Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

नोएडा के जेवर हवाई अड्डे पर उतरा पहला विमान

Published

on

Loading

नोएडा। यूपी वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। नोएडा के जेवर हवाई अड्डे पर आज पहली बार पहला विमान उतरा। पहली बार आज इंडिगो की फ्लाइट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरी। इसके लिए आयोजित समारोह में नागरिक उड्डयन मंत्री भी उपस्थित थे। विमान के उतरते ही उसे वाटर कैनन से सलामी दी गई। इस ऐतिहासिक क्षण का गौतम बुद्ध नगर सहित पूरे उत्तर प्रदेश के निवासी वर्षों से बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और आज उनकी ये ख्वाहिश पूरी हुई।

एयरपोर्ट पर रनवे से दौड़ता दिखा विमान

नोएडा एयरपोर्ट के नोडल ऑफिसर शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि 15 दिसंबर तक इसका ट्रायल पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद इस एयरपोर्ट के संचालन के लिए एयरोड्रम लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा। इस प्रक्रिया में वरिष्ठ अधिकारी, जिनमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए, एनआईएएल, और उत्तर प्रदेश नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोमवार को पहला ट्रायल रन हुआ। इस ट्रायल रन का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें विमान रनवे से दौड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।

 

इस एयरपोर्ट पर ट्रेनिंग रूम का नाम स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी के नाम पर रखा गया है। वो भारतीय वायुसेना की फाइटर पायलट हैं। जेवर एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) के मुताबिक, इस हवाई अड्डे का कॉमर्शियल उद्घाटन अप्रैल 2025 में होना है, जबकि, ट्रायल रन 15 दिसंबर तक चलेगा।

पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास

नोएडा के जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद साल 2021 में किया था। यहां 3.9 किमी लंबा और 60 मीटर चौड़ा रनवे का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अगले साल 2025 के मार्च महीने के अंतिम सप्ताह तक अन्य सभी काम पूरे कर लिए जाएंगे। उसके बाद अप्रैल 2025 से यहां कॉमर्शियल फ्लाइट्स शुरू कर दी जाएंगी।

 

 

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ से योगी का संदेश “एकता से अखंड रहेगा देश”

Published

on

Loading

महाकुम्भनगर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को महाकुम्भ में आयोजित विश्व हिंदू परिषद के विराट संत सम्मेलन में हिसा लिया। देश के कोने कोने से आए संतों और धर्माचार्यों के सानिध्य में मुख्यमंत्री ने सनातन धर्म की एकता और इसकी अखंडता को सुदृढ़ करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने इस मंच से महाकुम्भ को सनातन धर्म की अद्भुत ऊर्जा और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बताते हुए पूरे विश्व में इसके संदेश को पहुंचाने का संकल्प लिया।

महाकुम्भ सनातन परंपरा की जीवंत धारा

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में महाकुम्भ को विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन बताया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सनातन परंपरा की विराटता और दिव्यता का प्रमाण है। उन्होंने 45 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन को भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति का द्योतक बताया। उन्होंने बताया कि अब तक 10 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया है और आगामी दिनों में यह संख्या 45 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।

संतों का आशीर्वाद भारत की उन्नति का आधार

मुख्यमंत्री ने संतों के आशीर्वाद को भारत की उन्नति का आधार बताया और कहा कि संतों के मार्गदर्शन और उनके संकल्पों के परिणामस्वरूप अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण संभव हो सका। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में अयोध्या में 2.36 लाख श्रद्धालु आए थे, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 12 से 15 करोड़ हो गई है। अविरल और निर्मल गंगा इन पूज्य संतों की साधना का ही परिणाम है।

सनातन धर्म एकता और सहिष्णुता का प्रतीक

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन धर्म की जड़ें इतनी गहरी हैं कि यह किसी एक संप्रदाय, जाति या क्षेत्र तक सीमित नहीं है। यह धर्म सभी उपासना विधियों को समान सम्मान देता है। यही कारण है कि सिख गुरुओं, जैन मुनियों और अन्य संत परंपराओं के अनुयायियों ने भी सनातन धर्म की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म एक विराट वटवृक्ष है। इसे जाति, क्षेत्र, भाषा या संप्रदाय के आधार पर बांटा नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री ने गुरु गोविंद सिंह, गुरु तेग बहादुर और अन्य महान संतों के बलिदानों का स्मरण करते हुए कहा कि इन सभी ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया।

अयोध्या, काशी और प्रयागराज का उदाहरण

मुख्यमंत्री ने राम मंदिर निर्माण, काशी विश्वनाथ धाम और प्रयागराज के महाकुम्भ के दिव्य और भव्य आयोजन को सरकार और संतों के सामूहिक प्रयास का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, आज अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार है तो काशी विश्वनाथ धाम एक नए स्वरूप में दुनिया के सामने है। इसी के साथ प्रयागराज में महाकुम्भ की भव्यता ने पूरे विश्व का ध्यान खींचा है। यह सब संतों की प्रेरणा और सनातन धर्म के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का परिणाम है।

आधुनिक भारत में रामराज्य की परिकल्पना

मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे कल्याणकारी कार्यक्रमों को रामराज्य का आधुनिक स्वरूप बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चार करोड़ गरीबों को घर, 12 करोड़ किसानों को सम्मान निधि, 10 करोड़ परिवारों को मुफ्त एलपीजी और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया है। यह भारत के आर्थिक और सामाजिक उत्थान का उदाहरण है।

वर्ल्ड क्लास संस्थान और उद्योग किए जा रहे स्थापित

सीएम योगी ने कहा कि भारत विकास के बड़े-बड़े कार्यों के जरिए तेजी से आगे बढ़ा रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हाईवे, एक्सप्रेसवे, रेलवे, मेट्रो जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहे हैं। वर्ल्ड क्लास संस्थान और उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं। उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों का निर्माण हो रहा है। साथ ही गरीबों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें मुफ्त भोजन जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

संतों के योगदान का स्मरण

मुख्यमंत्री ने अशोक सिंघल के साथ ही अन्य संतों के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा से विश्व हिंदू परिषद ने सनातन धर्म को एक वैश्विक मंच दिया। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और प्रयागराज के महाकुम्भ की भव्यता उन्हीं के आशीर्वाद और नेतृत्व का परिणाम है।

महाकुम्भ से दुनिया को संदेश

अपने संबोधन के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह पूरी दुनिया को सनातन धर्म के एकता, सहिष्णुता और अखंडता का संदेश देने का माध्यम है। इसका हर पहलू भारत की सांस्कृतिक शक्ति को प्रकट करता है। मुख्यमंत्री ने सभी संतों और श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि इस आयोजन से पूरे विश्व को भारत की सांस्कृतिक विरासत और सनातन धर्म की ऊर्जा का संदेश पहुंचाना चाहिए।

Continue Reading

Trending