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आध्यात्म

सावन का पहला सोमवार आज, उमड़ा आस्था का समंदर; हुई महाकाल की भस्म आरती

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Sawan first Monday today

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नई दिल्ली। हिंदू धर्म में सावन माह का विशेष महत्व है। यह महीना देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस महीने में रुद्धाभिषेक करना अत्यंत शुभ माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन पांचवां महीना है। सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव को जल और बेलपत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है। आज सावन का पहला सोमवार है। इस मौके पर उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। लोग महाकाल की भस्म आरती को देखना चाहते थे।

भगवान महाकाल की हुई भस्म आरती

सावन के पहले सोमवार पर भगवान महाकाल की भस्म आरती की गई। इस मौके पर महाकाल के दर्शन के लिए आस्था का समंदर उमड़ पड़ा। लोग महाकाल की भक्ति में लीन दिखे। पूरा माहौल शिवमय हो गया।

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम

बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए।

दिल्ली में चांदनी चौक के गौरी शंकर मंदिर में जुटी भीड़

दिल्ली में चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर में भी लोगों की भीड़ देखने को मिली। सावन के पहले सोमवार पर लोग गौरी शंकर के दर्शन और उनकी पूजा करने के लिए आतुर दिखे।

गोरखपुर के महादेव झारखंडी मंदिर में लोगों ने की पूजा-अर्चना

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में भी मंदिरों में लोगों की भीड़ देखने को मिली। सावन महीने के पहले सोमवार को भक्तों ने महादेव झारखंडी शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की।

आध्यात्म की सुगंध से पुलकित हो रहा बाबाधाम

सावन के पहले सोमवार पर झारखंड के देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए पांच किलोमीटर की कतार लगी हुई है। द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा बैद्यनाथ का पट सुबह तीन बजकर पांच मिनट पर खोला गया। परंपरा के मुताबिक, सबसे पहले काचाजल अर्पित किया गया। इस समय केवल तीर्थपुरोहित परिवार के सदस्य थे। इसके बाद बाबा की प्रातःकालीन पूजा पुरोहित राकेश झा ने किया।

जयपुर के झारखंड महादेव मंदिर में लोगों ने की पूजा अर्चना

सावन के पहले सोमवार के मौके पर राजस्थान की राजधानी जयपुर के ‘झारखंड महादेव मंदिर’ में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। उन्होंने महादेव को जल और बेलपत्र चढ़ाए।

आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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