उत्तर प्रदेश
दक्षिण की श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य का आगमन बढ़ा रहा महाकुम्भ की शोभाः सीएम योगी
महाकुम्भ नगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज दौरे पर शनिवार को दक्षिण भारत की श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य जगदगुरु श्रीश्री विधुशेखर भारती जी महाराज से भी भेंट कर उनका सम्मान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रृंगेरी पीठ के पूज्य शंकराचार्य के प्रयागराज पधारने से बहुत आनंद की अनुभूति हो रही है। आपके आगमन से महाकुम्भ को पूर्णता मिल रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दक्षिण रीति से स्वागत किया गया और उन्हें कुम्भ के स्वरूप के रूप में नारियल भेंट किया गया। वहीं, मुख्यमंत्री ने भी शंकराचार्य को शॉल ओढ़ाकर और फल भेंटकर अभिनंदन किया।
मुख्यमंत्री ने शंकराचार्य को दी महाकुम्भ की संपूर्ण जानकारी
श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य जगदगुरु श्रीश्री विधुशेखर भारती जी महाराज से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे अंतराल के बाद दक्षिण की श्रृंगेरी पीठ का महाकुम्भ के महाआयोजन में आगमन हो रहा है। इससे महाकुम्भ की शोभा और अधिक बढ़ गई है। यह आनंद का विषय है कि इस महाकुम्भ में श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य 5 दिन का प्रवास करेंगे, यह हमारे लिए आशीर्वाद की तरह है। प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन आपका आभारी है। कुम्भ जैसे आयोजन को भव्य और दिव्य बनाने में आपकी उपस्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने शंकराचार्य को महाकुम्भ की व्यवस्था, संतों की भागीदारी और वैश्विक स्तर पर लोगों के आगमन से जुड़ी सभी जानकारियां प्रदान कीं।
शंकराचार्य ने भी की सीएम की भूरि भूरि प्रशंसा
श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री द्वारा महाकुम्भ के विषय में दी गई जानकारी पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने महाकुम्भ में की गई व्यवस्थाओं और सुविधाओं की भूरि भूरि प्रशंसा की। अपनी सेवा में लगे लोगों को भी उन्होंने आशीर्वाद दिया। शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री को दक्षिण पीठ की परंपरा के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 48 वर्ष पहले गुरु के गुरु कुम्भ में अमावस्या के समय एक दिन का स्नान करने के लिए यहां आए थे, लेकिन औपचारिक रूप से दक्षिण से कोई शंकराचार्य 150 वर्षों के बाद महाकुम्भ में सम्मिलित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि 5 दिन के प्रवास के अवसर पर वह शास्त्रार्थ के साथ ही अमावस्या पर शंकराचार्यों के साथ त्रिवेणी संगम स्नान में भी सम्मिलित होंगे। उन्होंने अपने प्रवास और इसके बाद कार्यक्रमों के विषय में भी बताया। इस पर मुख्यमंत्री ने शंकराचार्य से काशी प्रवास के अवसर पर शास्त्रार्थ सभा और प्रवचन करने का भी निवेदन किया। इस पर शंकराचार्य ने भी अपनी सहमित दी। अन्नपूर्णा मंदिर में कार्यक्रम को लेकर भी शंकराचार्य की ओर से सहमति प्रदान की गई। इस अवसर पर शंकराचार्य के कुम्भ प्रवास के प्रभारी राकेश शुक्ला, दक्षिण के प्रभारी मुरली जी समेत अन्य अधिकारी व अतिथि शामिल रहे।
बाबा कल्याण दास जी महाराज से भी की भेंट
इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेक्टर 19 स्थित श्री कल्याण सेवा आश्रम, अमरकंटक के आश्रम भी पहुंचे और यहां उन्होंने सद्गुरुदेव बाबा कल्याण दास जी महाराज से शिष्टाचार भेंट की और उनके साथ व्यक्तिगत चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ में सरकार के द्वारा की गई व्यवस्थाओं और सुविधाओं के विषय में भी उनसे बातचीत की। करीब 10 मिनट तक चली इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अपने अगले कार्यक्रम की ओर बढ़ गए। मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक में कल्याण सेवा आश्रम वर्ष 1977 से जन सेवा, समाज सेवा आध्यात्मिक एवं धार्मिक गतिविधियों को अपना उद्देश्य बनाकर निरंतर कार्य कर रहा है।
उत्तर प्रदेश
