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लाइफ स्टाइल

उम्र बढ़ने का असर नहीं दिखेगा त्वचा पर, बस करना होगा यह काम

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Ageing

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नई दिल्ली। उम्र बढ़ने (Ageing) के साथ ही व्यक्ति को कई तरह की शारीरिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साथ ही उम्र का असर त्वचा पर भी दिखाई पड़ने लगता है। इसकी सबसे बड़ी वजह आपका खान पान है। ऐसे में अगर आप 40, 50 की उम्र में भी 30-35 की नजर आना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपने खानपान की ओर ध्यान दें।

बहुत ज्यादा तला-भुना, मिर्च-मसालेदार और जंक फूड के सेवन से त्वचा समय से पहले ही बूढ़ी नजर आने लगती है। उम्र बढ़ने (Ageing) के साथ अपने भोजन में हरी सब्जियों, साबुत अनाज, स्प्राउट्स व डेयरी प्रोडक्ट्स की मात्रा बढ़ाएं साथ ही साथ ड्राई फ्रूट्स की भी।

  1. बादाम

बादाम विटामिन ई का बेहतरीन स्त्रोत होते हैं। जो हानिकारक यूवी किरणों से स्किन की सुरक्षित रखते हैं, स्किन के मॉयस्चर को बना कर रखते हैं साथ ही स्किन टिश्यू को रिपेयर करने का भी काम करते हैं। जवां और खूबसूरत नजर आने में हेल्दी और चमकदार त्वचा का बहुत बड़ा रोल होता है।

  1. काजू

काजू में प्रोटीन और विटामिन-ई की भरपूर मात्रा होती है। ये दोनों न्यूट्रिशन बढ़ती उम्र के असर को कम करते हैं और त्वचा को चमकदार बनाए रखने में मदद करते हैं। तो काजू का सेवन भी करें लेकिन सीमित मात्रा में।

  1. अखरोट

अखरोट में विटामिन-ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स होते हैं, जो त्वचा को मुलायम बनाते हैं और रंगत सुधारने में भी मदद करते हैं। इसके अलावा अखरोट में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स के असर को ख़त्म करके एजिंग प्रोसेस को धीमा करने का काम करते हैं।

  1. पिस्ता

पिस्ता में विटामिन ई और दूसरे एंटीऑक्‍सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो बॉडी से फ्री रेडिकल्‍स को कम करने और स्किन को सॉफ्ट और ग्लोइंग बनाने में मददगार होते हैं। इसके साथ ही पिस्ता में विटामिन ई होता है जो स्किन को हेल्दी रखता है जिससे उम्र का असर पता नहीं चलता।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

 

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लाइफ स्टाइल

अस्थमा के मरीज सर्दियों में रखें अपना खास ध्यान, अपनाएं यह टिप्स

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Asthma patients

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नई दिल्ली। इया समय लगातार पड़ रही कड़ाके की सर्दी में वैसे तो सभी परेशान हैं लेकिन सांस के रोगियों के लिए यह ठंड और ज्यादा मुश्किल हो सकती है। दरअसल, ऐसी कड़ाके की ठंड में अस्थमा के अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है।

ठंड में बढ़ जाता है अस्थमा अटैक का खतरा

कड़ाके की ठंड से श्वास नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं। कई बार इन नलिकाओं में इतना ज्यादा संकुचन हो जाता है कि नली एकदम पतली या कहें कि ब्‍लॉक ही हो जाती है। जिसकी वजह से मरीज को सांस लेने में बहुत ज्यादा परेशानी होती है और इस वजह से अस्‍थमा अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

अस्थमा के मरीज इन बातों का रखें ख्याल

  1. लगातार गिरते तापमान के साथ ही अगर ठंडी हवाएं भी चल रही हो, तो बाहर टहलने या व्यायाम करने की जगह घर में हल्की-फुल्की जरूरी एक्सरसाइजेस कर लें, क्योंकि बाहर का मौसम या जिम में होने वाली नमी आपके लिए दिक्कत पैदा कर सकती है। मौसम में गर्माहट होने पर ही बाहर निकलें।
  2. सर्दी से बचने के लिए आग वाली जगह बैठना भी अवॉयड करें क्योंकि इससे निकलने वाला धुंआ फेफड़ों के लिए खतरनाक हो सकता है। खासतौर से अगर आप अस्थमा के मरीज हों।
  3. प्राणायाम करना अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है, इसके नियमित अभ्यास से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है। यह डायाफ्रामिक और पेट की मांसपेशियों को एक्टिव करता है, जिससे सांस लेने की परेशानी दूर होती है। कपालभाति, नाड़ीशोधन, भ्रामरी, भस्त्रिका जैसे प्राणायाम लाभकारी होते हैं।
  4. चाय, कॉफी, सूप और दूसरे तरह के गर्म लिक्विड ड्रिंक्स पीने से न सिर्फ बॉडी गर्म रहता है, बल्कि इससे बलगम की परेशानी भी दूर होती है। सांस लेना आरामदायक हो जाता है।
  5. नियमित रूप से घर की भी साफ-सफाई करते रहें। वैक्यूम क्लीनर से सफाई करने से सभी धूलकण खत्म हो जाते हैं। हवा में मौजूद धुंआ, धूल यहां तक कि रूसी भी अस्थमा के मरीजों के लिए ट्रिगर का काम करते हैं। इसलिए एयर फिल्टर और एयर प्यूरीफायर का जरूर इस्तेमाल करें।

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डिस्क्लेमर: उक्त जानकारी महज सूचना के लिए है न कि कोई डाक्टरी सलाह। संबंधित विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लें।

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