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प्रादेशिक

चैत्र नवरात्र मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा और जरूरतों का रखें पूरा ध्यान: मुख्यमंत्री योगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चैत्र नवरात्र मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत आवश्यक इंतज़ाम करने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को विंध्याचलधाम मंडल दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों के लिए बैट्रीचालित कार को हरी झंडी दिखाई, साथ ही, समीक्षा बैठक कर चैत्र नवरात्र मेले की तैयारियों की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चैत्र नवरात्र मेले में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से श्रद्धालुओं का आगमन होगा, साथ ही दूसरे राज्यों से भी आमजन के आगमन होगा। सभी की भावना का सम्मान करते हुए ऐसे प्रबंध किए जाएं कि उन्हें दर्शन-पूजन में कोई असुविधा न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर परिसर में साफ-सफाई की व्यवस्था करा ली जाए। गर्मी के मौसम को देखते हुए सम्पूर्ण मेला परिक्षेत्र में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए और पारदर्शी ढंग से पार्किंग चलाया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि किसी भी दशा में श्रद्धालुओं के साथ अवैध वसूली की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 02 पहिया एवं 04 पहिया वाहनों के लिए मेला क्षेत्र में उपयुक्त स्थल चिन्हित कर वाहन स्टैंड बनाया जाए और मेले में दर्शनार्थी/श्रद्धालु जनपद एवं प्रदेश के बाहर से आते हैं, उनके लिए पार्किंग की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि दर्शनार्थियों/श्रद्धालुओं को समय से चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु दवाओं सहित चिकित्सकों की तैनाती होनी चाहिए, ताकि आपात स्थिति में तत्काल चिकित्सकीय सहायता मिल सके।

पुलिस प्रशासन को मुस्तैद रहने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए प्रशासन और पुलिस विभाग 24×7 एक्टिव रहे। सुरक्षा के दृष्टिगत फोर्स की व्यवस्था सुनिश्चित करा ली जाए। भगदड़ की सम्भावना को देखते हुए मेला क्षेत्र में सुविधा के दृष्टिगत रूट निर्धारित कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि जितने भी लोग मेला ड्यूटी में लगे हैं उनका व्यवहार प्रशिक्षण कराया जाए, जिससे वे दर्शनार्थियों/श्रद्धालुओं के साथ अच्छा व्यवहार करें।

दूसरे नगरों/प्रदेशों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विन्ध्याचल क्षेत्र में इस प्रकार की प्लानिंग होनी चाहिए कि जितने भी रास्ते मीरजापुर के लिए आते हों उन्हें फोरलेन से जोड़ दिया जाए। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में जितने भी विद्युत तार हैं, को भूमिगत करा दिया जाए। इसी प्रकार, ड्रेनेज की व्यवस्था भी साथ करा ली जाए तथा बार-बार सड़कों की खुदाई न की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी/स्वयंसेवी संस्थाओं को मेले के कार्य से जोड़ा जाए, जिससे दर्शनार्थी/श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए। विंध्य कॉरीडोर के निर्माण कार्यों की प्रगति से अवगत होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉरीडोर के कार्यों में और तेजी लाए जाने की जरूरत बताई साथ ही कहा कि यह ध्यान रखा जाए कि निर्माण कार्य से दर्शनार्थियों/श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ के प्राग ज्योतिषपुर में दिख रही पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक झलक

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महाकुम्भ नगर। इस बार महाकुम्भ में पूर्वोत्तर के राज्यों के सत्रों यानि आश्रमों की व्यापक उपस्थिति और संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है। यहां असमिया संस्कृति पर आधारित नामघर की परंपरा में सत्राधिकार आयोजित होने जा रहे हैं। इस बार पूर्वोत्तर के सत्रों की सारी परंपराएं महाकुम्भ में हिस्सा लेने आ रही हैं। पूर्वोत्तर के संतों को योगी सरकार ने स्टेट गेस्ट का दर्जा देकर आमंत्रित किया है। महाकुम्भ परिसर में प्राग ज्योतिषपुर क्षेत्र में इसे लेकर खास तैयारियां हो रही हैं और 12 जनवरी से यहां आयोजनों की शुरुआत हो जाएगी।

सातों राज्यों की संस्कृतियों को किया जा रहा प्रदर्शित

योगाश्रम बिहलांगिनी असम के महंत महामंडलेश्वर स्वामी श्री केशव दास जी महाराज ने बताया कि महाकुम्भ के प्राग ज्योतिषपुर क्षेत्र में नामघर बन रहा है। यह कुम्भ में पहली बार हो रहा है। सत्राधिकार यहां रहेंगे और शाही स्नान में भाग लेंगे। धर्म सभाएं होंगी। अखंड भागवत होगा। यह लगातार 7 दिन 168 घंटे चलेगा। इसकी शुरुआत 21 जनवरी को होगी और समापन 27 जनवरी को होगा। नॉर्थ ईस्ट के सातों राज्यों की सारी संस्कृतियों को प्रदर्शित करते हुए एक प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इस प्रदर्शनी में पूर्वोत्तर के समाज, संस्कृति और धर्म की समग्र तस्वीर देखने को मिलेगी। कलाकार आ चुके हैं और इसे तैयार कर रहे हैं। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन 12 जनवरी को होगा।

बन रहा कामाख्या का मॉडल

उन्होंने आगे बताया कि आयोजन में राम विजय भावना का मंचन होगा। यह मंचन रामलीला की तर्ज पर होता है। मणिपुरी नृत्य रास भी होगा। सत्रीय नृत्य का आयोजन होगा। नागालैंड का बैंबो डांस होगा। अप्सरा नृत्य होगा। यह अब सत्रीय संस्कृति के अंतर्गत है। माटी अखाड़ा में भक्त अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। यह एक प्रकार की योग साधना की परंपरा है, जिसका स्वरूप अलग है। कामाख्या का मॉडल बनेगा और कामाख्या का जल वितरित किया जाएगा।

नॉर्थ ईस्ट से 125 संतों को स्टेट गेस्ट के रूप में किया आमंत्रित

मेले की व्यवस्थाओं पर उन्होंने कहा कि अच्छी व्यवस्थाएं हैं। मेला प्रशासन कोशिश कर रहा है कि सभी साधु संत संतुष्ट हों और उन्हें सुविधाएं प्राप्त हों। मुख्यमंत्री योगी जी ने जिस तरह की व्यवस्थाएं की हैं, उसने हृदय से प्रभावित, संतुष्ट और उत्साहित किया है। योगी जी ने नॉर्थ ईस्ट से 125 संतों को बुलाया है स्टेट गेस्ट बनाकर। इन सभी को सीएम ऑफिस से फोन जा रहे हैं। उनकी व्यवस्था हमारे ही खालसे में होगी। पद्मश्री से सम्मानित त्रिपुरा के चित्त महाराज, दक्षिण पाद सत्र, गडमूर सत्र जैसे प्राचीन सत्रों के साथ कई सत्राधिकार आयेंगे और शाही स्नान में भाग लेंगे। इससे पहले सत्राधिकारों ने कभी भी कुम्भ में शाही स्नान में भाग नहीं लिया और रुके भी नहीं। अखाड़ों के द्वारा उनका सम्मान होगा। यहां के संत समाज के साथ वार्तालाप होगी। प्राग ज्योतिषपुर क्षेत्र के शिविर का 12 को उद्घाटन है। उसके बाद कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। योगी जी द्वारा जिस तरह कुम्भ को आयोजित किया जा रहा है, इससे पूरे नॉर्थ ईस्ट में प्रचार हो गया है और लोग उत्साहित हो गए हैं।

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