
पूजित अक्षत को धाम की सुरक्षा में तैनात ITBP और सेना के जवानों व अधिकारियों को वितरित किए गए। इस मौके पर RSS के जिला प्रचारक राहुल, जिला कार्यवाह विक्रम सिंह नेगी, अभियान प्रमुख अतुल शाह, सुशील यादव, ताजवर सती आदि मौजूद रहे।
उत्तराखंड
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, इस मौके पर क्या बोले सीएम धामी
देहरादून: उत्तराखंड से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। यहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो गया है। इसी के साथ उत्तराखंड UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। UCC के लागू होने से विशेष तौर पर सभी धर्मों की महिलाओं को एक समान अधिकार मिलेंगे।
UCC पोर्टल और नियम लॉन्च के मौके पर क्या बोले सीएम?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने UCC पोर्टल और नियम लॉन्च पर कहा, ‘आज उत्तराखंड में UCC लागू करके हम संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आज इसी क्षण से उत्तराखंड में UCC पूर्ण रूप से लागू हो गया है। आज से सभी धर्म की महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त होंगे। इस अवसर पर मैं समस्त उत्तराखंड वासियों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद करता हूं क्योंकि उन्हीं के मार्गदर्शन में आज हम यह कानून राज्य में लागू करने में सफल हुए हैं।
उत्तराखंड में UCC लागू होने से क्या-क्या बदल जाएगा?
यूसीसी लागू होने के बाद शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाएगा।
किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय के लिए तलाक का एक समान कानून होगा।
हर धर्म और जाति की लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी।
सभी धर्मों में बच्चा गोद लेने का अधिकार मिलेगा, दूसरे धर्म का बच्चा गोद नहीं ले सकते।
उत्तराखंड में हलाला और इद्दत जैसी प्रथा बंद हो जाएगी।
एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
जायदाद में लड़के और लड़कियों की बराबरी की हिस्सेदारी होगी।
लिव-इन रिलेशनशिप के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।
लिव-इन रिलेशनशिप वालों की उम्र 18 और 21 साल से कम है तो माता-पिता की सहमति लेनी होगी।
लिव इन से पैदा होने वाले बच्चे को शादी शुदा जोड़े के बच्चे की तरह अधिकार मिलेगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड से शेड्यूल ट्राइब को बाहर रखा गया है।
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