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आध्यात्म

इस तारीख को है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त व महत्व

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Shri Krishna Janmashtami

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नई दिल्ली। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हिंदू धर्म का बड़ा पर्व है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के के दिन भगवान विष्णु ने भगवान कृष्ण के रूप में अवतार लिया था। जब से ही इस दिन को कृष्ण जन्मोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। उस समय रोहिणी नक्षत्र था। भगवान कृष्ण के भक्त रात में 12 बजे कान्हा का जन्मोत्सव मनाते हैं। आइए जानते हैं इस साल यानी साल 2023 में जन्माष्टमी कब है।

कृष्ण जन्ममाष्टमी तारीख

इस साल अष्टमी तिथि का आरंभ 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 38 मिनट पर होगा और इसका समापन 7 सितंबर को शाम के समय 4 बजकर 15 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में जन्माष्टमी का व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा।

जन्माष्टमी का महत्व

मान्यताओं के अनुसार, कृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ भी भगवान कृष्ण का आशीर्वाद और कृपा भी बनी रहती है। जो लोग व्रत करते हैं वह मध्य रात्रि पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना भी करते हैं। इस दिन देशभर में मंदिरों को विशेष तौर पर सजाया जाता है।

जन्माष्टमी पर भक्त श्रद्धानुसार, उपवास करते हैं। साथ ही भगवान कृष्ण की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। बता दें कि भगवान कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था। लोग अपने घर में मौजूद लड्डू गोपाल का भी जन्म तभी कराते हैं। इसके बाद उन्हें सुंदर वस्त्र पहनाकर फूल आदि अर्पित करते हैं। इसके बाद कृष्ण जी को भोग लगाया जाता है और उस भोग को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।

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आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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