देश का संविधान हमें न्याय, समता और बंधुता के साथ जुड़ने की देता है प्रेरणा: सीएम
लखनऊ: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने सरकारी आवास पर ध्वज फहराया। इस मौके पर उन्होंने पूरे प्रदेशवासियों को 76वें गणतंत्र दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन भारत ने अपना संविधान लागू करते हुए एक संप्रभु संपन्न लोकतांत्रित गणतंत्र भारत के रूप में अपनी एक नई यात्रा को प्रारंभ करने का निर्णय लिया था। एक लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ।
देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में भारत ने एक संविधान सभा का गठन किया। संविधान के प्रत्येक अनुच्छेद को एक माला के रूप में पिरोने का उत्तरदायित्व बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर को दिया गया, जिन्होंने 26 नवंबर 1949 को एक मसौदा संविधान सभा के सामने सौंपा और अनंत: 26 जनवरी 1950 को ये देश खुद का संविधान लागू करने में सफल हो पाया।
संविधान की 75 वर्षों की यात्रा हमें अमृत काल से जोड़ती है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत का संविधान हमें न्याय, समता और बंधुता के साथ जुड़ने की एक नई प्रेरणा प्रदान करता है। सम और विषम परिस्थितियों में यह पूरे भारत को एकता के सूत्र में बांधने में सफल रहा है। आज के इस अवसर पर जब हम भारत के संविधान के लागू होने के 75 वर्ष को पूरा कर रहे हैं, इस अवसर पर मैं भारत माता के महान सपूतों को स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
उन्हाेंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सीएम ने संविधान सभा के योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि यह बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के नेतृत्व का परिणाम है कि आज भारत के पास एक समावेशी और प्रगतिशील संविधान है।
उन्होंने कहा कि 75 वर्षों की ये यात्रा हमें अमृत काल से जोड़ती है। भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को न्याय देने के लिए हमारा सबसे बड़ा मार्गदर्शक है। हर नागरिक को बिना भेदभाव के न्याय मिले और पूरा भारत एकता के सूत्र में बंधकर करके भारत की समृद्धि के बारे में सोचे ये प्रेरणा भारत का संविधान देता है।
दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का सौभाग्य हमारे पास
सीएम योगी ने कहा कि आज हम सबके सामने विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य है और ये भारत के संविधान का अनुसरण करके ही पूरा किया जा सकता है। आज के इस अवसर पर जब भारत के संविधान के उस मूल प्रति का हम अवलोकन करते हैं तो हम भारतीय संस्कृति की गहराई और ऊंचाई का अंदाजा लगा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमें अपने संविधान के प्रति इस बात के लिए भी गौरव की अनुभूति करनी चाहिए कि दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का सौभाग्य हमारे देश के पास है। यहां बिना भेदभाव के सभी को मताधिकार की ताकत प्राप्त हुई। आज आधुनिक लोकतंत्र का श्रेय लेने वाले तमाम देश हैं, लेकिन वहां रंगभेद तो कहीं आधी आबादी महिलाओं को भी यह ताकत नहीं मिली है।
भारत अपने यहां ये सब पहले ही दिन से लागू कर चुका है। हम सब अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करें तो आने वाले समय में अगले 25 वर्ष का जो पीएम मोदी ने संकल्प देशवासियों को दिया है, वह विकसित भारत 25 सालों में देशवासियों के सामने होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का संविधान जाति, धर्म, भाषा और लिंग के भेदभाव के बिना हर नागरिक को समान अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जब विश्व के कई लोकतांत्रिक देशों में महिलाओं और वंचित वर्गों को मतदान का अधिकार नहीं था, तब भारत ने पहले ही दिन से यह सुनिश्चित किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य सरकारों की जनकल्याणकारी योजनाओं को “आधुनिक रामराज्य” का स्वरूप बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गरीबों, किसानों और वंचित वर्गों के लिए अनेक योजनाएं लागू की गईं, जिनसे करोड़ों लोगों को लाभ मिला।
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