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रणनीति फेल: मप्र में सपा-कांग्रेस साथ नहीं लड़ेंगे चुनाव, इन सीटों पर होंगे आमने-सामने

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UP: Congress made a dent in SP, many leaders will join hands today

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लखनऊ। भाजपा के खिलाफ बने विपक्षी दलों के I.N.D.I.A.  गठबंधन में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस भले गलबहियां करते नजर आ रही हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव में आमने-सामने हैं। मध्य प्रदेश में अब तक जारी उम्मीदवारों की सूची में पांच सीटों पर दोनों पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ संघर्ष करती नजर आएंगी। ये सीटें दलित, अल्पसंख्यक और यादव बहुल मानी जाती हैं।

I.N.D.I.A. गठबंधन में शामिल होने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि वह सीट बांटने वाले होंगे। इसी रणनीति के तहत उन्होंने मप्र में उम्मीदवार उतारने की घोषणा की। इसे उनकी दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा गया।

उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव के समीकरण को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस मध्य प्रदेश में कुछ सीटें सपा को दे देगी, लेकिन अभी तक स्थितियां एकदम विपरीत हैं। कांग्रेस ने रविवार सुबह नौ बजे प्रदेश की 230 में 144 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की। करीब 10 घंटे बाद शाम पांच बजे सपा ने भी नौ उम्मीदवारों की घोषणा की।

इसमें पांच सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस और सपा दोनों के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। सपा की ओर से घोषित चार अन्य सीटों पर अभी कांग्रेस ने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इन सीटों पर कांग्रेस के दो से तीन उम्मीदवारों के बीच जोर आजमाइश चल रही है।

अगली सूची में इन पर उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए जाएंगे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि इंडिया गठबंधन को लेकर भले बातचीत चल रही है, लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सपा को सीटें देने के मूड में नहीं है।

मप्र विधानसभा चुनाव के लिए सपा ने नौ प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। इनमें तीन यादव समेत पांच ओबीसी, तीन दलित और एक ब्राह्मण प्रत्याशी हैं। हालांकि, यह सपा-कांग्रेस गठबंधन के तहत उतारे गए आधिकारिक प्रत्याशी नहीं हैं। इसलिए वहां गठबंधन की संभावनाओं में दरार पैदा होती हुई दिख रही है।

सपा की ओर से जारी सूची के अनुसार, निवाड़ी से पूर्व विधायक मीरा दीपक यादव, राजनगर से बृजगोपाल पटेल उर्फ बबलू पटेल, भांडेर आरक्षित से सेवानिवृत्त जिला जज डीआर राहुल (अहिरवार), धौहानी आरक्षित सीट से विश्वनाथ सिंह मरकाम, चितरंगी आरक्षित सीट से श्रवण कुमार सिंह गोंड से मैदान में होंगे।

इनके अलावा, सिरमौर से लक्ष्मण तिवारी, बिजावर से डॉ. मनोज यादव, कटंगी से महेश सहारे और सीधी से रामप्रताप सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। प्रत्याशी घोषित होने से पहले अखिलेश यादव ने प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर मप्र के पदाधिकारियों के साथ बैठक भी की।

यहां होंगे आमने सामने

सीट                      कांग्रेस                       सपा

भांडेर (सु.)         फूल सिंह बरिया        डीआर राहुल

राजनगर              विक्रम सिंह            बृजगोपाल पटेल

बिजावर            चरन सिंह यादव         डा.मनोज यादव

चितरंगी (सु.)       मानिक सिंह           श्रवण कुमार गोंड

कटंगी                 बोध सिंह भगत          महेश सहारे

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बिहार लोक सेवा आयोग : करीब 12,000 अभ्यर्थी देंगे फिर से परीक्षा, चार जनवरी को आयोजित होगी परीक्षा

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पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने इस महीने की शुरुआत में हुई 70वीं एकीकृत संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) 2024 को रद्द करने से इनकार कर दिया। परीक्षा प्रश्नपत्र लीक के आरोपों को लेकर विवादों में है। हालांकि, मनुभाई ने यह स्पष्ट किया कि बीपीएससी उन उम्मीदवारों की पुनः परीक्षा कराने जा रहा है, जिन्हें 13 दिसंबर को बापू परीक्षा परिसर केंद्र आवंटित किया गया था और कहा कि पुनः परीक्षा चार जनवरी 2025 को आयोजित की जाएगी।

करीब 12,000 अभ्यर्थी देंगे फिर से परीक्षा

बीपीएससी के अध्यक्ष मनुभाई ने कहा कि 13 दिसंबर को आयोजित पूरी बीपीएससी परीक्षा रद्द करने का कोई सवाल ही नहीं है। बीपीएससी ने बापू परीक्षा परिसर केंद्र पर आयोजित प्रारंभिक परीक्षा को केवल इसलिए रद्द करने का फैसला किया क्योंकि परीक्षा को बाधित करने की साजिश के तहत कुछ उपद्रवी उम्मीदवारों ने व्यवधान उत्पन्न किया था। पुनर्परीक्षा चार जनवरी को शहर के किसी अन्य केंद्र पर होगी। उन्होंने बताया कि चार जनवरी की परीक्षा में करीब 12,000 अभ्यर्थी शामिल होंगे।

13 दिसंबर को बापू परीक्षा केंद्र पर छात्रों ने किया था हंगामा

बीपीएससी ने 34 अभ्यर्थियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है, जो 13 दिसंबर को बापू परीक्षा केंद्र पर कथित तौर पर व्यवधान पैदा करने में शामिल थे। बीपीएससी अध्यक्ष ने कहा कि सभी 34 छात्रों को 26 दिसंबर तक कारण बताओ नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। आयोग उनके जवाबों की जांच करेगा और उसके बाद उचित निर्णय लेगा। जो लोग अपना जवाब देने में विफल रहते हैं, उनके मामले में आयोग अपने पास उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर निर्णय लेगा।

बीपीएससी की पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं छात्र

बता दें कि अभ्यर्थियों का एक समूह राज्य में 13 दिसंबर को आयोजित बीपीएससी की पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहा है। वे पिछले चार-पांच दिनों से गर्दनीबाग में धरने पर बैठे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सिर्फ एक केंद्र के लिए दोबारा परीक्षा कराना “समान अवसर” के सिद्धांत के खिलाफ होगा।

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